kale megha pani de class 12 | काले मेघा पानी दे

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kale megha pani de class 12 pdf 

काले मेघा पानी दे class 12 pdf


आरोह 

पाठ-13

काले मेघा पानी दे
धर्मवीर भारती
संस्मरण


महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • लोकजीवन के विश्वास और विज्ञान के तर्क पर आधारित निबंध 
  • ग्रामीण धार्मिक एवं सामाजिक संस्कृति का वर्णन 
  • किसानों की त्रासदी 
  • अंधविश्वासों एवं रूढ़िवादिता का वर्णन 


प्रश्न 1- आशय स्पष्ट कीजिए-

“ जेठ के दसतपा बीतकर आषाढ़ का पहला पखवाड़ा बीत चुका होता पर क्षितिज में कहीं बादलों की रेख भी नजर नहीं आती|”

उत्तर : जेठ का महीना ,भीषण गर्मी के दस दिन बितकर आषाढ़ का महीना आधा बीत जाना , पानी के लिए तड़पना और वर्षा के लिए लोगों द्वारा आकाश को देखना परंतु बादलों का नजर न आना |

प्रश्न 2 इंदर सेना सबसे पहले गंगा मैया की जय क्यों बोलती है? नदियों का भारतीय संस्कृति में क्या महत्त्व है?

उत्तर : भारत में गंगा नदी को विशेष सम्मान प्राप्त है। उसे माँ और देवी का दर्जा दिया जाता है। हर शुभ कार्य में गंगाजल का प्रयोग किया जाता है।इसलिए इंदरसेना गंगा मैया की जय बोलती है। भारतीय संस्कृति में नदियों का बहुत महत्त्व है। इन्हीं के किनारे कई सभ्यताओं का जन्म हुआ। कई धार्मिक व सांस्कृतिक स्थल भी नदियों के तट पर विकसित हुए हैं। नदियों के किनारे पर ही मेले लगते हैं। नदियों को मोक्षदायिनी माना जाता है।

प्रश्न 3 काले मेघा पानी दे पाठ में लेखक ने देशवासियों की किस मानसिकता की ओर संकेत किया है?

अथवा

काले मेघा दल के दल उमडते है पर गगरी फूटी रह जाती है-आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : लेखक कहता है कि देश में लोग हर समय मांग करते हैं, परंतु देश के लिए त्याग व समर्पण का भाव नहीं है। उन्हें सिर्फ अपने हित सर्वोपरि लगते हैं। एक दूसरे के भ्रष्टाचार की आलोचना करते है।विकास के नाम पर अरबों रुपयों की योजनाएँ बनती हैं , बहुत पैसा खर्च होता है परंतु भ्रष्टाचार के कारण वह आम आदमी तक नहीं पहुँचता।उसकी हालत वैसी ही बनी रहती है।

प्रश्न 4 इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को जीजी ने किस प्रकार सही ठहराया?

उत्तर : i.पानी का अर्घ्य- कुछ पाने के लिए कुछ चढावा देना पडता है। इंद्र को पानी का अर्घ्य चढाने से वे वर्षा करेंगे।

ii. त्याग की भावना से दान-जिस वस्तु की अधिक जरूरत है उसके दान से फल मिलता है।

iii. पानी की बुवाई- पानी को गलियों में बीज की तरह बोएँगे तब जाकर ही पानी की फसल(वर्षा) लहलहाएगी।



पठित गद्यांश 

इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों की त्यों मन पर दर्ज है। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती है, हम आज देश के लिए करते क्या है? माँगे हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी है पर त्याग का कही नाम निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चट्खारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते है पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे है। काले मेघा दल के दल उमडते है, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी की फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते है? आखिर कब बदलेग़ी यह स्थिति ?

1. कौन सी बात लेखक के मन पर ज्यों की त्यों दर्ज है और क्यों?

उत्तर : लेखक के मन पर यह बात ज्यों की त्यों दर्ज है, जो उनकी जीजी ने कही थी, कि पहले खुद ही देना पड़ता है, तब देवता तुम्हें चौगुना-अठगुना करके लौटाते हैं। लेखक के मन में यह बात इसलिये दर्ज़ है क्योंकि उनकी जीजी ने पूरे विश्वास से कही थी।

2. लेखक को देश संदर्भ में कौन सी बात कचोटती है?

