किसी भी नौकरी को पाने की पहली सीढ़ी रिज्यूमे सिलेक्शन होता है. इसके सेलेक्ट होने के बाद ही आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. रिज्यूमे में आप अपनी एजुकेशनल क्वॉलीफिकेशन और अपने स्किल्स की काफी शॉर्ट में जानकारी देते हैं. सीवी में यह जानकारी डिटेल में दी जाती है. बायोडाटा में आप पर्सनल जानकारी देते हैं. अगर आप अपनी लाइफ में सीवी, रिज्यूमे और बॉयोडाटा में कंफ्यूज होते हैं तो यहाँ इनके अंतर को समझें.
बॉयोडाटा
बॉयोडाटा की फुल फॉर्म होती है बॉयोग्राफिकल डाटा. बॉयोडाटा में पर्सनल इंफोर्मेशन लिखी जाती है. जैसे-मैरिटल स्टेटस, डेट ऑफ बर्थ, धर्म, जेंडर का जिक्र किया जाता है. भारत में बॉयोडाटा का इस्तेमाल अकसर शादी से पहले पर्सनल इंफोर्मेशन देने के मकसद से भी किया जाता है. जॉब के लिए इसका इस्तेमाल तब होता है जब कैंडिडेट्स सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर रहे होते हैं. अंतर राष्ट्रीय स्तर पर जहां कैंडिडेट्स की पर्सनल इंफोर्मेशन जैसे धर्म, उम्र, जेंडर को बताना जरूरी नहीं होता, वहां बॉयोडाटा का इस्तेमाल नहीं किया जाता.
रिज्यूमे
किसी भी नौकरी के लिए भेजे गए रिज्यूमे को सरसरी निगाह से देखा जाता है. इसलिए इसमें जो भी लिखा जाता है शॉर्ट में लिखा जाता है और उस इंफोर्मेशन का जिक्र किया जाता है जो बेहद जरूरी हो. एक तरह से रिज्यूमे में आपको नौकरी के लिए इंटरव्यू तक ले जाने का रास्ता है. वहीं सीवी को आपके इंटरव्यू के दौरान देखा जाता है. इसलिए रिज्यूमे की शुरू में ही अपने स्किल्स के साथ-साथ अपने क्षेत्र से जुड़ी स्पेशलाइजेशन का भी जिक्र करें. इससे रिक्रूटर को पता चलेगा कि आपका इंडस्ट्री में कितना अनुभव है.
सीवी (Curriculum Vitae)
Curriculum Vitae एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है कोर्स ऑफ लाइफ. यह रिज्यूमे से ज्यादा डिटेल में होता है अमूमन 2 से 3 पेज का. सीवी में आपकी अब तक कि सारी स्किल्स की लिस्ट, सभी जॉब्स और पॉजिशंस, डिग्री, प्रोफेशनल डिग्री का जिक्र होता है. इसमें आप अपने पास्ट की उन चुनौतियों के बारे में लिख सकते हैं जिनका आपने सफलतापूर्वक सामना किया है. आपको बता दें कि रिक्रूटर हमेशा उन कैंडिडेट्स को पसंद करते हैं, जो लीक से हट कर सोचते हैं. सीवी अकसर उन कैंडिडेट्स के लिए सही रहता है जो फ्रेशर हैं या फिर वो करियर बदलना चाहते हों.
सीवी और रिज्यूमे से जुड़े कुछ तथ्य
1. रिज्यूमे में वहीं बातें लिखें जिनके बारे में आप कॉन्फिडेंट हों. जितना संभव हो, अपने रिज्यूमे का फॉर्मेट सरल रखें.
2. अपने जॉब एक्सीपीरियंस की जानकारी सबसे हाल ही के ऑफिस से शुरू करके दें यानी उलटे क्रम में.
3.रिज्यूमे एक्टिव वॉइस में होना चाहिए और इसमें एक्सीपीरियंस से जुड़ी सूचना को बुलेट टेक्स्ट में दें, लंबे पैराग्राफ्स में नहीं.
4. अपने रिज्यूमे में कठिन शब्दों का इस्तेमाल न करें.
5. सीवी को जितना हो सके साधारण रखें और कोशिश करें कि 2 A4 साइज के पेपर में यह पूरा हो जाए. पहले पेज में अपना मिनी प्रोफाइल दें.
6. सीवी में जहां तक हो सके पर्सनल डिटेल जैसे फोन नंबर, पता, नाम, ईमेल एड्रेस और सोशल मीडिया में आपकी उपस्थिति की शॉर्ट में जानकारी जरूर होनी चाहिए. इसके अलावा आप इसमें अपने उन टारगेट्स और अचीवमेंट्स का जिक्र भी कर सकते हैं जिसमें आपने सफलता पाई हो.
