galta loha class 11 mcq | गलता लोहा mcq


galta loha class 11 mcq



प्रश्न-1. ब्राह्मण टोले के लोग शिल्पकार टोले में बैठना नहीं चाहते क्योंकि-

(अ) वे उन्हें श्रेष्ठ समझते हैं 
(ब) वे शिल्पकारों को नीचा समझते हैं
(स) वे उन्हें गरीब समझते हैं 
(द) वे उन्हें मूर्ख समझते हैं

प्रश्न-2. 'साँप सूंघ जाना' का अर्थ है-

(अ) साँप का काटना 
(ब) साँप का चाटना
(स) चुप हो जाना 
(द) खो जाना

प्रश्न-3. कहानी में गोपाल सिंह कौन है?

(अ) दुकानदार 
 (ब) सब्जीवाला 
 (स) गीतकार 
 (द) अध्यापक

प्रश्न-4. 'गलता लोहा' पाठ के लेखक हैं ?

(अ) शेखर गुप्ता 
 (ब) शेखर जोशी 
 (स) नीरज गुप्ता 
 (द) नीरज जोशी

प्रश्न-5. शेखर जी का जन्म कब और कहाँ हुआ ?

(अ) सन् 1938, आगरा में 
(ब) सन् 1932, अल्मोड़ा में
(स) सन् 1933, बिहार में 
(द) सन् 1930, मथुरा में

प्रश्न-6. शेखर जी को निम्न से कौनसा सम्मान मिला है ?

(अ) दादा साहब फाल्के 
(ब) मैग्सेसे सम्मान 
(स) मीरा सम्मान 
(द) पहल सम्मान

प्रश्न-7. शेखर जोशी जी मूल रूप से हैं -

(अ) कहानीकार 
(ब) उपन्यासकार 
(स) निबंधकार 
(द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-8. गलत लोहा कहानी में किस पर टिप्पणी की गई है ?

(अ) समाज के जातिगत विभाजन पर 
(ब) शिक्षा की उपलब्धता पर
(स) बेरोजगारी पर 
(द) गुलाम जीवन पर

प्रश्न-9. मोहन किस परिवार से संबंध रखता है ?

(अ) गरीब लोहार परिवार से 
 (ब) अमीर लोहार परिवार से
(स) गरीब ब्राह्मण परिवार से 
 (द) अमीर ब्राह्मण परिवार से

प्रश्न-10. मोहन पढ़ने में कैसा छात्र है ?

(अ) औसत 
 (ब) मंद 
 (स) मेधावी 
 (द) इममें से कोई नहीं

प्रश्न-11. धनराम कहाँ रहता था ?

(अ) स्वर्णकार टोले में 
(ब) शिल्पकार टोले में
(स) ब्राह्मण टोले में 
(द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-12. ‘अनुगूँज’ का अर्थ होता है-

(अ) टकराकर लौटने वाली आवाज़ 
 (ब) मीठी आवाज़
(स) तेज आवाज़ 
 (द) पुकारने की आवाज़

प्रश्न-13. धप्-धप् की आवाज़ किस से होती थी ?

(अ) गर्म लोहे पर हथौड़े के पड़ने से 
 (ब) ठंडे लोहे पर हथौड़े के पड़ने से
(स) गोल लोहे पर हथौड़े के पड़ने से 
 (द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-14. मोहन के पिता का क्या नाम है?

(अ) गंगाधर 
(ब) वंशीधर 
(स) गिरिधर 
(द) धाराधर

प्रश्न-15. मोहन किस कार्य से घर से हँसुवे को लेकर निकला था ?

(अ) लकड़ी काटने 
(ब) काँटेदार झाड़ियों को काटने
(स) पशुओं के लिए घास काटने 
(द) जानवरों को काटने के लिए

प्रश्न-16. मोहन के पिता घर का खर्च कैसे चलाते थे ?

