पानी की कहानी mcq
pani ki kahani kahani class 8 mcq
MCQ
प्रश्न : 1. लेखक के हाथ पर बेर की झाड़ी से क्या गिरा?
(a) बेर
(b) पत्ता
(c) पानी की बूंद
(d) टहनी का एक टुकड़ा
उत्तर: (c) पानी की बूंद
प्रश्न : 2.सितार के तारों सी झंकार कहाँ-से उत्पन्न हुई थी?
(a) सितार से
(b) पानी
(c) बूंद से
(d) बादल से
उत्तर: (c) बूंद से
प्रश्न : 3.बूंद किसके समान थी?
(a) चाँदी जैसी
(b) मोतियों जैसी
(c) ओस जैसी
(d) पानी के
उत्तर: (b) मोतियों जैसी
प्रश्न : 4.यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
(a) मेरी कहानी
(b) पानी की कहानी
(c) बूंद की कहानी
(d) मैं एक बूंद
उत्तर: (b) पानी की कहानी
प्रश्न : 5.प्रकाश-पिंड कैसा दिखाई पड़ रहा था?
(a) अत्यंत चमकदार
(b) कम चमकीला
(c) बहुत धुंधला
(d) प्रकाश से हीन
उत्तर: (a) अत्यंत चमकदार
प्रश्न : 6.समुद्र का भाग कौन बन चुकी थी?
(a) नदियाँ
(b) मछलियाँ
(c) जल में रहने वाले पेड़ पौधे
(d) पानी की बूंद
उत्तर: (d) पानी की बूंद
प्रश्न : 7.पृथ्वी के भीतर खोखले स्थान तक पहुँचने में बूंद को कितनी दूर चलना पड़ा?
(a) थोड़ी दूर
(b) कई मील दूर
(c) एक मील दूर
(d) दो मील दूर
उत्तर: (c) एक मील दूर
प्रश्न : 8.पिंड किसकी ओर तेज़ी से बढ़ रहा था?
(a) सूर्य की ओर
(b) चंद्रमा की ओर
(c) आकाश की ओर
(d) चारों ओर
उत्तर: (a) सूर्य की ओर
9. बूँद प्रारंभिक अवस्था में किस रूप में थी?
(क) वाष्प के रूप में
(ख) तरल रूप में
(ग) बर्फ़ के रूप में
(घ) सागर के रूप में
उत्तर: (क) वाष्प के रूप में
10. सरिता के दिन किस के लिए मशे के थे?
(क) मछलियों के लिए
(ख) अन्य जल-जीवों के लिए
(ग) पानी की बूँद के लिए
(घ) किनारे खड़े पेड़ों के लिए
उत्तर: (ग) पानी की बूँद के लिए
11. प्राकृतिक सौंदर्य कब निखर उठता था?
(क) सूर्य के छिप जाने पर
(ख) रात होने पर
(ग) सूर्य की किरणें पड़ने पर
(घ) चाँदनी फल जाने पर
उत्तर: (ग) सूर्य की किरणें पड़ने पर
12. बूँद के हथेली पर पड़ते ही लेखक को किस तरह की ध्वनि सुनाई पड़ी?
(क) सितार के तारों-सी
(ख) गिटार के तारों-सी
(ग) वीणा के तारों-सी
(घ) वायलिन के तारों-सी
उत्तर: (क) सितार के तारों-सी
13. बूँद तीन दिन तक कहाँ दुख भोगती रही?
(क) ज़मीन में
(ख) पत्तियों पर
(ग) वायुमंडल में पँफसकर
(घ) तने और पत्तियों के बीच पँफसकर
उत्तर: (घ) तने और पत्तियों वेफ बीच पँफसकर
14. बूँद को मुक्ति किसके कारण मिली?
(क) नदी के बहाव के कारण
(ख) नल के टूटे होने के कारण
(ग) अन्य साथियों से मिलाप के कारण
(घ) मोटे नल में बहने के कारण
उत्तर: (ख) नल के टूटे होने के कारण
15. बूँद को बाहर निकलने का रास्ता कहाँ से मिला?
(क) तने के छिद्र से
(ख) जड़ के रोओें से
(ग) पत्तियों के छिद्र से
(घ) फूलों की पंखुड़ियों से
उत्तर: (ग) पत्तियों के छिद्र से
16. पेड़ से गिरनेवाली बूँद लेखक को निम्नलिखित में से कैसी लगी?