प्रश्न - स्ववृत्त किसे कहते हैं?
उत्तर :- स्ववृत्त किसी व्यक्ति का संक्षिप्त और सारगर्भित विवरण है जिसमें व्यक्ति/आवेदक का वैयक्तिक विवरण, शैक्षणिक योग्यता, अंक प्रतिशत, कार्य अनुभव आदि सभी समाहित होते हैं। अंग्रेजी में इसे बायोडाटा कहा जाता है।
प्रश्न - स्ववृत्त को कब प्रस्तुत किया जाता है?
उत्तर - स्ववृत को किसी नौकरी, पद आदि के आवेदन के साथ प्रस्तुत किया जाता है।
प्रश्न - स्ववृत्त किस प्रकार उम्मीदवारों के चयन में सहायक होता है?
उत्तर :- व्यक्ति के संक्षिप्त मूल्यांकन का सर्वश्रेष्ठ आधार स्ववृत्त को माना जाता है। स्ववृत्त के माध्यम से उम्मीदवारों की योग्यता का मूल्यांकन किया जा सकता है।
प्रश्न - आवेदन पत्र के साथ ‘स्ववृत्त’ संलग्न करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर -एक अच्छा स्ववृत्त नियुक्तिकर्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी और सकारात्मक धाारणा उत्पन्न करता है।
नौकरी में सफ़लता के लिए योग्यता और व्यक्ति के साथ-साथ स्ववृत्त निर्माण की कला में निपुणता भी आवश्यक है।
स्ववृत्त में किसी विशेष प्रयोजन को धयान में रखकर सिलसिलेवार ढंग से सूचनाएँ संकलित की जाती है।
प्रश्न - एक अच्छे स्ववृत्त में क्या-क्या विशेषताएँ होती है?
उत्तर -स्ववृत्त में ईमानदारी होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के झूठे दावे या अतिश्योक्ति से बचना चाहिए। किसी भी प्रकार के झूठे दावे या अतिशयोक्ति से बचना चाहिए। यह मत भूलो कि नियोक्ता को उम्मीदवारों के चयन का अच्छा खासा अनुभव होता है। गलत या बढ़ा-चढ़ा कर किए गए दावों से उन्हें धोखा देने की कोशिश खतरनाक बन सकती है। अगर साक्षात्कार के लिए बुला भी लिया गया तो उस दौरान कलई खुलने का पूरा अंदेशा रहता है।
अपने व्यक्तित्व, ज्ञान और अनुभव के सबल पहलुओं पर जोर देना चाहिए।
स्ववृत्त का आकार अति संक्षिप्त अथवा जरूरत से ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए।
स्ववृत्त साफ़-सुथरे ढंग से टंकित या कम्प्यूटर-मुद्रित अथवा सुंदर-लेखन में होना चाहिए । स्ववृत्त में सूचनाओं को अनुशासित क्रम में लिखना चाहिए तथा व्यक्ति -परिचय, शैक्षिक योग्यता, अनुभव, प्रशिक्षण, उपलब्धियाँ, कार्येत्तर गतिविधिायाँ इत्यादि।
परिचय में नाम, जन्मतिथि, उम्र, पत्र-व्यवहार का पता, टेलीफ़ोन नंबर ई-मेल इत्यादि लिखे जाते हैं।
शैक्षिक योग्यता में विद्यालय का नाम, बोर्ड या विश्वविद्यालय का नाम, परीक्षा का वर्ष, प्राप्तांक, प्रतिशत तथा श्रेणी का उल्लेख करना आवश्यक है।
कार्येत्तर गतिविधियों का उल्लेख अन्य उम्मीदवारों से अलग पहचान दिलाने में समर्थ होता है।
स्ववृत्त में विज्ञापन में वर्णित योग्यताओं और आवश्यकताओं को धयान में रखते हुए थोड़ा-बहुत परिवर्तन किया जा सकता है।
किसी भी व्यक्ति से संबंधित सूचनाओं का तो कोई अंत ही नहीं है। लेकिन हर सूचना नियोक्ता के काम की नहीं हो सकती। इसीलिए स्ववृत्त में वही सूचनाएँ डाली जा सकती हैं जिनमें दूसरे पक्ष यानी नियोक्ता की दिलचस्पी हो।
स्ववृत्त में आलंकारिक भाषा की गुंजाइश नहीं है। इसीलिए इसकी शैली-सरल, सीधी, सटीक और साफ़ होनी चाहिए ताकि पढ़ने वाले को सारी बातें एक ही नजर में स्पष्ट हो जाएँ और अर्थ निकालने के लिए दिमाग पर जोर न डालना पड़े।
यह ध्यान रखना चाहिए कि स्ववृत्त न तो जरूरत से अधिक लंबा हो न ही ज़्यादा छोटा। अगर बहुत संक्षिप्त हुआ तो इसमें अनेक जरूरी चीजें आने से रह जाएँगी। दूसरी ओर यदि बहुत लंबा हुआ तो पढ़ने वाला अनेक पहलुओं को नजरअंदाज कर सकता है।
बात-स्ववृत्त साफ़-सुथरे ढगं से टंकित या कंप्यटूर-मुद्रित होना चाहिए। व्याकरण संबंधी भूलों को भी दूर कर लेना चाहिए। ये बातें छोटी लग सकती हैं मगर उम्मीदवार के प्रति विपरीत धारणा उत्पन्न करती हैं। नियोक्ता को ऐसा लग सकता है कि उम्मीदवार या तो लापरवाहहै या फिर उसकी शिक्षा-दीक्षा ढंग से नहीं हुई है।
प्रश्न :- स्ववृत्त निर्माण में निपुणता क्यों आवश्यक है?