उत्तर : लेखक को देश संदर्भ में यह बात कचोटती है कि हम आज देश के लिए करते क्या है? माँगे हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी है पर त्याग का कही नाम निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है।

3. अंतिम पंक्तियों में काले मेघा किसके प्रतीक है? सप्रमाण बताइए।

उत्तर : अंतिम पंक्तियों में काले मेघा लोक कल्याण के लिये सरकारों द्वारा किये जाने वाले कार्यों के प्रतीक हैं, परंतु भ्रष्टाचार के कारण उनका लाभ आम जन को नहीं मिल पाता। उदाहरण के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकानों का प्रचार तो बहुत होता है, परंतु वास्तव में वह सभी निर्धनों को नहीं मिल पाता।

4. पानी बरसने पर भी गगरी क्यों फूटी रह जाती है? बैल क्यों प्यासे रह जाते है?

उत्तर : पानी बरसने पर भी गगरी इसलिये फूटी रह जाती है, क्योंकि हम उसका सदुपयोग और संरक्षण नहीं कर पाते। इसीलिये बैल प्यासे रह जाते हैं, अर्थात उनका लाभ नहीं मिल पाता।


विषय वस्तु पर आधारित प्रश्न 

प्रश्न 1) लोगों ने लड़कों की टोली को इंद्र सेना अथवा मेंढक मंडली क्यों कहा ?

उत्तर:- यह नवयुवक अपने आप को इंद्र की सेना कहते थे अगर उन पर पानी गिराया जाएगा तो इंद्र भगवान प्रसन्न होगें और बदले में पानी की बरसात करेंगे | इनके मेंढक की तरह गली गली कीचड़ में लथपथ होकर कूदने के कारण कुछ लोग इनको मेंढक मंडली भी कहते हैं |

प्रश्न 2) जीजी ने इंद्र सेना पर पानी फैंकना उचित कैसे ठहराया ?

उत्तर:- अगर इंद्र सेना पर पानी फैकेंगे हो बदले में इंद्र देवता वर्षा करेगा कुछ पाने के लिए कुछ त्याग करना पड़ता है |

प्रश्न 3) ‘गगरी फूटी बैल प्यासा’ का क्या अर्थ है ?

उत्तर:- लेखक संकेत माध्यम से कहता है कि वर्षा के बिना खेती सूखी जा रही है | खेती के आधार कहे जाने वाले बैल पानी न पीने के कारण मरे जा रहे हैं |

प्रश्न 4) ‘पानी दे गुड़धानी दे’- मेघों से पानी के साथ गुडधानी कि माँग क्यों की जा रही है ?

उत्तर:- यदि बादल बरसेंगे तो पानी मिलेगा, पानी से फसल पैदा होगी अत: गुड़धानी का दाता भी बादल या भगवान इंद्र है |



                                                               पठित गद्यांश 

"पानी की आशा पर जैसे सारा जीवन आकर टिक गया हो। बस एक बात मेरे समझ में नहीं आती थी कि जब चारों ओर पानी की इतनी कमी है तो लोग घर में इतनी कठिनाई से इकट्ठा करके रखा हुआ पानी बाल्टी भर-भरकर इन पर क्यों फेंकते हैं। कैसी निर्मम बरबादी है पानी की। देश की कितनी क्षति होती है इस तरह के अंधविश्वासों से। कौन कहता है इन्हें इंद्र की सेना? अगर इंद्र महाराज से ये पानी दिलवा सकते हैं तो खुद अपने लिए पानी क्यों नहीं माँग लेते? क्यों मुहल्ले भर का पानी नष्ट करवाते घूमते हैं? नहीं यह सब पाखंड है। अंधविश्वास है। ऐसे ही अंधविश्वासों के कारण हम अंग्रेजों से पिछड़ गए और गुलाम बन गए।"


1. इस गद्यांश में किस ऋतु का वर्णन किया गया है ?

(अ) वर्षा ऋतु,
(ब) ग्रीष्म ऋतु,
(स) शीत ऋतु,
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

2. लेखक को कौन-सी बात समझ में नहीं आती ?