(क) सोने-सी
(ख) हीरे-सी
(ग) चाँदी-सी
(घ) मोती-सी
उत्तर: (घ) मोती-सी
17. सूर्य बूँद की मदद कैसे करते हैं?
(क) जैसे पृथ्वी तक पहुँचाकर
(ख) उसे जम जाने की शक्ति देकर
(ग) जैसे उड़ जाने की शक्ति देकर
(घ) उसे पिघल जाने की शक्ति देकर
उत्तर: (ग) जैसे उड़ जाने की शक्ति देकर
18. लेखक की कलाई से हथेली पर आकर बूँद के कितने कण हो गए थे?
(क) तीन
(ख) दो
(ग) चार
(घ) पाँच
उत्तर: दो
(1)
मैं आगे बढ़ा ही था कि बेर की झाड़ी पर से मोती-सी एक बूंद मेरे हाथ पर आ पड़ी। मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब मैंने देखा कि ओस की बूंद मेरी कलाई पर से सरककर हथेली पर आ गई। मेरी दृष्टि पड़ते ही वह ठहर गई। थोड़ी देर में मुझे सितार के तारों की-सी झंकार सुनाई देने लगी। मैंने सोचा कि कोई बजा रहा होगा। चारों ओर देखा। कोई नहीं। फिर अनुभव हुआ कि यह स्वर मेरी हथेली से निकल रहा है। ध्यान से देखने पर मालूम हुआ कि बूंद के दो कण हो गए हैं और वे दोनों हिल-हिलकर यह स्वर उत्पन्न कर रहे हैं मानो बोल रहे हों।
प्रश्न : 1.लेखक और पाठ का नाम बताइए
(a) एक बूंद – रामचंद्र तिवारी
(b) पानी की बूंद – पी. साईनाथ
(c) पानी की कहानी – रामचंद्र तिवारी
(d) पानी और कहानी – पी. साईनाथ
उत्तर: (c) पानी की कहानी – रामचंद्र तिवारी
प्रश्न : 2.बूंद को किसके समान बताया गया है?
(a) बेर के
(b) मोती के
(c) ओस के
(d) पानी के
उत्तर: (b) मोती के
प्रश्न : 3.बूंद कहाँ ठहर गई ?
(a) कलाई पर
(b) हथेली पर
(c) बेरी की झाड़ पर
(d) पत्ते पर
उत्तर: (c) बेरी की झाड़ पर
प्रश्न : 4.बूंद के कितने कण हो गए?
(a) चार
(b) तीन
(c) दो
(d) पाँच
उत्तर: (c) दो
(2)
“मैं लगभग तीन दिन तक यह साँसत भोगती रही। मैं पत्तों के नन्हें-नन्हें छेदों से होकर जैसे-तैसे जान बचाकर भागी। मैंने सोचा था कि पत्ते पर पहुँचते ही उड़ जाऊँगी। परंतु, बाहर निकलने पर ज्ञात हुआ कि रात होनेवाली थी और सूर्य जो हमें उड़ने की शक्ति देते हैं, जा चुके हैं, और वायुमंडल में इतने जल कण उड़ रहे हैं कि मेरे लिए वहाँ स्थान नहीं है तो मैं अपने भाग्य पर भरोसा कर पत्तों पर ही सिकुड़ी पड़ी रही। अभी जब तुम्हें देखा तो जान में जान आई और रक्षा पाने के लिए तुम्हारे हाथ पर कूद पड़ी।”
प्रश्न : 1. बूंद तीन दिन तक कहाँ साँसत भोगती रही।
(a) धरती में
(b) पेड़ की पत्तियों पर
(c) तने और पत्तियों के बीच
(d) वायुमंडल में फँसकर
उत्तर: (b) पेड़ की पत्तियों पर
प्रश्न : 2.वह लेखक के हाथ पर क्यों कूदी?
(a) क्योंकि सुबह तक सहारा पाना चाहती थी।
(b) उसे लेखक ने स्वयं अपने हाथ पर लिया
(c) पत्ते पर टिकने का सहारा न था
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (a) क्योंकि सुबह तक सहारा पाना चाहती थी।
प्रश्न : 3.बूंद ने रात कहाँ बिताई ?