(अ) पटवारीगिरी करके (ब) यजमानी करके (स) पुरोहिताई करके (द) नौकरी करके

प्रश्न-17. मोहन के पिता थे -

(अ) बूढ़े (ब) जर्जर शरीर वाले (स) संयमी (द) उपर्युक्त सभी

प्रश्न-18. मोहन के पिता वंशीधर जी रुद्रीपाठ करने में असमर्थता क्यों व्यक्त करते हैं ?

(अ) बीमार होने के कारण (ब) व्रत होने के कारण

(स) दो मील की चढ़ाई के कारण (द) पानी भर जाने के कारण

प्रश्न-19. हँसुवे की धार कैसी हो गई थी ?

(अ) तेज (ब) कुंद (स) मजबूत (द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-20. धनराम क्या काम करता था ?

(अ) लोहार था (ब) शिक्षक था (स) पुरोहित था (द) सब्जी बेचता था

प्रश्न-21. मोहन के शिक्षक का का नाम क्या था ?

(अ) मास्टर शिव सिंह 
(ब) मास्टर देवीलाल 
(स) मास्टर त्रिलोक सिंह 
(द) मास्टर गिर्राज सिंह

प्रश्न-22. धनराम मास्टर जी की किस चीज़ से डरता था ?

(अ) आवाज़ से 
(ब) पढ़ाने से 
(स) छड़ी से 
(द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-23. शैतानी करते हुए बच्चों को साँप क्यों सूंघ जाता था ?

(अ) मोहन को देखकर 
(ब) साँप देखकर
(स) त्रिलोक सिंह को देखकर 
(द) मोहन के पिता को देखकर

प्रश्न-24. ‘प्रार्थना कर ली तुम लोगों ने’ यह कथन किसका है ?

(अ) मोहन का 
(ब) त्रिलोक सिंह का 
(स) धनराम का 
(द) मोहन के दोस्त का

प्रश्न-25. त्रिलोक सिंह का प्रिय शिष्य कौन था ?

(अ) धनराम 
(ब) सोहन 
(स) गोपाल 
(द) मोहन

प्रश्न-26. मोहन पढाई के साथ-साथ और किसमें अच्छा था ?

(अ) गायन में 
(ब) खेलने में 
(स) तैरने में 
(द) छलांग लगाने में

प्रश्न-27. विद्यालय में कौनसी प्रार्थना होती थी ?

(अ) इतनी शक्ति हमें देना दाता 
(ब) दया कर दान भक्ति का
(स) हे प्रभो आनंददाता! 
(द) ये सभी

प्रश्न-28. फिसड्डी बालक को दंड कौन देता था?

(अ) त्रिलोक सिंह 
(ब) मोहन 
(स) गोपालदास 
(द) धनराम

प्रश्न-29. धनराम के मन में मोहन के प्रति स्नेह और आदर का भाव क्यों रहा होगा ?

(अ) उसका मित्र होने के करण 
(ब) बचपन में मन में बिठाई जातिगत हीनता के कारण
(स) मोहन के अमीर होने के कारण 
(द) उसका भाई होने के कारण

प्रश्न-30. धनराम कहाँ तक पढ़ सका था ?

(अ) तीसरी तक 
(ब) पांचवी तक 
(स) आठवीं तक 
(द) दसवीं तक

प्रश्न-31. मास्टर त्रिलोक सिंह धनराम को क्या कहकर पुकारते थे ?

(अ) धनराम 
(ब) बेटा 
(स) धनुवाँ 
(द) धनी

प्रश्न-32. मास्टर त्रिलोक सिंह ने धनराम से कितने का पहाड़ा सुनाने को कहा?

(अ) बारह का 
(ब) तेरह का 
(स) चौदह का 
(द) सत्रह का 

प्रश्न-33. मास्टर त्रिलोक सिंह का सामान्य नियम क्या था ?

(अ) सभी से प्रार्थना करवाना 
(ब) सभी को इनाम देना
(स) सजा पानेवाला स्वयं सजा का हथियार चुने 
(द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-34. धनराम द्वारा दूसरी बार भी पहाड़ा न सुनाने पर मास्टर जी ने क्या काम उसको दिया ?

