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पाठ-3 
कुँवर नारायण 

कविता के बहाने 
बात सीधी थी पर


1. 'कविता के बहाने' कविता के रचनाकार हैं-

(क) कुंवर सिंह
(ख) कुंवर प्रसाद
(ग) कुँवर प्रकाश
(घ) कुँवर नारायण।

उत्तर- (घ) कुँवर नारायण।

2. कविता किस के बहाने एक उड़ान है?

(क) अतीत
(ख) बालक
(ग) चिड़िया
(घ) प्रेमिका

उत्तर- (ग) चिड़िया।

3. कविता फूलों के बहाने क्या है ?

(क) गिनना
(ख) खिलना
(ग) मुरझाना
(घ) उगना

उत्तर- (ख) खिलना

4.कविता किस के बहाने खेल रही थी ?

(क) बच्चे के
(ख) खिलौने के
(ग) पेंच के
(घ) भाषा के।

उत्तर- (क) बच्चे के।

5. 'सब घर एक कर देने का आशय है-

(क) भेदभाव नहीं रखना
(ख) तोड़-फोड़ करना
(ग) सीमा में रहना
(घ) शोर मचाना।

उत्तर- (क) भेदभाव नहीं रखना ।

6. 'बात सीधी थी पर कविता के कवि है.

(क) कुंवर प्रकाश
(ख) कुंवर नारायण
(ग) कुँवर प्रसाद
(घ) कुंवर सिंह।

उत्तर- (ख) कुंवर नारायण।

7.सीधी सी बात किस के चक्कर में फंस गई ?(Imp)

(क) भाव के
(ख) छंद के
(ग) अलंकार के
(घ) भाषा के।

उत्तर- (ग) अलंकार के।

8. कवि किसे पाने की कोशिश करता है ?

(क) बात को
(ख) पेंच को
(ग) कील को
(घ) कलम को।

उत्तर-(क) बात को।

9. बात बाहर निकलने की अपेक्षा कैसी हो गई।

(क) व्यर्थ
(ख) अनर्गल
(ग) पेचीदा
(घ) सहज।

उत्तर- (ग) पेचीदा।

10. कवि क्या करतब कर रहा था ?

(क) मेज़ पर पेंच ठोक रहा था
(ख) बात सुलझाने की कोशिश कर रहा था
(ग) नाटक कर रहा था
(घ) लोगों को बात समझा रहा था।

उत्तर- (ख) बात सुलझाने की कोशिश कर रहा था ।

11. बात कवि के साथ कैसे खेल रही थी।

(क) खिलाने के समान
(ख) खिलाड़ी के समान
(ग) बच्चे के समान
(घ) भाग्य के समान।

उत्तर-(ग) बच्चे के समान।

12. 'बात की चूड़ी मर जाना' से कवि का तात्पर्य है-

(क) स्पष्ट होना
(ख) तर्कपूर्ण होना
(ग) प्रभावपूर्ण होना
(घ) प्रभावहीन होना।

उत्तर-(घ) प्रभावहीन होना।

13. 'बात की पैच खोलना' प्रतीक से स्पष्ट होता है-

(क) स्पष्ट होना
(ख) समझ न आना
(ग) उलझ जाना
(घ) बहस करना।

उत्तर-(क) स्पष्ट होना।

14.बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना है बात-

(क) समझ जाना
(ख) तर्कपूर्ण होना
(ग) समझ नहीं आना
(घ) प्रभावी होना।

उत्तर- (ग) समझ नहीं आना।

15. 'मुझे पसीना पोछते देख कर पूछा' में अलंकार है-

(ख) अनुप्रास
(ग) उत्प्रेक्षा
(घ) यमक

उत्तर-(ख) अनुप्रास।

16. कुंवर नारायण का जन्म किस सन में हुआ था ?

(क) 1926
(ख) 1927
(ग) 1928
(घ) 1929

उत्तर-(8) 19271

17. कुंवर नारायण द्वारा रचित प्रबंध काव्य है-

(क) रश्मिरथी
(ख) उर्वशी
(ग) आत्मजयी
(घ) कामायनी

उत्तर- (ग) आत्मजयी।

18. कुंवर नारायण को किस कदि नाम पर सम्मान मिला था ?