(a) फूल की पाँखुड़ी पर
(b) पेड़ की पत्तियों पर
(c) पेड़ की शाखा पर
(d) बादलों की गोद में
उत्तर: (b) पेड़ की पत्तियों पर
प्रश्न : 4.‘साँसत’ शब्द का अर्थ है-
(a) साँस न ले पाना
(b) दुख
(c) दबाव
(d) भूख-प्यास
उत्तर: (b) दुख
(3)
समुद्र का भाग बनकर मैंने जो दृश्य देखा वह वर्णनातीत है। मैं अभी तक समझती थी कि समुद्र में केवल मेरे बंधु-बांधवों का ही राज्य है, परंतु अब ज्ञात हुआ कि समुद्र में चहल-पहल वास्तव में दूसरे ही जीवों की है और उसमें निरा नमक भरा है। पहले-पहल समुद्र का खारापन मुझे बिलकुल नहीं भाया, जी मचलाने लगा। पर धीरे-धीरे सब सहन हो चला। एक दिन मेरे जी में आया कि मैं समुद्र के ऊपर तो बहुत घूम चुकी हूँ, भीतर चलकर भी देखना चाहिए कि क्या है ? इस कार्य के लिए मैंने गहरे जाना प्रारंभ कर दिया।
मार्ग में मैंने विचित्र-विचित्र जीव देखे। मैंने अत्यंत धीरे-धीरे रेंगने वाले घोंघे, जालीदार मछलियाँ, कई-कई मन भारी कछुवे और हाथोंवाली मछलियाँ देखीं। एक मछली ऐसी देखी जो मनुष्य से कई गुना लंबी थी। उसके आठ हाथ थे। वह इन हाथों से अपने शिकार को जकड़ लेती थी।
प्रश्न : 1. लेखक ने समुद्र का कौन-सा भाग देखा?
(a) मछलियाँ
(b) खर-पतवार
(c) पानी की बूंद
(d) नदियाँ
उत्तर: (c) पानी की बूंद
प्रश्न : 2.निरा नमक कहाँ भरा हुआ है?
(a) तालाब में
(b) नदी में
(c) झील में
(d) समुद्र में
उत्तर: (d) समुद्र में
प्रश्न : 3.बूंद ने इनमें कौन-सा जीव नहीं देखा था?
(a) मगरमच्छ
(b) घड़ियाल
(c) कछुआ
(d) मछलियाँ
उत्तर: (a) मगरमच्छ
प्रश्न : 4.मछली शिकार को कैसे पकड़ती थी?
(a) पंखों में दबोचकर
(b) मुँह में दबाकर
(c) हाथों से
(d) अन्य मछलियों की मदद से
उत्तर: (c) हाथों से
(4)
मैं अपने दूसरे भाइयों के पीछे-पीछे चट्टान में घुस गई। कई वर्षों में कई मील मोटी चट्टान में घुसकर हम पृथ्वी के भीतर एक खोखले स्थान में निकले और एक स्थान पर इकट्ठा होकर हम लोगों ने सोचा कि क्या करना चाहिए। कुछ की सम्मति में वहीं पड़ा रहना ठीक था। परंतु हममें कुछ उत्साही युवा भी थे। वे एक स्वर में बोले-हम खोज करेंगे, पृथ्वी के हृदय में घूम-घूम कर देखेंगे कि भीतर क्या छिपा हुआ है।”
“अब हम शोर मचाते हुए आगे बढ़े तो एक ऐसे स्थान पर पहुँचे जहाँ ठोस वस्तु का नाम भी न था। बड़ी-बड़ी चट्टानें लाल-पीली पड़ी थीं और नाना प्रकार की धातुएँ इधर-उधर बहने को उतावली हो रही थीं।
प्रश्न : 1.पृथ्वी के भीतर खोखले स्थान तक पहुँचने में बूंद को कितने दूर चलना पड़ा?
(a) थोड़ी दूर
(b) कई मील दूर
(c) एक मील दूर
(d) दो मील दूर
उत्तर: (b) कई मील दूर
प्रश्न : 2.मैं अपने दूसरे भाइयों के पीछे-पीछे में ये भाई कौन हैं?