(अ) दराँतियों पर धार लगाने का 
(ब) झाड़ू लगाने का
(स) मुर्गा बनने का 
(द) प्रार्थना याद करने का

प्रश्न-35. धनराम के पिता का नाम क्या था ?

(अ) सोनाराम 
(ब) मोतीराम 
(स) गंगाराम 
(द) मोहनराम

प्रश्न-36. मास्टर त्रिलोक सिंह ने क्या भविष्यवाणी की थी ?

(अ) बड़ा आदमी बनकर मोहन स्कूल का नाम रोशन करेगा |
(ब) बड़ा आदमी बनकर धनराम स्कूल का नाम रोशन करेगा |
(स) पंडित बनकर मोहन स्कूल का नाम रोशन करेगा |
(द) मशीन बनाकर धनराम स्कूल का नाम रोशन करेगा |

प्रश्न-37. मोहन ने ऐसा क्या किया जिससे मास्टर त्रिलोक सिंह की भविष्यवाणी सही सिद्ध होती सी प्रतीत हुई ?

(अ) बड़े कॉलेज की परीक्षा पास की 
(ब) छात्रवृत्ति प्राप्त की
(स) प्रशासनिक परीक्षा पास की 
(द) शहर के स्कूल में प्रथम आया

प्रश्न-38. वंशीधर तिवारी की क्या इच्छा थी ?

(अ) उसको और यजमान मिलें 
(ब) मोहन गाँव में ही रहे
(स) मोहन पढ़कर उनकी गरीबी मिटा दे 
(द) मोहन पुरोहताई का कार्य करे

प्रश्न-39. आगे की पढाई के लिए स्कूल कहाँ था ?

(अ) गाँव में ही 
(ब) गाँव से चार मील दूर 
(स) गाँव से बीस मील दूर 
(द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-40. थके मोहन को वंशीधर कैसे उत्साहित करते थे ?

(अ) अच्छा खाना देकर 
(ब) उसको खेलने का कहकर
(स) विद्याव्यसनी बालकों का उदाहरण देकर 
(द) उसको दूध पिलाकर

प्रश्न-41. रमेश कौन था ?

(अ) एक शिक्षक 
(ब) बिरादरी का युवक 
(स) मोहन का दोस्त 
(द) मोहन का मामा

प्रश्न-42. रमेश कहाँ रहता था ?

(अ) दिल्ली में (ब) लखनऊ में (स) इलाहाबाद में (द) मेरठ में

प्रश्न-43. वंशीधर तिवारी ने मोहन को रमेश के साथ क्यों भेजा था ?

(अ) नौकरी के लिए (ब) पढ़ने के लिए 
(स) इलाज के लिए (द) रमेश की मदद करने के लिए

प्रश्न-44. रमेश के घर की दो महिलाओं को मोहन क्या कहता था ?

(अ) ताई और भाभी (ब) चाची और भाभी 
(स) मामी और मौसी (द) चाची और ताई

प्रश्न-45. रमेश मोहन को कैसे रखता था ?

(अ) भाई की तरह (ब) दोस्त की तरह 
(स) भतीजे की तरह (द) नौकर की तरह

प्रश्न-46. मोहन शहर के स्कूली जीवन में अपनी पहचान क्यों नहीं बना पाया ?

(अ) नए वातावरण एवं काम के बोझ के कारण 
(ब) पढ़ने में कमजोर होने के कारण
(स) अध्यापकों के भेदभाव के कारण 
(द) उपर्युक्त सभी कारण से

प्रश्न-47. मोहन ने अपनी परिस्थितियों से समझौता क्यों कर लिया था ?

(अ) क्योंकि वह समझदार था 
(ब) क्योंकि परिजनों को दुखी देखना चाहता था
(स) परिजनों को दुखी नहीं करना चाहता था 
(द) मोहन बड़ा आदमी बनना चाहता था

प्रश्न-48. क्या बहाना करके मोहन को गर्मी की छुट्टियों में गाँव नहीं जाने दिया जाता था ?