(क) तुलसी
(ख) सूरदास
(ग) रैदास
(घ) कबीर

उत्तर-(घ) कबीर

19. 'कविता के बहाने कविता कवि के किस काव्य संग्रह से गई।

(क) इन दिनों
(ख) कोई दूसरा नहीं
(ग) अपने सामने
(घ) चक्रव्यूह

उत्तर- (क) इन दिनों

20. 'बात सीधी थी पर कविता कवि के किस काव्य संग्रह से ली गई है।

(क) इन दिनों
(ख) कोई दूसरा नहीं
(ग) अपने सामने
(घ) चक्रव्यूह

उत्तर- (ख) कोई दूसरा नहीं।

21. कविता किस का खेल है?

(क) बच्चों का
(ख) चिड़िया का
(ग) शब्दों का
(घ) फूलों का।

उत्तर-(ग) शब्दों का।

22. 'बात सीधी थी पर' में किस की सहजता की बात कही गई है?

(क) व्यक्ति
(ख) समाज
(ग) देश
(घ) भाषा।

उत्तर-(घ) भाषा।

23.कविता की उड़ान को कौन नहीं जान सकता?

(क) रसिक व्यक्ति
(ख) चिड़िया
(ग) कवि
(घ) समीक्षका

उत्तर- (ब) चिड़िया

24. 'कविता के पंख लगा उड़ने से तात्पर्य है-

(क) व्यर्थ लिखना
(ख) शब्द-अर्थ में विसंगति
(ग) कल्पना करना
(घ) स्पष्ट करना।

उत्तर- (ग) कल्पना करना।

25. 'बिना मुरझाए महकने के माने' में अलंकार है-

(क) उपमा
(ख) यमक
(ग) उत्प्रेक्षा
(घ) अनुप्रास।

उत्तर- (घ) अनुप्रास।

26. बात बाहर निकलने की अपेक्षा कैसी हो गई थी ?

(क) पेचीदा
(ख) सरल
(ग) बक
(घ) व्यर्थ।

उत्तर-(क) पेचीदा।

27.आडम्बर पूर्ण शब्दों के प्रयोग से भाषा कैसी हो जाती है?

(क) अस्पष्ट
(ख) स्पष्ट
(ग) सहज
(घ) सुंदर।

उत्तर-(क) अस्पष्ट।

28. कुंवर नारायण किस संवेदना के कवि हैं ?

(क) ग्रामीण
(ख) नागर
(ग) दलित 
(घ) व्याकरण

उत्तर-(ख) नागर

29. 'बात सीधी थी पर मैं कवि ने किस पर बल दिया है ?

(क) भाषा की जटिलता
(ख) भावों की सरसता
(ग) भाषा की सहजता
(घ) भावों की गरिमा।

उत्तर- (ग) भाषा की सहजता।

30. अच्छी कविता का बनना सही बात का सही किस से जुड़ना है?

(क) व्यक्ति
(ख) संस्था
(ग) अर्थ
(घ) शब्द

उत्तर-(घ) शब्द


32. कवि से शरारती बच्चे के समान कौन खेल रही थी ?

(क) बात
(ख) भाषा
(ग) कविता
(घ) पतंग

उत्तर-(क) बात

33. भाषा के साथ-साथ बात कैसी होती गई थी?

(क) सरल
(ख) नीरस 
(ग) पेचीदा
(घ) बोधगम्य

उत्तर-(ग) पेचीदा।

34. भाषा के क्या करने से बात और अधिक पेचीदा हो गई ?

(क) तोड़ने-मरोड़ने
(ख) उलटने-पलटने
(ग) घुमाने-फिराने
(घ) उपर्युक्त सभी

उत्तर- (4) उपर्युक्त सभी।

35. बात कवि के साथ किसके समान खेल रही थी ?

(क) खिलौने
(ख) पेंच
(ग) बच्चे
(घ) भाषा

उत्तर- (ग) बच्चे

36. कवि ने कविता के लिए क्या उपमान दिया है?

(क) सागर
(ख) गागर
(ग) खेल
(घ) रेल

उत्तर- (ग) खेल

37. बात जरा टेढी फंसने का मूल कारण क्या है?

(क) विवाद
(ख) अर्थवाद
(ग) संवाद
(घ) भाषा

उत्तर- (ख) अर्थवाद

38. बिना मुरझाए क्या महकती हैं?