(a) जीव
(b) चट्टानें
(c) अन्य बूंदें
(d) कोई नहीं
उत्तर: (c) अन्य बूंदें
प्रश्न : 3.बूंदें चट्टान में घुसकर कहाँ निकली हैं?
(a) पृथ्वी में
(b) चट्टान में
(c) पृथ्वी के खोखले स्थान में
(d) पानी में
उत्तर: (d) पानी में
प्रश्न : 4.उत्साही युवाओं से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
(a) अपनी मन मर्जी करने की
(b) अकेला चलने की
(c) निरंतर आगे बढ़ते रहने की
(d) झुंड में चलने की
उत्तर: (c) निरंतर आगे बढ़ते रहने की
(5)
हम लोग अब एक ऐसे स्थान पर पहुँचे जहाँ पृथ्वी का गर्भ रह-रहकर हिल रहा था। एक बड़े ज़ोर का धड़ाका हुआ। हम बड़ी तेज़ी से बाहर फेंक दिए गए। हम ऊँचे आकाश में उड़ चले। इस दुर्घटना से हम चौंक पड़े थे। पीछे देखने से ज्ञात हुआ की पृथ्वी फट गई है और उसमें धुआँ, रेत, पिघली धातुएँ तथा लपटें निकल रही हैं। यह दृश्य बड़ा ही शानदार था और इसे देखने की हमें बार-बार इच्छा होने लगी।
प्रश्न : 1.पृथ्वी का गर्भ क्यों हिल रहा था?
(a) भूचाल के कारण
(b) क्योंकि गरमी के कारण ज्वालामुखी फटनेवाला था
(c) पृथ्वी के नीचे पानी की मात्रा अधिक होने के कारण
(d) पृथ्वी में कंपन होने के कारण पानी की कहानी
उत्तर: (b) क्योंकि गरमी के कारण ज्वालामुखी फटनेवाला था
प्रश्न : 2.पृथ्वी के नीचे से क्या-क्या तत्व निकला?
(a) धुआँ, रेत, मिट्टी व लपटें
(b) धुआँ रेत, लौह धातुएँ व लपटें
(c) धुआँ, रेत, पिघली धातुएँ, व हीरे
(d) धुआँ, रेत, पानी व पिघली धातुएँ
उत्तर: (b) धुआँ रेत, लौह धातुएँ व लपटें
प्रश्न : 3.बूंद को वहाँ का दृश्य कैसा लगा?
(a) मार्मिक
(b) बेकार
(c) शानदार
(d) भयानक
उत्तर: (b) बेकार
प्रश्न : 4.‘हमलोग’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त है?
(a) बूंद के लिए
(b) अनेक बूंदों के लिए
(c) बूंद व उसके भाई बाँधवों के लिए
(d) बूंद व उसके साथ की धूल-मिट्टी के लिए
उत्तर: (c) बूंद व उसके भाई बाँधवों के लिए
प्रश्न : 1.क्रोध और घृणा से किसका शरीर काँप उठा ?
(a) लेखक का
(b) ओस की बूंद का
(c) मछली का
(d) नदी का
उत्तर: (b) ओस की बूँद का।
प्रश्न : 2.नदी तट पर ऊँची मीनार से किस रंग की हवा निकल रही थी ?
(a) भूरे रंग की
(b) काली-काली
(c) बैंगनी
(d) नीली
उत्तर: (b) काली-काली।
प्रश्न : 3.हमारी पृथ्वी प्रारम्भ में किस रूप में थी ?
(a) जंगल से भरी
(b) नदियों से भरी
(c) आग का एक बड़ा गोला
(d) चट्टानों से भरी हुई
उत्तर: (c) आग का एक बड़ा गोला।
प्रश्न : 4.ओस की बूंद ने समुद्र में क्या नहीं देखा?
(a) घोंघा
(b) पेंग्विन
(c) कई-कई मन भारी कछुवे
(d) जालीदार मछलियाँ
उत्तर: (b) पेंग्विन।
प्रश्न : 5.लेखक को ओस की बूंद कहाँ मिली ?