(अ) रमेश की तबियत ख़राब होने का 
(ब) उसकी तबियत ख़राब होने का
(स) अगले दरजे की तैयारी का 
(द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-49. आठवीं के बाद रमेश ने मोहन का दाख़िला कहाँ करवा दिया था ?

(अ) कॉलेज में (ब) तकनीकी स्कूल में 
(स) एन.सी.सी. में (द) लॉ कॉलेज में

प्रश्न-50. मोहन अपने पैरों पर खड़े होने के लिए क्या करने लगा ?

(अ) कारखानों के चक्कर लगाने लगा 
(ब) फैक्टरियों के चक्कर लगाने लगा
(स) कारखानों और फैक्टरियों के चक्कर लगाने लगा 
(द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-51. मोहन के पिता को क्या विश्वास था ?

(अ) कि उसकी तबीयत ठीक हो जाएगी 
(ब) मोहन बड़ा कारीगर बन जाएगा
(स) मोहन बड़ा अफ़सर बनकर आएगा 
(द) मोहन शिक्षक बन जाएगा

प्रश्न-52. धनराम द्वारा मोहन के विषय में पूछने पर वंशीधर ने क्या उत्तर दिया ?

(अ) मोहन व्यापारी बन गया है 
(ब) मोहन की सेक्रेटेरियट में नौकरी लग गई है
(स) वह कॉलेज में पढ़ रहा है 
(द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-53. धनराम को किस पर पूरा यकीन था?

(अ) वंशीधर की बात पर 
(ब) मोहन की मेहनत पर
(स) स्वयं पर 
(द) त्रिलोक सिंह की भविष्यवाणी पर

प्रश्न-54. वंशीधर जी ने दाँतों में तिनका क्यों लिया था ?

(अ) ताकि उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाए 
(ब) ताकि मोहन साहब बन जाए
(स) ताकि असत्य भाषण का दोष न लगे 
(द) उपर्युक्त सभी

प्रश्न-55. ‘बेचारे पंडित जी को तो फ़ुर्सत नहीं रहती लेकिन किसी के हाथ भिजवा देते तो मैं तत्काल बना देता’ यह कथन किसका है ?

(अ) मोहन का (ब) रमेश का 
(स) धनराम का (द) त्रिलोक सिंह का

प्रश्न- 56. ब्राह्मण टोले के लोगों को किसके लिए कहना उनकी मर्यादा के विरुद्ध समझा जाता था ?

(अ) बैठने के लिए (ब) खड़े होने के लिए 
(स) पढ़ने के लिए (द) दौड़ने के लिए

प्रश्न-57. मोहन का कौनसा व्यवहार धनराम को हैरान कर रहा था ?

(अ) उसका धनराम से बात करना 
(ब) धनराम के पास बैठे रहना
(स) बिना बोले चला जाना 
(द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-58. लोहे की मोटी छड़ को धनराम किस आकार में मोड़ने का प्रयास कर रहा था ?

(अ) वर्गाकार (ब) त्रिभुजाकार 
(स) आयताकार (द) गोलाकार

प्रश्न-59. धनराम को मोहन के द्वारा लोहे को गोलाकार देने के कार्य पर ज्यादा आश्चर्य क्यों हुआ ?

(अ) क्योंकि वह अफ़सर था 
(ब) क्योंकि वह पुरोहित खानदान से था
(स) वह एक पढ़ाकू लड़का था 
(द) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न-60. मोहन की आँखों में किस की चमक थी ?