(क) कविता
(ख) सरिता
(ग) वनिता
(घ) हर्षिता।

उत्तर- (क) कविता।



कविता के बहाने

1. “कविता के बहाने” कविता के कवि कौन हैं 
– कुँवर नारायण जी

2. “कविता के बहाने” कविता को किस काव्य-संग्रह से लिया गया हैं 
– “इन दिनों”

3. कविता किस भाषा में लिखी गई है 
– खड़ी बोली

4. “कविता के बहाने” कविता में कौन सा छंद हैं 
– कविता छंद मुक्त है।

5. “कविता के बहाने” कविता में किस प्रकार की शिल्प शैली है 
– बिम्ब प्रधान

6. “कविता के बहाने” कविता में किसके अस्तित्व पर विचार किया गया है 
– कविता के

7. कविता पढ़ते और लिखते समय कौन से बंधन टूट जाते हैं 
– देश , काल और परिस्थिति के

8. कवि के लिए कविता क्या है 
– मन की उड़ान

9. कवि के लिए कविता किसका खेल हैं 
– शब्दों का

10. कवि के लिए अपनी भावनाओं व कल्पनाओं की अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा साधन क्या हैं 
– कविता

11. “कविता के बहाने” कविता के अनुसार , प्रकृति कवि के लिए क्या है
– कविता लिखने का एक साधन

12. कविता के बहाने कविता के अनुसार चिड़िया , फूल और बच्चे क्या हैं 
– अभिव्यक्ति के साधन

13. “कविता के बहाने” कविता में , कविता की किनसे समानता दर्शायी गई है 
– चिड़िया , फूल और बच्चे

14. कविता की शक्ति दिखाने के लिए कवि ने किन-किन उदाहरणों का सहारा लिया 
– चिड़िया का उड़ना , फूलों का खिलना और बच्चों का खेलना

15. “कविता के बहाने” कविता को पढ़कर , अंत में क्या निष्कर्ष निकलता है – कविता कालजयी होती है।

16. इस कविता में कवि ने किसकी उड़ान को असीमित बताया हैं 
– कविता

17. किसकी उड़ान को सीमित बताया हैं 
– चिड़िया की

18. कविता की उड़ान कैसी होती है 
– व्यापक

19. “कविता के पंख” किसका प्रतीक है 
– कवि की कल्पनाओं के

20. “कविता के पंख” में कौन सा अलंकार है 
– रूपक पंक्ति

21. कविता किसके बहाने एक उड़ान है
 – चिड़िया के

22. “चिड़िया क्या जाने” में कौन सा अलंकार है 
– प्रश्नालंकार

23. कविता की उड़ान को कौन नहीं जान सकता 
– चिड़िया

24. चिड़िया अपने पंखों के सहारे उड़ती है और कविता किसके सहारे उड़ती है 
– कवि की कल्पनाओं के सहारे।

25. इस कविता के अनुसार कविता और चिड़िया में क्या समानता है 
– दोनों ही उड़ान भर सकते हैं।

26. कविता और चिड़िया की उड़ान में क्या अंतर है 
– चिड़िया की उड़ान की एक सीमा है जबकि कविता की उड़ान की कोई सीमा नहीं है।

27. कविता में चिड़िया का वर्णन करने के पीछे, कवि का क्या उद्देश्य है
–अपने मन के भावों को व्यक्त करना

28. “बाहर – भीतर” में कौन सा अलंकार है 
– “र” वर्ण की आवृत्ति के कारण , अनुप्रास अलंकार

29. कविता फूलों के बहाने क्या है 
– खिलना

30. कवि के मन में भाव किस तरह खिलते हैं 
– फूल की

31. कविता के बिना मुरझाये खिले रहने व महकते रहने के रहस्य को कौन नहीं समझ सकता हैं। 
-फूल

32. “फूल क्या जाने” में कौन सा अलंकार है 
– प्रश्नालंकार

33. “बिना मुरझाए महकने के माने” इस पंक्ति में कौनसा अलंकार है
– “म” वर्ण की आवर्ती होने से अनुप्रास अलंकार है।

34. “बिना मुरझाए महकने के मायने क्या होते हैं ” से क्या आशय हैं 
– कविता का प्रभाव चिर स्थाई होता है