(अ) लोग पानी की बरबादी क्यों करते हैं,
(ब) मेंढक मंडली पर पानी क्यों फेंकते हैं,
(स) अंधविश्वासी क्यों हो रहे हैं,
(द) उपर्युक्त सभी।

3. सारा जीवन किस पर आकर टिक गया है ?

(अ) पानी पर,
(ब) अंधविश्वास पर,
(स) ग्रीष्म ऋतु पर,
(द) लेखक के विचारों पर ।

4. लेखक ने इन्दर सेना अथवा मेंढक मंडली पर पानी फेंकने को क्या कहा है ?

(अ) अंधविश्वास,
(ब) पाखंड,
(स) पानी की बरबादी,
(द) उपर्युक्त सभी।

5. गद्यांश के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहते हैं ?

(अ) पाखंड विखंडन,
(ब) अंधविश्वासों से मुक्ति,
(स) पानी की निर्मम बरबादी को रोकना,
(द) उपर्युक्त सभी।




                                                                पठित गद्यांश 

"सचमुच ऐसे दिन होते जब गली-मुहल्ला, गाँव-शहर हर जगह लोग गरमी में भुन-भुन कर त्राहिमाम कर रहे होते, जेठ के दसतपा बीतकर आषाढ़ का पहला पखवारा भी बीत चुका होता, पर क्षितिज पर कहीं बादल की रेख भी नहीं दिखती होती, कुएँ सूखने लगते, नलों में एक तो बहुत कम पानी आता और आता भी तो आधी रात को भी मानो खौलता हुआ पानी हो। शहरों की तुलना में गाँव में और भी हालत खराब होती थी। जहाँ जुताई होनी चाहिए वहाँ खेतों की मिट्टी सूख कर पत्थर हो जाती, फिर उसमें पपड़ी पड़कर जमीन फटने लगती, लू ऐसी कि चलते-चलते आदमी आधे रास्ते में लू खाकर गिर पड़े। ढोर-ढंगर प्यास के मारे मरने लगते लेकिन बारिश का कहीं नाम निशान नहीं, ऐसे में पूजा-पाठ कथा-विधान सब करके लोग जब हार जाते तब अंतिम उपाय के रूप में निकलती यह इंदर सेना। वर्षा के बादलों के स्वामी हैं इंद्र और इंद्र की सेना टोली बाँधकर कीचड़ में लथपथ निकलती, पुकारते हुए मेघों को, पानी माँगते हुए प्यासे गलों और सूखे खेतों के लिए।"

1. लोगों की परेशानी का क्या कारण था ?

(अ) पानी का अभाव,
(ब) मेंढक मंडली का बढ़ता दबदबा,
(स) बढ़ती गर्मी,
(द) बढ़ते हुए अंधविश्वास।

2. वर्षा के स्वामी किसे माना जाता है ?

(अ) वरुण,
(ब) यम,
(स) इन्द्र,
(द) कुबेर।

3. गाँव वाले बारिश के लिए क्या उपाय करते थे ?

(अ) पूजा-पाठ,
(ब) कथा-विधान,
(स) उपर्युक्त दोनों,
(द) इनमें से कोई नहीं।

4. गद्यांश में प्रयुक्त "लू" शब्द का मतलब है ?

(अ) उष्ण हवा
(ब) शीत हवा
(स) शीतोष्ण हवा
(द) आर्द्र हवा

5. गली-मुहल्ला, गाँव-शहर हर जगह लोग ?

(अ) परेशान थे
(ब) प्रसन्न थे
(स) नाराज थे
(द) शांत थे।


लघुत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1: काले मेघा पानी दे ,संस्मरण के लेखक ने लोक – प्रचलित विश्वासों को अंधविश्वास कहकर उनके निराकरण पर बल दिया है। – इस कथन की विवेचना कीजिए ?