(a) नीम के पेड़ पर मिली
(b) बेर की झाड़ी पर मिली
(c) पीपल के पत्ते पर मिली
(d) केले के पत्ते पर मिली
उत्तर: (b) बेर की झाड़ी पर मिली।
प्रश्न : 6ओस की बूँद क्रोध और घृणा से क्यों काँप उठी ?
(a) क्योंकि नदियाँ बहुत बेरहम होती हैं, वे जलकणों को भीतर खींच लेती हैं
(b) क्योंकि कुएँ बहुत बेरहम होते हैं, वे जलकणों को भीतर खींच लेते हैं
(c) क्योंकि पेड़ बहत बेरहम होते हैं, वे जलकणों को पृथ्वी के भीतर खींच लेते हैं
(d) क्योंकि खेत बहुत बेरहम होते हैं, वे जलकणों को पृथ्वी के भीतर खींच लेते हैं
उत्तर: (c) क्योंकि पेड़ बहुत बेरहम होते हैं, वे जलकणों को पृथ्वी के भीतर खींच लेते हैं।
प्रश्न : 7.हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को पानी ने अपना पूर्वज (पुरखा) क्यों कहा ?
(a) क्योंकि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिलने से पानी बनता है
(b) क्योंकि हाइड्रोजन से ऑक्सीजन मिलती है
(c) क्योंकि पहले पानी आया बाद में ऑक्सीजन
(d) क्योंकि पहले पानी आया बाद में हाइड्रोजन
उत्तर: (a) क्योंकि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिलने से पानी बनता है।
प्रश्न : 8.ओस की बूंद लेखक को आपबीती सुनाते हुए किसकी प्रतीक्षा कर रही थी ?
(a) नदी की प्रतीक्षा कर रही थी
(b) बेर के पेड़ की प्रतीक्षा कर रही थी
(c) सूर्य की प्रतीक्षा कर रही थी
(d) लेखक की प्रतीक्षा कर रही थी
उत्तर: (c) सूर्य की प्रतीक्षा कर रही थी।
1
“उनके वंशज अपनी भयावह लपटों से अव भी उनका मुख उज्ज्वल किए हुए हैं। हाँ, तो मेरे पुरखे बड़ी दिन की बात है कि दूर एक प्रचंड प्रकाश-पिंड दिखाई पड़ा। उनकी आँखें चौंधियाने लगीं। यह पिंड बड़ी तेजी से सूर्य की ओर बढ़ रहा था। ज्यों-ज्यों पास आता जाता था, उसका आकार बढ़ता जाता था। यह सूर्य से लाखों गुना बड़ा था। उसकी महान आकर्षण-शक्ति से हमारा सूर्य काँप उठा। ऐसा ज्ञात हुआ कि उस ग्रहराज से टकराकर हमारा सूर्य चूर्ण हो जाएगा। वैसा न हुआ। वह सूर्य से सहस्रों मील दूर से ही घूम चला, परंतु । उसकी भीषण आकर्षण-शक्ति के कारण सृषं का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला। सूर्य से टूटा हुआ भाग । इतना भारी खिंचाव सँभाल न सका और कई टुकड़ों । में टूट गया। उन्हीं में से एक टुकड़ा हमारी पृथ्वी है। यह प्रारंभ में एक बड़ा आग का गोला थी।”
प्रश्न : 1. प्रचण्ड प्रकाश किस प्रकार का था ?
(a) बहुत धुंधला
(b) नीले रंग का
(c) उगते सूर्य जैसा
(d) प्रचण्ड प्रकाश आँखें चौंधियाने वाला था।
उत्तर: (d) प्रचण्ड प्रकाश आँखें चोधियाने वाला था।
प्रश्न : 2.सूर्य के पास आने पर पिण्ड कैसा लग रहा था ?
(a) बहुत छोटा
(b) सूर्य के पास आने पर पिण्ड का आकार बड़ा होता जा रहा था
(c) वर्फ के गोले जैसा
(d) सूर्य के पास आने पर पिण्ड का आकार बहुत छोटा होता जा रहा था
उत्तर: (b) सूर्य के पास आने पर पिण्ड का आकार बड़ा होता जा रहा था।
प्रश्न : 3.पिण्ड का सूर्य पर क्या प्रभाव पड़ने लगा।
(a) पिण्ड की आकर्षण शक्ति से सूर्य काँपने लगा, लगता था इससे सूर्य चूर-चूर हो जाएगा
(b) कुछ भी प्रभाव नहीं पड़ा
(c) पिण्ड काँपने लगा था
(d) सूर्य चमकने लगा
उत्तर: (a) पिण्ड की आकर्षण शक्ति से सूर्य काँपने लगा, लगता था इससे सूर्य चूर-चूर हो जाएगा।
प्रश्न : 4.उस पिण्ड की भीषण आकर्षण-शक्ति का क्या असर हुआ ?