(अ) विजेता की चमक (ब) चालाकी भरी चमक 
(स) सर्जक की चमक (द) आश्चर्य भरी चमक




उत्तर- माला

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Galta Loha Class 11mcq

“गलता लोहा” पाठ के लेखक कौन हैं –

 शेखर जोशी जी

शेखर जोशी जी का जन्म कहाँ हुआ था- 

अल्मोड़ा , उत्तराखंड

“गलता लोहा” कहानी हमारे समाज में फैली किस व्यवस्था को उजागर करती है – 

जातिगत विभाजन

“गलता लोहा” कहानी के अनुसार , उस समय ब्राह्मण वर्ग के लोगों के साथ किस वर्ग के लोगों का उठना – बैठना मर्यादा के विरुद्ध माना जाता था –

 शिल्पकार वर्ग के लोगों का

“गलता लोहा” कहानी का नायक कौन हैं – 

 एक गरीब ब्राह्मण बालक मोहन

मोहन कैसी बुद्धि का बालक था – 

कुशाग्र बुद्धि का

“गलता लोहा” कहानी के अनुसार , मोहन के पिता बंशीधर क्या काम करते थे – 

पण्डितगिरि या पुरोहिताई का काम

वंशीधर ने कहां जाकर अपने यजमान चंद्रदत्त जी के लिए रुद्री पाठ करना था – 

गणनाथ

गणनाथ की कितने मील की सीधी चढ़ाई अब बंशीधर के बूते की बात नहीं थी – 

2 मील

वंशीधर ने अपनी मुसीबत किसे और क्यों बताई – 

मोहन को बताई ताकि वो उनके पूजा – पाठ व अनुष्ठान के काम में थोड़ा हाथ बंटा सके।

बंशीधर , मोहन से क्या उम्मीद कर रहे थे – 

 शायद वह जाकर चंद्रदत्त जी के यहां रुद्रीपाठ कर आये।

मोहन चंद्रदत्त जी के यहाँ रुद्री पाठ करने क्यों नही गया – 

क्योंकि उसे पूजा पाठ व अनुष्ठान करने का कोई अनुभव नहीं था।

मोहन घर से क्या लेकर खेत की तरफ निकल गया – 

 हंसुवा

मोहन हंसुवा लेकर घर से खेत की तरफ किस उद्देश्य से निकला था – 

खेत में उगी झाड़ियों को काटने के लिए

हंसुवा किसे कहते हैं – 

घास काटने की दराँती या औजार

मोहन के पैर अनायास ही किस टोले की ओर मुड़ गए – 

शिल्पकार

दराँती में धार लगाने के उद्देश्य से मोहन कहाँ गया – 

 अपने स्कूल के दोस्त धनराम के आफर में

आफर क्या होता हैं – 

वह जगह जहां पर आग की भट्टी में लोहे को गला कर उससे अनेक तरह के लोहे के बर्तन या औजार बनाए जाते है| (लोहे के औजार या बर्तन बनाने की जगह को आफर कहा जाता है।)

धनराम के पिता का क्या नाम था – 

गंगाराम

धनराम क्या काम करता था – 

लोहार का

धनराम का संबंध किस जाति से था – 
लोहार


धनराम किस कक्षा तक पढ़ पाया था – 

तीसरे दर्जे तक

मोहन और धनराम के प्रारंभिक विद्यालय के टीचर का क्या नाम था – 

 मास्टर त्रिलोक सिंह

स्कूल में धनराम से मास्टर जी ने किसका पहाड़ा सुनाने को कहा – 

तेरह (Table of 13) का

“जुबान की चाबुक” का क्या अर्थ हैं – 

कड़वे वचन बोलना

स्कूल के मास्टर त्रिलोक सिंह ने धनराम पर जुबानी चाबुक क्यों चलाई – 

तेरह (Table of 13) का पहाड़ा याद न करने के कारण

“तेरे दिमाग में तो लोहा भरा हैं रे “, यह किसने किससे कहा – 

मास्टर त्रिलोक सिंह ने धनराम से कहा

स्कूल में मास्टर त्रिलोक सिंह का सबसे चहेता शिष्य कौन था –
 
मोहन

मास्टर जी स्कूल में बच्चों को डंडे मारने व कान खिंचने की सजा देने का काम किससे करवाते थे –

