vigyapan lekhan in hindi | vigyapan lekhan class 10 | विज्ञापन लेखन हिंदी व्याकरण

vigyapan lekhan in hindi | vigyapan lekhan class 10 | विज्ञापन लेखन हिंदी व्याकरण

vigyapan lekhan in hindi 
विज्ञापन लेखन
Advertisement Writing


विज्ञापन ऐसी कला है, जिसके द्वारा थोड़े-से स्थान एवं कम शब्दों में आवश्यक बातें आकर्षक ढंग से दी जाती हैं। इसका उद्देश्य सर्वसाधारण को सूचित करना होता है। इसके द्वारा क्रय-विक्रय, आवश्यकता, किसी गुम या प्राप्त वस्तु, किराए के लिए मकान, रिक्त स्थान या रिक्त पद आदि की सूचना दी जाती है। विज्ञापन में प्रतिशब्द या प्रति पंक्ति पैसे देने पड़ते हैं, इसलिए यह संक्षिप्त, परन्तु आकर्षक होना चाहिए।

सामान्य रूप से विज्ञापन शब्द का अर्थ है 'ज्ञापन कराना' या सूचना देना'। विज्ञापन अंग्रेजी शब्द 'एडवरटाइजिंग' का हिंदी पर्याय है, इसे 'सार्वजनकि सूचना की घोषणा' भी कह सकते हैं' क्योंकि यह ऐसी सूचना होती है, जो जन-साधारण के हितों से जुड़ी होती है। विज्ञापन उन समस्त गतिविधियों का नाम है, जिनका उद्देश्य किसी विचार, वस्तु या सेवा के विषय में जानकारी प्रसारित करना है और इससे विज्ञापनकर्ता का उद्देश्य ग्राहक को अपनी इच्छा के अनुकूल बनाना है।



विज्ञापन की आवश्यकता

औद्योगिकीकरण के दौर में विज्ञापन का जन्म हुआ। आज विज्ञापन, व्यवसाय जगत् का एक अनिवार्य अंग बन चुका है। किसी नए उत्पाद के विषय में जानकारी देने, इसकी विशेषताएँ व प्राप्ति स्थान आदि बताने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता पड़ती है। एक ही उत्पाद के क्षेत्र में असंख्य प्रतियोगी आ गए है। यदि विज्ञापन का सहारा न लिया जाए, तो सामान्य जनता तक अपने उत्पाद की जानकारी दी ही नहीं जा सकेगी। आज विज्ञापनों के माध्यम से किसी उत्पाद के बाजार में आने से पहले ही उसके विषय में उपभोक्ताओं के अंदर जिज्ञासा उत्पन्न कर दी जाती है। इस प्रकार विज्ञापन, आधुनिक युग का विशेषकर औद्योगिक संस्कृति का अभिन्न तत्व हो गया है। विज्ञापन विक्रय-व्यवस्था में वस्तु का परिचय कराने, उसकी विशेषताएँ तथा लाभ बताने का काम करके ग्राहक को आकृष्ट करने में उपयोगी भूमिका निभाता है।


विज्ञापन का उद्देश्य

विज्ञापन का कोई एक उद्देश्य नहीं होता है, बल्कि इसके अनेक उद्देश्य होते हैं, जिनमें निम्न तीन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं।

(1) तात्कालिक बिक्री- तात्कालिक रूप से अपने उत्पादों की बिक्री करना भी कंपनियों का महत्त्वपूर्ण कार्य होता हैं।

(2) बिक्री के लिए प्रेरित करना- कंपनियों का कार्य केवल उत्पाद करना ही नहीं होता, बल्कि उस उत्पाद की ब्रिक्री करना और बिक्री बढ़ाना भी होता है।

(3) उत्पाद से लोगों को परिचित कराना- अपने उत्पाद से परिचित कराने, उसके प्रति उत्सुकता जागृत करने, खरीदने की इच्छा जगाने आदि संबंधी कार्य भी महत्त्वपूर्ण है।