(a) कुछ असर नहीं हुआ
(b) पिण्ड का एक भाग टूट गया
(C) उस पिण्ड की भीषण आकर्षण शक्ति से सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला गया घि
(d) पिण्ड टकरा गया
उत्तर: (c) उस पिण्ड की भीपण आकर्षण शक्ति से सूर्य का एक भाग टूटकर उसके पीछे चला गया।
प्रश्न : 5.हमारी पृथ्वी कौन-सा टुकड़ा है और किसका टुकड़ा है ?
(a) चाँद का टुकड़ा
(b) सूर्य का टूटा हुआ भाग कई टुकड़ों में टूट गया उन्हीं टुकड़ों में से एक हमारी पृथ्वी वन गई
(c) शनि ग्रह का टुकड़ा
(d) मंगल ग्रह का टुकड़ा
उत्तर: (b) सूर्य का टूटा हुआ भाग कई टुकड़ों में टूट गया। उन्हीं टुकड़ों में से एक हमारी पृथ्वी बन गई ।
2
मैं और गहराई की खोज में किनारों से दूर गई तो मैंने एक ऐसी वस्तु दखी कि मैं चौंक पड़ी। अब तक समुद्र में अँधेरा था, सूर्य का प्रकाश कुछ ही भीतर तक पहुँच पाता था और बल लगाकर देखने के कारण मेरे नेत्र दुखने लगे थे। मैं सोच रही थी कि यहाँ पर जीवों को कैसे दिखाई पड़ता होगा कि सामने ऐसा जीव दिखाई पड़ा मानो कोई लालटेन लिए घूम रहा हो। यह एक अत्यंत सुंदर मछली थी। इसके शरीर से एक प्रकार की चमक निकलती थी ,जो इसे मार्ग दिखलाती थी। इसका प्रकाश देखकर कितनी छोटी-छोटी अनजान मछलियाँ इसके पास आ जाती थीं और यह जब भूखी होती थी तो पेट भर उनका भोजन करती थी।
प्रश्न : 1.अब तक समुद्र में प्रकाश की स्थिति क्या थी ?
(a) अब तक समुद्र में सूर्य का प्रकाश था
(b) अब तक समुद्र में अँधेरा था। सूर्य का प्रकाश कुछ ही भीतर तक पहुँच पाता था
(c) कुछ जगह समुद्र में अँधेरा था तथा कुछ जगह प्रकाश था
(d) समुद्र में सब जगह घोर अँधेरा था
उत्तर: (b) अब तक समुद्र में अँधेरा था। सूर्य का प्रकाश कुछ ही भीतर तक पहुँच पाता था।
प्रश्न : 2.बूंद ने ऐसी क्या चीज देखी थी, जिसे देखकर बूंद चौंक पड़ी ?
(a) एक साँप देखा था
(b) एक बड़ी चट्टान देखी थी
(c) दूर से आता जलयान देखा था
(d) बूँद को एक ऐसा जीव दिखाई दिया जो मानो लालटेन लिये घूम रहा हो, यह जीव एक सुन्दर मछली थी
उत्तर: (d) बूंद को एक ऐसा जीव दिखाई दिया जो मानो लालटेन लिए घूम रहा हो, यह जीव एक सुन्दर मछली थी।
प्रश्न : 3.इस प्रकाश वाली मछली की क्या विशेषता थी ?
(a) इस मछली के शरीर से एक प्रकार की चमक निकलती थी, जो इसे मार्ग दिखलाती थी
(b) यह बहुत तेज तैरती थी
(c) यह अन्य मछलियों का शिकार करती थी
(d) समुद्र में उजाला करने में सहायक थी
उत्तर: (a) इस मछली के शरीर से एक प्रकार की चमक निकलती थी; जो इसे मार्ग दिखलाती थी।
प्रश्न : 4.इसके प्रकाश का अन्य मछलियों पर क्या प्रभाव पड़ता था ?