मोहन से

मास्टर त्रिलोक सिंह की किस बात से सभी छात्र डरते थे – 

छड़ी की मार से

मास्टर जी की आवाज कैसी थी – 

कड़क

स्कूल का क्या नियम था – 

जो मार खाता था उसको अपने लिए खुद ही डंडा लाना पड़ता था।

मोहन ने मास्टर त्रिलोक सिंह की कौन सी भविष्यवाणी को सिद्ध कर दिखाया था – 

छात्रवृत्ति प्राप्त करने की

पढाई में कमजोर होने के कारण धीरे – धीरे धनराम ने कौन सा काम सीखाना शुरू कर दिया – 

अपना पुश्तैनी लोहार का काम

मोहन को स्कूल जाने के लिए बरसात में क्या पार करना पड़ता था – 

नदी

मोहन ने कहां तक की पढ़ाई की थी – 

आठवीं तक

मोहन के पिता ने उसे आगे की पढ़ाई के लिए कहां भेज दिया – 

लखनऊ

मोहन के पिता , मोहन को क्यों पढ़ाना चाहते थे – 

क्योंकि वह कुशाग्र बुद्धि बालक था , वो अपने पुरोहिताई के काम से संतुष्ट नहीं थे और अपनी गरीबी से छुटकारा पाना चाहते थे।

मोहन के पिता ने उसे आगे की पढ़ाई के लिए किसके साथ लखनऊ भेजा – 

रमेश के साथ

रमेश किस शहर में नौकरी करता था – 

लखनऊ

आठवीं कक्षा की पढ़ाई के बाद , मोहन को किस स्कूल में भर्ती कराया गया – 

तकनीकी स्कूल में

मोहन ने तकनीकी स्कूल में कितने वर्ष तक पढ़ाई की – 

डेढ़ वर्ष

रमेश मोहन को क्या समझता था – 

अपना घरेलू नौकर

लखनऊ में मोहन का अधिकतर समय कैसे बीतता था – 

घरेलू कार्य करते हुए

गर्मियों की छुट्टियों में मोहन अपने घर क्यों नहीं जा पाता था – 

घरेलू कार्य करने के कारण

मोहन अपने पिता को अपनी वास्तविकता नहीं बताना चाहता था – 

क्योंकि वह अपने पिता को दुख नहीं पहुंचाना चाहता था

मोहन के पिता वंशीधर ने धनराम से क्या झूठ बोला था – 

मोहन की नियुक्ति सेक्रेटेरियल (सचिवालय) में हो गई है।

ब्राह्मण टोले के लोग , शिल्पकार टोले के साथ उठना – बैठना नहीं चाहते थे – 

क्योंकि वह शिल्पकार टोले को नीचा समझते थे।

जब मोहन , धनराम के आफर में पहुंचा तो उस समय धनराम क्या कर रहा था – 

धनराम अपने ऑफर में लोहे के औजार बनाने में व्यस्त था।

मोहन ने धनराम के आफर में अपना संकोच त्याग कर क्या काम किया – 

धनराम के हाथ से लोहे की छड़ी लेकर उसे एक गोल छल्ले का आकार देने लगा

मोहन ने लोहे की कारीगरी कहाँ से सीखी थी – 

 तकनीकी स्कूल से

पुरोहित खानदान के लड़के ने धनराम की लोहे की भट्टी में बैठकर बड़ी ही कुशलता पूर्वक क्या कार्य किया – 

लोहे की छड़ी को गोल आकार दिया या लोहार का कार्य किया

धनराम क्या देखकर आश्चर्य चकित रह गया –

 मोहन को लोहार का कार्य करते हुए

लोहे की छड़ी को गोल आकार देने के बाद मोहन की आंखों में कैसी चमक थी – 

सर्जक की

“गलता लोहा” कहानी में , गोपाल सिंह कौन है – 

एक दुकानदार




जय हिन्द : जय हिंदी 
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