विज्ञापन के प्रकार

विज्ञापन प्रायः तीन प्रकार से दिए जाते हैं-

(1) मौखिक विज्ञापन- व्यक्तिगत प्रचार, रेडियों, आकाशवाणी आदि के माध्यम से किए जाते हैं। इसके अंतर्गत उत्पाद के बारे में जानकारी केवल बोलकर ही दी जाती है।

(2) लिखित विज्ञापन- प्रायः पत्र-पत्रिकाओं, समाचार-पत्रों में प्रकाशित होते हैं। लिखित विज्ञापन में उत्पाद के बारे में जानकारी लिखकर दी जाती है। लिखित विज्ञापन को डिजाइनों, रंगों, स्लोगनों आदि के प्रयोग से प्रभावी तथा आकर्षक बनाया जाता है।


(3) दृश्य-श्रव्य विज्ञापन- के अंतर्गत प्रायः दूरदर्शन द्वारा दिए गए विज्ञापन आते हैं। इन विज्ञापनों में उत्पाद के बारे में जानकारी चलचित्रों के द्वारा अत्यंत आकर्षक ढंग से उपभोक्ताओं तक पहुँचाई जाती है। इस माध्यम की पहुँच सबसे अधिक व्यापक है।


CBSE Class 10 Hindi A विज्ञापन लेखन
CBSE Class 10 Hindi A लेखन कौशल विज्ञापन लेखन


वर्तमान काल में वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने एवं उनके उपभोग पर भरपूर जोर दिया जा रहा है। उत्पादक अपनी वस्तुओं की बिक्री द्वारा अधिकाधिक लाभ कमाना चाहते हैं तो उपभोक्ता उनका प्रयोग कर सुख एवं संतुष्टि पाना चाहता है। उपभोक्ताओं की इसी प्रवृत्ति का फायदा उठाने के लिए उत्पादक तरह-तरह के साधनों का सहारा लेते हैं। आज वस्तुओं की बिक्री बढ़ाने का प्रमुख हथियार विज्ञापन है। 

विज्ञापन शब्द ‘ज्ञापन’ में ‘वि’ उपसर्ग लगाने से बना है, जिसका अर्थ है-विशेष जानकारी देना। यह जानकारी उत्पादित वस्तुओं सेवाओं आदि से जुड़ी होती है। विज्ञापन में वस्तु के गुणों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है, जिससे उपभोक्ता लालायित हों और इन्हें खरीदने के लिए विवश हो जाएँ। विज्ञापन के कारण उत्पादकों को अपनी वस्तुओं के अच्छे दाम मिल जाते हैं तो उपभोक्ता को वस्तुओं की जानकारी, तुलनात्मक दाम एवं चयन का विकल्प मिल जाता है। आजकल टी.वी., रेडियो के कार्यक्रम, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, भवनों की दीवारें विज्ञापनों से रंगी दिखाई पड़ती हैं।


विज्ञापन लेखन कैसे करें 

विज्ञापन लेखन करते समय 

  • एक बाक्स-सा बनाकर ऊपर मध्य में विज्ञापित वस्तु का नाम मोटे अक्षरों में लिखना चाहिए।
  • दाएँ एवं बाएँ किनारों पर सेल धमाका, खुशखबरी, खुल गया जैसे लुभावने शब्दों को लिखना चाहिए।
  • बाईं ओर मध्य में विज्ञापित वस्तु के गुणों का उल्लेख करना चाहिए।
  • दाहिनी ओर या मध्य में वस्तु का बड़ा-सा चित्र देना चाहिए।
  • स्टॉक सीमित या जल्दी करें जैसे प्रेरक शब्दों का प्रयोग किसी डिजाइन में होना चाहिए।
  • मुफ़्त मिलने वाले सामानों या छूट का उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए।
  • ऊपर ही जगह देखकर कोई छोटी-सी तुकबंदी, जिससे पढ़ने वाला आकर्षित हो जाए।
  • संपर्क करें/फ़ोन नं. का उल्लेख करें, जैसे- ०३५ -७७५६४५३  आदि। अपना या सही फोन नं. देने से बचना चाहिए।