(a) अन्य मछलियाँ इससे डरकर भाग जाती थीं
(b) अन्य मछलियाँ चौंक जाती थीं
(c) इसके प्रकाश से प्रभावित होकर छोटी-छोटी अनजान मछलियाँ इसके पास आ जाती थीं, भूख लगने पर यह इन छोटी मछलियों से अपना पेट भर लेती थी
(d) अन्य मछलियाँ इसके पीछे दौड़ने लगती थीं
उत्तर: (c) इसके प्रकाश से प्रभावित होकर छोटी-छोटी अनजान मछलियाँ इसके पास आ जाती थीं, भूख लगने पर यह इन छोटी मछलियों से अपना पेट भर लेती थी।
प्रश्न : 5.‘अत्यंत’ के सही सन्धि विच्छेद का चयन कीजिए
(a) अत +यंत
(b) अति + अंत
(c) अत्य + अंत
(d) अत्यं + त
उत्तर: (b) अति + अंत।
3
सरिता के वे दिवस बड़े मजे के थे। हम कभी भूमि को काटते, कभी पेड़ों को खोखला कर उन्हें गिरा देते। बहते-बहते मैं एक दिन एक नगर के पास पहुंची। मैंने देखा कि नदी के तट पर एक ऊँची मीनार में से कुछ काली-काली हवा निकल रही है। मैं उत्सुक हो उसे देखने को क्या बढ़ी कि अपने हाथों दुर्भाग्य को न्यौता दिया। ज्योंही मैं उसके पास पहुंची अपने और साथियों के साथ एक मोटे नल में खींच ले गई। कई दिनों तक मैं नल-नल घूमती फिरी। मैं प्रतिक्षण उसमें से निकल भागने की चेष्टा में लगी रहती थी। भाग्य मेरे साथ था। बस, एक दिन रात के समय मैं ऐसे स्थान पर पहुँची जहाँ नल टूटा हुआ था। मैं तुरंत उसमें होकर निकल भागी और पृथ्वी में समा गई। अंदर घूमते-घूमते इस बेर के पेड़ के पास पहुंची।
प्रश्न : 1.सरिता के रूप में कौन-से दिन बड़े मजे के थे ?
(a) बरसात के दिन
(b) गर्मियों के दिन
(c) पानी सूखने के दिन
(d) जब भूमि को काटने और पेड़ों को खोखला कर गिराने का मौका मिलता था
उत्तर: (d) जब भूमि को काटने और पेड़ों को खोखला कर गिराने का मौका मिलता था।
प्रश्न : 2.नगर के पास बूँद ने क्या देखा ?
(a) बूंद ने नदी के तट पर एक नाव देखी
(b) द ने नदी के तट पर एक ऊँची मीनार देखी; जिसमें से काली-काली हवा निकल रही थी
(c) बूंद ने नदी के तट पर एक मशीन देखी
(d) पानी की एक टंकी देखी
उत्तर: (b) बूंद ने नदी के तट पर एक ऊँची मीनार देखी; जिसमें से काली-काली हवा निकल रही थी।
प्रश्न : 3.बूँद ने किस दुर्भाग्य को न्योता दिया ?
(a) वह गर्म तवे पर गिर पड़ी
(b) वह गर्म रेत में गुम हो गई
(c) बूंद जैसे ही आगे बढ़ी, एक मोटे नल ने उसको अपने भीतर खींच लिया
(d) वह एक गहरे कुएँ में गिर पड़ी
उत्तर: (c) बूँद जैसे ही आगे बढ़ी, एक मोटे नल ने उसको अपने भीतर खींच लिया।
प्रश्न : 4.बूँद को निकलने का मौका किस प्रकार मिला ?
(a) बूँद एक रात टूटे हुए नल से होकर तुरन्त निकल भागी
(b) बूंद एक रात पानी की टोंटी से निकल भागी
(c) बूँद एक लोटे से नीचे गिर गई
(d) बूंद पेड़ के पत्ते से नीचे गिर गई
उत्तर: (a) बूंद एक रात टूटे हुए नल से होकर तुरन्त निकल भागी।
प्रश्न : 5.बूँद बेर के पेड़ के पास कैसे पहुँची ?