35. कविता और फूल , दोनों में क्या समानता होती है 
– दोनों ही खिलते और महकते हैं

36. फूल की अंतिम परिणति क्या होती है 
– मुरझाना

37. बिना मुरझाये सदियों तक क्या महकती रहती हैं 
– कविता

38. कविता सदियों तक महकती रहती है। इस कथन का क्या आशय है 
– कविता कालजयी होती है। उसके शब्दों , काव्य सौंदर्य व शिल्प सौंदर्य का प्रभाव सदियों तकएक सा बना रहता है

39. कविता और फूलों के महकने में क्या अंतर है 
– फूल कुछ ही समय के लिए महक सकते हैं कविता कालजयी होती है।

40. फूल , कविता से कम प्रभावशाली किस प्रकार है – फूल कुछ समय बाद मुरझा जाते हैं।

41. कविता किसके बहाने खेल रही है 
– बच्चे के

42. “सब घर एक कर देने” का आशय क्या है 
– भेदभाव भुला देना या भेदभाव नहीं रखना

43. बच्चों के खेलते समय कौन से बंधन टूट जाते हैं 
– अपना -पराया , धर्म , जाति और संकीर्णता के बंधन

44. इस कविता के अनुसार बच्चों के खेल की क्या विशेषता होती है 
– वो खेलते समय विभिन्न घरों के भेदभाव को मिटा देते हैं

45. बड़ों लोगों के बीच की दूरी को कौन मिटा सकता है 
– बच्चे

46. कवि का मन किस भावना से ऊपर उठकर सबको बच्चों के समान ही मानता है 
– अपने-पराए के भेदभाव से ऊपर उठकर

47. कवि और बच्चों में समानता रखने का क्या कारण है 
– दोनों किसी सीमा को नहीं मानते और दोनों के लिए कोई अपना – पराया नहीं



बात सीधी थी पर


1. “बात सीधी थी पर” के कवि कौन हैं 
– कुँवर नारायण जी

2. “बात सीधी थी पर” कविता को किस काव्य संग्रह से लिया गया है 
-“कोई दूसरा नहीं”

3. इस कविता में किसी बात को कहने के लिए , किस पर विशेष जोर दिया गया हैं 
– भाषा की सहजता व सरलता में

4. कविता में भाषा की सहजता व सरलता क्यों जरूरी हैं 
– ताकि कविता के भाव व उद्देश्य , श्रोता की समझ में आसानी से आ सके।

5. एक अच्छी कविता बनाने के लिए क्या जरूरी हैं 
– सही जगह पर सही भाषा या शब्दों का प्रयोग

6. “बात सीधी थी पर” कविता में कौन सी भाषा का प्रयोग हुआ है 
– खड़ी बोली

7. कविता में कौन सा छंद प्रयोग हुआ हैं 
– यह छंद मुक्त कविता है।

8. सीधी सी बात किसके चक्कर में फँस गई 
– भाषा के

9. बात को सही करने व भाषा को सरल बनाने के चक्कर में कवि ने कविता में क्या किया 
– कविता के शब्दों में थोड़ा बदलाव

10. शब्दों में थोड़ा बदलाव कर कविता को ठीक करने के चक्कर में भाषा कैसी हो गई 
– और अधिक जटिल

11. कवि किसे पाने की कोशिश करता है 
– बात को

12. भाषा के साथ-साथ बात कैसी हो गई 
– पेचीदा

13. किस कारण बात पहले से और अधिक पेचीदा हो गई 
– घुमाने – फिराने से

14. उल्टा-पुल्टा , तोड़ा -मरोड़ा , घुमाया-फिराया” , में कौन सा अलंकार हैं 
– अनुप्रास अलंकार

15. “बात की पेंच खोलने” से कवि का क्या तात्पर्य है 
– बात को स्पष्ट करना।

16. दो वस्तुओं को जोड़ने के लिए पेंच में क्या होना आवश्यक हैं ताकि वस्तुओं पर पेंच की पकड़ मजबूत हो सके 
– चूड़ियों (खाँचे) का

17. पेंच को अच्छी तरह से कसने के लिए उसे किस दिशा में धुमाना आवश्यक हैं 
– सीधी दिशा

