Upvakya ke bhed | उपवाक्य के भेद

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उपवाक्य क्या होता है?

ऐसा पदसमूह, जिसका अपना अर्थ हो, जो एक वाक्य का भाग हो और जिसमें उदेश्य और विधेय हों, उपवाक्य कहलाता हैं। उपवाक्यों के आरम्भ में अधिकतर कि, जिससे, ताकि, जो, जितना, ज्यों-त्यों, चूँकि, क्योंकि, यदि, यद्यपि, जब, जहाँ इत्यादि होते हैं।

उपवाक्य दो प्रकार के होते है- 

  • प्रधान उपवाक्य
  • आश्रित उपवाक्य



प्रधान उपवाक्य क्या होता है?

किसी वाक्य में जो उपवाक्य किसी पर आश्रित नहीं होता अर्थात् स्वतंत्र होता है एवम् उसकी क्रिया मुख्य होती है , वह मुख्य या प्रधान उपवाक्य कहलाता है।

जैसे-

मोहन ने कहा कि कल उसके मामा आएँगे।

इस वाक्य में ‘मोहन ने कहा’ प्रधान उपवाक्य है।




आश्रित उपवाक्य क्या होता है?

आश्रित उपवाक्य- किसी वाक्य में जो उपवाक्य दूसरे उपवाक्य पर निर्भर होता है अर्थात् स्वतंत्र नहीं होता है एवम् किसी न किसी योजक से जुड़ा होता है , वह आश्रित उपवाक्य कहलाता है।

जैसे-
मोहन ने कहा कि कल उसके मामा आएँगे।

इस वाक्य में ‘ कल उसके मामा आएँगे।’ आश्रित उपवाक्य है।


पहचान - 
'कि' से पहले का वाक्य प्रधान उपवाक्य 
तथा
'कि' के बाद का वाक्य आश्रित उपवाक्य होता है.


  • राम ने कहा कि कल छुट्टी है।

  • आपको सुनकर प्रसन्नता होगी कि उसने परीक्षा पास कर ली।
  • रहीम बोला कि मैं कर्नाटक जा रहा हूँ।
  • मैं जानता हूँ कि वह झूठा है।



आश्रित उपवाक्य के भेद 

आश्रित उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं-

-संज्ञा-आश्रित उपवाक्य 
(Noun Subordinate Clause)

-विशेषण-आश्रित उपवाक्य 
(Adjective Subordinate Clause)

-क्रियाविशेषण-आश्रित उपवाक्य 
(Adverb Subordinate Clouse)



संज्ञा-आश्रित उपवाक्य  या संज्ञा उपवाक्य
(Noun Clause)


वह उपवाक्य जो प्रधान या मुख्य (Principal) उपवाक्य की संज्ञा या कारक के रूप में सहायता करे, उसे संज्ञा उपवाक्य कहते हैं।

दूसरे शब्दों में- जो गौण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य का उद्देश्य (कर्ता), कर्म या पूरक बनकर संज्ञा अथवा सर्वनाम के स्थान पर प्रयुक्त हो, वह संज्ञा उपवाक्य कहलाता है।

जैसे- 'मोहन ने कहा कि मैं पढूँगा'

यहाँ 'मैं पढूँगा' संज्ञा-उपवाक्य है।


गुरु जी ने कहा है कि प्रतिदिन योग करना चाहिए

इस वाक्य में ‘प्रतिदिन योग करना चाहिए’ संज्ञा आश्रित उपवाक्य है। क्योंकि यह उपवाक्य ‘कि’ योजक से तो जुड़ा ही है , साथ ही प्रधान उपवाक्य ‘रामदेव बाबा ने कहा है’ कि ‘क्या कहा है?’ का जवाब भी है , अर्थात् कर्म भी है। अत: यह संज्ञा आश्रित उपवाक्य है।

  • मेरे पिता चाहते हैं कि मैं अच्छा मनुष्य बनूँ।
  • सब जानते है कि हमारे सैनिक साहसी हैं।
  • उसने कहा कि मैं विद्यालय अवश्य जाऊंगा।





विशेषण-आश्रित उपवाक्य या विशेषण उपवाक्य 
(Adjective Clause)


जो उपवाक्य किसी दूसरे उपवाक्य में आये संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करता है, उसे विशेषण उपवाक्य कहते हैं।

या 

जो गौण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की संज्ञा, सर्वनाम या संज्ञा पदबंध की विशेषता बताए, वह विशेषण उपवाक्य कहलाता है। पूरे वाक्य में इसका वही काम आता है, जो साधारण वाक्य में किसी विशेषण का होता है।

‘जो ,जिस, जिसे, जिसको, जिसमे, जिनको जिन्हें ,जिन्होंने आदि’ योजकों से आरम्भ होने वाला  वाक्य विशेषण उपवाक्य होता है।

जैसे-

  • जो दुबला-पतला लड़का है उसे कम मत समझो ।
  • जिस लड़के का (जिसका) मन अध्ययन में नहीं लगता, वह मेरा दोस्त नहीं हो सकता।
  • जिन लोगों ने (जिन्होंने) मेहनत की , वे अवश्य सफल होंगे।


इन वाक्यों में ‘जो, जिस, जिन’ से आरम्भ होने वाले उपवाक्य अर्थात् 

  • ‘जो दुबला - पतला लड़का है’ , 
  • ‘जिस लड़के का (जिसका) मन पढ़ाई में नहीं लगता’ तथा 
  • ‘जिन लोगों ने (जिन्होंने) मेहनत की’ 

अंशवाले उपवाक्य विशेषण आश्रित उपवाक्य हैं।

जैसे- 'वह विद्यार्थी जो कल अनुपस्थित था, बीमार है।'

वह विद्यार्थी जो कल अनुपस्थित था, बीमार है।'
(क) वह विद्यार्थी बीमार है- प्रधान उपवाक्य 
(ख) जो कल अनुपस्थित था - विशेषण उपवाक्य ; 'विद्यार्थी की विशेषता बतलाता है।


क्रियाविशेषण-आश्रित या क्रिया-विशेषण उपवाक्य 
(Adverb Clause)



जो उपवाक्य किसी क्रिया की विशेषता बतलाते हैं, उन्हें क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहते हैं।

दूसरे शब्दों में- जो आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की क्रिया की काल या स्थान आदि से सम्बद्ध विशेषता बताएँ, उन्हें क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहते हैं।

जैसे- जब पानी बरसता है, तब झींगुर बोलते हैं।

जब पानी बरसता है, तब झींगुर बोलते हैं। यहाँ 'जब पानी बरसता है' क्रियाविशेषण-उपवाक्य हैं।

जैसे-

  • जब घटा घिरने लगी , तब मोर नाचने लगा ।
  • जहाँ बस रुकती है,वहाँ बहुत लोग खड़े रहते हैं।
  • जैसे ही पाकिस्तान हारा,लोग टीवी तोड़ने लगे ।
  • जितना कहा जाए , उतना ही किया करो।


इन वाक्यों में ‘जब , जहाँ, जैसे , जितना’ से आरम्भ होनेवाले उपवाक्य अर्थात् 

  • ‘जब घटा घिरने लगी,’ 
  • ‘जहाँ बस रुकती है’ , 
  • ‘जैसे ही पाकिस्तान हारा’ तथा 
  • ‘जितना कहा जाए’ 

अंश वाले उपवाक्य क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य हैं।     






जय हिन्द 
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