appu ke sath dhai saal Class 11 mcq | apu ke sath dhai saal class 11mcq | अपू के साथ ढाई साल mcq

Appu ke Sath Dhai Saal Class 11 MCQ | Apu ke Sath Dhai Saal Class 11mcq

Appu ke Sath Dhai Saal Class 11 MCQ 
Apu ke Sath Dhai Saal Class 11mcq


Appu ke Sath Dhai Saal Class 11 MCQ 


“अपू के साथ ढाई साल” पाठ के लेखक कौन हैं – 
सत्यजीत राय

“अप्पू के साथ ढाई साल” , साहित्य की कौन सी विधा में लिखा गया है – 
संस्मरण

सत्यजीत राय के निर्देशन में बनी पहली फिल्म कौन सी थी – 
“पथेर पांचाली”

“अपू के साथ ढाई साल” पाठ में लेखक ने क्या वर्णन किया हैं – 
“पथेर पांचाली” फिल्म को बनाने वक्त आयी आर्थिक समस्याओं व अपने खट्टे-मीठे अनुभवों को

प्रसिद्ध बंगाली उपन्यास “पथेर पांचाली” के लेखक कौन है – 
विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय

“पथेर पांचाली” किस भाषा में बनाई गई है – 
बांग्ला भाषा

“पथेर पांचाली” फीचर फिल्म कब प्रदर्शित हुई थी – 
सन 1955 में

“पथेर पांचाली” फिल्म की शूटिंग में कितने साल लगे – 
ढाई साल

“पथेर पांचाली” फिल्म को बनाने वक्त लेखक कहाँ नौकरी करते थे –
 एक विज्ञापन कंपनी में

लेखक के अनुसार , फिल्म को शुरू करने से पहले कौन से काम के लिए बड़ा आयोजन किया गया था कलाकार इकट्ठे करने के लिए

“पथेर पांचाली” फिल्म की शूटिंग कब -कब होती थी – 
लेखक को कंपनी के काम से फुर्सत मिलने और पैसों का इंतजाम होने के बाद

“पथेर पांचाली” फिल्म में बाल कलाकारों के क्या नाम थे – 
 दुर्गा व अप्पू

अप्पू की भूमिका के लिए कितने साल के लड़के की जरूरत थी – 
6 साल

अप्पू की भूमिका निभाने के लिए बच्चों का इंटरव्यू कहाँ लिया जाता था – 
रासबिहारी एवेन्यू की एक बिल्डिंग में

“पाथेर पांचाली” फिल्म की शूटिंग का काम कितने साल तक चला –
ढाई साल

“पथेर पांचाली” में अप्पू की भूमिका किसने निभाई – 
सुबीर बनर्जी

“पथेर पांचाली” में अप्पू की भूमिका निभाने वाले सुबीर बनर्जी को किसने ढूँढा – 
लेखक की पत्नी ने

फिल्म की शूटिंग के लिए लेखक अप्पू व दुर्गा को लेकर कहाँ गए – 
पालसिट नाम के गाँव में

पालसिट गाँव कहाँ बसा था – 
कलकत्ता से लगभग सत्तर मील दूर

काशफूलों से भरा मैदान कहां स्थित था – 
रेल लाइन के पास

फिल्म के एक दृश्य में , दुर्गा के पीछे दौड़ते – दौड़ते अप्पू कहां पहुंचता है – 
काशफूलों के वन में

सात दिन के बाद रेलवे लाइन के पास वाले काशफूलों के मैदान में आने के बाद , फिल्मकार शूटिंग आरंभ क्यों नहीं कर सके – 
जानवरों द्वारा काशफूल खा लेने के कारण

“पथेर पांचाली” की शूटिंग हर रोज न होने के कारण लेखक को क्या डर सताने लगा था – 
अप्पू और दुर्गा की भूमिका निभाने वाले बच्चे समय के साथ ज्यादा बड़े न हो जाय।

चुन्नीलाल बाला देवी की आयु कितनी थी – 
80 वर्ष

फिल्म में इंदिरा ठाकरुन की भूमिका किसने निभाई थी – 
चुन्नीबाला देवी ने

शूटिंग के लिए कितनी रेल गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था – 
तीन

शूटिंग के लिए तीन रेल गाड़ियों का इस्तेमाल क्यों किया गया – 
ताकि “सफेद काशफूलों की पृष्ठभूमि पर काला धुआँ छोड़ती हुई रेलगाड़ी” वाला सीन अच्छा दिखे।

गाड़ी के बॉयलर में क्या डालना जरूरी था जिससे काला धुंआ निकले – 
कोयला

काला धुंआ निकालने के लिए गाड़ी के बॉयलर में कोयला कौन डालता था – 
अनिल बाबू

फिल्म में कुत्ते का क्या नाम था – 
भूलो

भूलो कुत्ते की जगह दूसरा कुत्ता क्यों लाया गया – 
क्योंकि भूलो की मृत्यु हो गई थी

फिल्म में मिठाईवाले की भूमिका निभाने वाले व्यक्ति का क्या नाम था – 
श्रीनिवास

अप्पू की मां का क्या नाम था – 
सर्वजया

बरसात के मौसम में , फिल्म में बारिश का दृश्य चित्रित करने में मुश्किलें क्यों आई – 
पैसे की कमी के कारण

फिल्म में वर्षा का सीन किस मास में लिया गया – 
अक्टूबर माह में

दुर्गा व अप्पू को बारिश में भीगने के कारण लगी ठंड से बचाने के लिए क्या किया – 
उन्हें दूध में ब्रांडी मिलाकर पिलाई गई।

फिल्म में अप्पू का घर किस गांव में दिखाया गया था – 
वोडाल

सुबोध दा किस गांव के रहने वाला थे – 
वोडाल

लेखक को बोडाल गाँव में जो साठ – पैंसठ साल के विचित्र व्यक्ति मिले , उनका नाम क्या था – 
सुबोध दा

सुबोध दा , लेखक को लोकगीतों की धुनें किसमें बजाकर सुनाते थे – 
वायलिन पर

पागल धोबी किसी भी समय किन मुद्दों पर भाषण देने लगता था –
राजकीय मुद्दों पर

अप्पू किसके साथ खेलने के लिए उतावला था – 
तीर कमान के साथ

“पुकुर” का क्या अर्थ है – 
पोखर

जिस घर में फिल्म की शूटिंग चल रही थी , उसके मालिक कहां रहते थे – 
कोलकाता

साउंड रिकॉर्डिस्ट का क्या नाम था – 
भूपेन बाबू

शूटिंग के समय कमरे में किसे देखकर भूपेन बाबू डर गए –
सांप

फिल्म शूटिंग की टीम सांप को मारना चाहती थी मगर स्थानीय लोगों ने उन्हें क्या कह कर ऐसा करने से मना किया – 
सांप “वास्तुसर्प” है।

सत्यजीत राय का जन्म कब हुआ – 
2 मई 1921 को (कोलकाता)

1985 में भारत सरकार ने सत्यजित राय को कौन से पुरस्कार से नवाजा – 
 दादा साहेब फाल्के

1992 में विश्व सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान के लिए सत्यजित राय को कौन से पुरस्कार से नवाजा गया – मानद ऑस्कर अवॉर्ड

सत्यजीत राय की मृत्यु कब हुई – 
22 अप्रैल 1992 को (कोलकाता)



जय हिन्द : जय हिंदी 
----------------------------------

Post a Comment

0 Comments