उत्तर – लेखक ने इस संस्मरण में लोक-प्रचलित विश्वासों को अंधविश्वास कहा है। पाठ में इंदर सेना के कार्य को वह पाखंड मानता है। आम व्यक्ति इंदर सेना के कार्य को अपने-अपने तकों से सही मानता है, परंतु लेखक इन्हें गलत बताता है। इंदर सेना पर पानी फेंकना पानी की क्षति है जबकि गरमी के मौसम में पानी की भारी कमी होती है। ऐसे ही अंधविश्वासों के कारण देश का बौद्धिक विकास अवरुद्ध होता है। हालाँकि एक बार इन्हीं अंधविश्वास की वजह से देश को एक बार गुलामी का दंश भी झेलना पड़ा।

प्रश्न 2: ‘काले मेघा पानी दे’ पाठ की ‘इंदर सेना’ युवाओं को रचनात्मक कार्य करने की प्रेरणा दे सकती हैं-तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर – इंदर सेना युवाओं को रचनात्मक कार्य करने की प्रेरणा दे सकती है। इंदर सेना सामूहिक प्रयास से इंद्र देवता को प्रसन्न करके वर्षा कराने के लिए कोशिश करती है। यदि युवा वर्ग के लोग समाज की बुराइयों, कमियों के खिलाफ़ सामूहिक प्रयास करें तो देश का स्वरूप अलग ही होगा। वे शोषण को समाप्त कर सकते हैं। दहेज का विरोध करना, आरक्षण का विरोध करना, नशाखोरी के खिलाफ़ आवाज उठाना-आदि कार्य सामूहिक प्रयासों से ही हो सकते हैं।

प्रश्न 3: यदि आप धर्मवीर भारती के स्थान पर होते तो जीजी के तक सुनकर क्या करते और क्यों? ‘काले मेघा पानी दे’-पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर – यदि मैं लेखक के स्थान पर होता तो जीजी का तर्क सुनकर वही करता जो लेखक ने किया, क्योंकि तर्क करने से तो जीजी शायद ही कुछ समझ पातीं, उनका दिल दुखता और हमारे प्रति उनका सद्भाव भी घट जाता। लेखक की भाँति मैं भी जीजी के प्यार और सद्भाव को खोना नहीं चाहता । यही कारण है कि आज भी बहुत-सी बेतुकी परंपराएँ हमारे देश को जकड़े हुए हैं।

प्रश्न 4: ‘काले मेघा पानी दे’ पाठ के आधार पर जल और वर्षा के अभाव में गाँव की दशा का वर्णन र्काजिए।

उत्तर – गली-मोहल्ला, गाँव-शहर हर जगह लोग गरमी से भुन-भुन कर त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे थे। जेठ मास भी अपना ताप फैलाकर जा चुका था और अब तो आषाढ़ के भी पंद्रह दिन बीत चुके थे। कुएँ सूखने लगे थे, नलों में पानी नहीं आता था। खेत की माटी सूख-सूखकर पत्थर हो गई थी। पपड़ी पड़कर अब खेतों में दरारें पड़ गई थीं। झुलसा देने वाली लू चलती थी। ढोर-ढंगर प्यास से मर रहे थे, पर प्यास बुझाने के लिए पानी नहीं था। निरुपाय से ग्रामीण पूजा-पाठ में लगे थे। अंत में इंद्र से वर्षा के लिए प्रार्थना करने इंदर सेना भी निकल पड़ी थी।

प्रश्न 5: दिन-दिन गहराते पानी के संकट से निपटने के लिए क्या आज का युवा वर्ग ‘काले मेघा पानी दे’ र्का इंदर सेना की तर्ज पर कोई सामूहिक आंदोलन प्रारंभ कर सकता हैं? अपने विचार लिखिए।

उत्तर – आज के समय पानी के गहरे संकट से निपटने के लिए युवा वर्ग सामूहिक आंदोलन कर सकता है। युवा वर्ग शहर व गाँवों में पानी की फिजूलखर्ची को रोकने के लिए प्रचार आंदोलन कर सकता है। गाँवों में तालाब खुदवा सकता है ताकि वर्षा के जल का संरक्षण किया जा सके। युवा वृक्षारोपण अभियान चला सकता है ताकि वर्षा अधिक हो तथा पानी भी संरक्षित रह सके। वह घर-घर में पानी के सही उपयोग की जानकारी दे सकता है।



जय हिन्द : जय हिंदी 
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