(a) बादलों से गिरकर
(b) नदी से होकर
(c) झरने के साथ बहकर
(d) नल से निकल भागने पर वह पृथ्वी में समा गई और अंदर घूमते-घूमते बेर के पेड़ के पास पहुँची
उत्तर: (d) नल से निकल भागने पर वह पृथ्वी में समा गई और अंदर घूमते-घूमते बेर के पेड़ के पास पहुंची |
1. बूँद प्रारंभिक अवस्था में किस रूप में थी?
वाष्प के रूप में
तरल रूप में
बर्फ़ के रूप में
सागर के रूप में
2. लेखक के हाथ पर बेर की झाड़ी से क्या गिरा?
बेर
पत्ता
पानी की बूंद
टहनी का एक टुकड़ा
3. सितार के तारों सी झंकार कहाँ-से उत्पन्न हुई थी?
सितार से
पानी
बूंद से
बादल से
4. बूंद किसके समान थी?
चाँदी जैसी
मोतियों जैसी
ओस जैसी
पानी के
5. प्राकृतिक सौंदर्य कब निखर उठता था?
सूर्य के छिप जाने पर
रात होने पर
सूर्य की किरणें पड़ने पर
चाँदनी फल जाने पर
6. बूँद के हथेली पर पड़ते ही लेखक को किस तरह की ध्वनि सुनाई पड़ी?
सितार के तारों-सी
गिटार के तारों-सी
वीणा के तारों-सी
वायलिन के तारों-सी
7. बूँद ने इनमें से कौन-सा जीव नहीं देखा था?
भारी कछुवे
जालीदार मछलियाँ
मगरमच्छ
कछुवे
8. ग्रहराज’ किसे कहा गया है?
गजराज को
पृथ्वी को
प्रकाश पिंड को
चंद्रमा को
9. समुद्र का भाग कौन बन चुकी थी?
नदियाँ
मछलियाँ
जल में रहने वाले पेड़ पौधे
पानी की बूंद
10. जड़ के रोएँ तथा पंखियों के बीच बूँद निम्नलिखित में से कितने दिन दुख भोगती रही?
एक दिन
चार दिन
दो दिन
तीन दिन
11. बूँद ने रात कहाँ बिताई?
फूल की पंखुड़ी पर
पेड़ के पत्ते पर
पेड़ की शाखा पर
बादलों की गोद में
12. बूँद तीन दिन तक कहाँ दुख भोगती रही?
ज़मीन में
पत्तियों पर
वायुमंडल में पँफसकर
तने और पत्तियों के बीच पँफसकर
13. पृथ्वी के भीतर खोखले स्थान तक पहुँचने में बूंद को कितनी दूर चलना पड़ा?
थोड़ी दूर
कई मील दूर
एक मील दूर
दो मील दूर
14. निरा नमक कहाँ भरा हुआ है?
नदी में
झील में
तालाब में
समुद्र में
15. बूँद को मुक्ति किसके कारण मिली?
नदी के बहाव के कारण
नल के टूटे होने के कारण
अन्य साथियों से मिलाप के कारण
मोटे नल में बहने के कारण
16. पिंड किसकी ओर तेज़ी से बढ़ रहा था?
तने के छिद्र से
जड़ के रोओें से
पत्तियों के छिद्र से
फूलों की पंखुड़ियों से
17. बूँद कैसे उत्पन्न हुई?
बर्फ़ के पिघलने से
वाष्प के जमने से
हाइड्रोजन और ओषजन की क्रिया से
हाइड्रोजन और ओषजन के अलग होने से
18. सूर्य बूँद की मदद कैसे करते हैं?
जैसे पृथ्वी तक पहुँचाकर
उसे जम जाने की शक्ति देकर
जैसे उड़ जाने की शक्ति देकर
उसे पिघल जाने की शक्ति देकर
19. लेखक की कलाई से हथेली पर आकर बूँद के कितने कण हो गए थे?
तीन
दो
चार
पाँच
20. मछली शिकार को कैसे पकड़ती थी?
पंखों में दबोचकर
मुँह में दबाकर
हाथों से
अन्य मछलियों की मदद से
जय हिन्द : जय हिंदी
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