उत्तर :- एक स्ववृत्त की तुलना हम उम्मीदवार के दूत या प्रतिनिधि से कर सकते हैं। जिस प्रकार एक अच्छा दूत या प्रतिनिधि अपने स्वामी का एक सुंदर और आकर्षक चित्र प्रस्तुत करता है, उसी प्रकार एक अच्छा स्ववृत्त नियुक्तिकर्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी और सकारात्मक धारणा उत्पन्न करता है। एक अच्छा स्ववृत्त किसी चुंबक की तरह होता है जो नियुक्तिकर्ता को आकर्षित कर लेता है। नौकरी में सफलता के लिए योग्यता और व्यक्ति के साथ-साथ स्ववृत्त निर्माण की कला में निपुणता भी आवश्यक है।
स्ववृत्त का उदाहरण
पीजीटी (हिन्दी) पद पर आवेदन करने के लिए स्ववृत्त
वैयक्तिक विवरण –
नाम – मोहन लाल
पिता का नाम – रामकिशोर
माता का नाम – ममता
जन्मतिथि – 3 मार्च 1998
वर्तमान पता – 326 hx, गली नंबर 7, मुखर्जी नगर दिल्ली – 110011
दूरभाष – 011 -12345678
मोबाइल संख्या – 000000000
ईमेल – mohanlal.edu@gmail.com
शैक्षणिक योग्यता –
क्रम संख्या कक्षा वर्ष विद्यालय/बोर्ड विषय उत्तीर्ण/प्रतिशत
1 दसवीं 2012 CBSE हिंदी अंग्रेजी सामाजिक विज्ञानं गणित 76%
2 बारहवीं 2014 CBSE हिंदी अंग्रेजी इतिहास अर्थशास्त्र 88 %
3 स्नातक 2017 University of Delhi हिंदी 69 %
4 बी.एड 2019 University of Delhi हिंदी 82 %
5 परास्नातक 2021 University of Delhi हिंदी 75 %
अन्य योग्यताएँ –
कंप्यूटर में 1 वर्ष का डिप्लोमा
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 6 माह का डिप्लोमा
हिंदी ,अंग्रेजी,फ्रेंच भाषा की जानकारी।
योग के क्षेत्र में 12 माह का प्रशिक्षण।
उपलब्धियाँ –
विद्यालय स्तर पर एनसीसी में उच्च प्रशिक्षण।
निबंध प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर द्वितीय पुरस्कार।
गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने का पुरस्कार।
कार्येत्तर गतिविधियां और अभिरुचियाँ –
योगाभ्यास, क्रिकेट, शास्त्रीय संगीत,में विशेष रूचि।
सांस्कृतिक कार्यक्रम को आयोजन करने का अनुभव तथा रुचि
आधुनिक तकनीकों का प्रयोग सीखना तथा समाज के लिए उपयोगी बनाना।
स्ववृत्त का प्रारूप
नाम
पिता का नाम
माता का नाम
जन्मतिथि
वर्तमान पता
स्थायी पता
दूरभाष संख्या
मोबाइल संख्या
ईमेल- पता
शैक्षणिक योग्यताएं:
swavrit format
क्रम संख्या परीक्षा/ डिग्री /डिप्लोमा वर्ष संस्था बोर्ड / विश्वविद्यालय विषय श्रेणी प्राप्तांक
1.
2.
3.
अन्य संबंधित योग्यताएं-
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उपलब्धियां–
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गैर शैक्षणिक गतिविधियां
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प्रतिष्ठित व्यक्तियों का विवरण जो उम्मीदवार की योग्यता एवं क्षमताओं से परिचित हों।
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उद्घोषणा-
मैं प्रमाणित करता हूं/ करती हूं कि उपर्युक्त सभी सूचनाएं सकते हैं।
दिनांक
स्थान
हस्ताक्षर
जय हिन्द : जय हिंदी
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