18. गलत दिशा में धुमाने से पेंच पर क्या प्रभाव पड़ेगा 
– पेंच कसने के बजाय खुलने लगेगा

19. जबरदस्ती पेंच कसने की कोशिश करने पर क्या प्रभाव पड़ेगा 
– पेंच की चूड़ियों टूट जाएंगी ।

20. कविता के भावों को समझे बिना कवि , कविता में क्या करने लगे 
– चमत्कारिक व बनावटी भाषा का प्रयोग

21. कविता में कवि के करतब किसे कहा हैं 
– बनावटी भाषा के प्रयोग को

22. आडंबर पूर्ण शब्दों व बनावटी भाषा के प्रयोग से भाषा कैसी हो जाती है – अस्पष्ट

23. कवि के करतबों (कविता में बनावटी भाषा का प्रयोग) को देख कर तमाशबीनों ने क्या किया 
– उसकी झूठी तारीफ व वाह-वाही की

24. अपनी झूठी तारीफ व वाह-वाही को सुनकर कवि कैसा महसूस कर रहे थे 
– खुशी का अनुभव कर रहे थे।

25. कवि करतब दिखाकर क्या करने की कोशिश कर रहा था 
– अपनी बात समझाने की कोशिश

26. “पेंच में चूड़ी मर जाना” से कवि का क्या तात्पर्य है 
– बात का प्रभावहीन हो जाना

27. बनावटी भाषा के प्रयोग से कविता कैसी हो गई 
– एकदम प्रभावहीन व उद्देश्यहीन

28. अंत में कविता क्या बनकर रह गई 
– शब्दों का एक समूह मात्र

29. शरारती बच्चे के समान कवि से कौन खेल रही थी 
– बात

30. बात कवि के साथ किसके समान खेल रही थी 
– किसी शरारती बच्चे के समान

31. कविता में भाषा का सही प्रयोग न कर पाने से परेशान कवि को देखकर बात रूपी नटखट बच्ची ने उनसे क्या पूछा 
– क्या कवि ने सरल , स्वाभाविक व सुविधाजनक तरीके से भाषा का प्रयोग करना नहीं सीखा।

32. “बात ने, जो एक शरारती बच्चे की तरह , मुझसे खेल रही थी “, कविता की इस पंक्ति की क्या खासियत हैं 
– यहाँ “बात” का मानवीकरण किया है।

33. “पसीना-पोंछते” , “ठीक-ठाक” , “हार कर” में कौन सा अलंकार हैं 
– अनुप्रास अलंकार है।

34. कविता में “बात के तुलना पेंच की गई है , यह कौन से अलंकार का उदाहरण हैं 
– उपमा अलंकार

35. “क्या तुमने भाषा को सहूलियत से बरतना कभी नहीं सीखा?” यहां पर “बात” कवि से प्रश्न पूछ रही है। इसमें कौन सा अलंकार हैं 
– प्रश्न अलंकार

कवि से संबंधित प्रश्न 

1. कुंवर नारायण का जन्म किस सन में हुआ था 
– 1927

2. कुंवर नारायण का जन्म कहाँ हुआ था 
– उत्तर प्रदेश में

3. नारायण जी की मूल विधा क्या रही ?
– कविता

4. कुंवर नारायण जी ने कविता के अलावा और कौन सी विधा में लेखन कार्य किया है 
– चिंतन परक लेखन , कहानियाँ , सिनेमा समीक्षाएं आदि

5. कुंवर नारायण ने कौन से प्रबंध काव्य की रचना की 
– आत्मजयी

6. कुंवर नारायण किस संवेदना के कवि हैं 
– नागर

7. कुंवर नारायण को कौन से पुरस्कार मिले हैं 
– साहित्य अकादमी पुरस्कार , कुमारन आशान पुरस्कार , व्यास सम्मान , प्रेमचंद पुरस्कार , लोहिया सम्मान , कबीर सम्मान , ज्ञानपीठ पुरस्कार।

8. कुंवर नारायण ने काव्य लेखन की शुरुआत कब की 
– 1950 से

9. कुंवर नारायण की पहली रचना क्या है
 – चक्रव्यूह

10. कुंवर नारायण की प्रथम रचना “चक्रव्यूह” कब लिखी गई थी 
– 1956



जय हिन्द : जय हिंदी 
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