विज्ञापन लेखन

आपने TV, mobile, newspapers आदि में कई तरह के विज्ञापन देखे ही होंगे। जिनमें Colgate, विभिन्न प्रकार के मिर्च-मसाले, ब्यूटी प्रोडक्ट, कूलर, fridge आदि के प्रचार से संबंधित विज्ञापन होते हैं। Ads हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। Students को अपनी परीक्षाओं में विज्ञापन लेखन के प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे में विज्ञापन लेखन का ज्ञान होना बहुत ही ज़रुरी है। इस ब्लॉग के माध्यम से आज हम विज्ञापन लेखन क्या है? Advertisement Writing in Hindi, इससे सम्बन्धित सारी जानकारी और साथ ही विज्ञापन लेखन class 9 और 10 के बारे में विस्तार से जानेंगे।

क्या आप विज्ञापन से जुड़ी निम्न बातों को जानते हैं ?

  • विज्ञापन लेखन क्या होता है?
  • विज्ञापन की परिभाषा
  • विज्ञापन से फायदे
  • विज्ञापन लेखन कैसे करें
  • विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?
  • विज्ञापन में क्या लिखना जरूरी होता है?
  • विज्ञापन लेखन के उद्देश्य बताइये?
  • विज्ञापन की विशेषताएँ
  • विज्ञापन लेखन करते समय किन बातों का रखें ध्यान
  • विज्ञापन लेखन में विशेषणों का प्रयोग
  • केवल एक विशेषण का प्रयोग
  • दो विशेषणों का प्रयोग
  • तीन या अधिक विशेषणों का प्रयोग

आइए जानें विज्ञापन लेखन की ख़ास बातें 

विज्ञापन लेखन क्या होता है?

English भाषा के शब्द advertising की उत्पत्ति Latin के ‘Advertere’ शब्द से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘मोड़ने’ (to turn is) से होता है। विज्ञापन का अर्थ होता है किसी वस्तु या सेवाओं के बारे रचनात्मक और आकर्षक ढंग से विज्ञापन लिखना।

विज्ञापन हमारे आस पास उपस्थित है तो हमें समस्त वस्तुओं की जानकारी उपलब्ध हो पाती है और उपयोगकर्ता(खरीदार) के तौर पर हमारे लिए खरीदारी करना आसान हो जाता है।

ऐसे ही हर चीज के विज्ञापन आपको आज के युग में देखने को मिल जाएंगे चाहे वह जमीन का टुकड़ा हो या बड़े शहरों के फ्लैट या आभूषण या वस्त्रों या वाहन आदि।

मुख्य रूप से विज्ञापन लेखन 2 प्रकार के होते हैं – लिखित और मौखिक।

सड़कों पर हमें पोस्टर या बैनर के रूप में विज्ञापन देखने को मिल जाते हैं।

आधुनिक युग में विज्ञापन एक व्यावसायिक क्रिया है, जिसे प्रत्येक व्यवसाय को किसी-न-किसी रूप में नित्य करना पड़ता है ताकि व्यवसाय को बढ़ाया जा सके।

विज्ञापन की परिभाषा

किसी उत्पाद अथवा सेवा को बेचने अथवा उत्पादन के उद्देश्य से किया जाने वाला जनसंचार विज्ञापन (Advertising) कहलाता है। विज्ञापन विक्रय कला का एक नियंत्रित जनसंचार माध्यम है जिसके द्वारा उपभोक्ता को दिखाई देने वाले एवं सुनाई देने वाली सूचना इस उद्देश्य से प्रदान की जाती है कि वह विज्ञापनकर्ता (विज्ञापन करने वाले) की इच्छा से विचार सहमति, कार्य अथवा व्यवहार करने लगे।

विज्ञापन अपनी छोटी-सी संरचना में बहुत कुछ समाये होते है। आज विज्ञापन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। विज्ञापन’ शब्द ‘वि’ और ‘ज्ञापन’ से मिलकर बना है जहाँ ‘वि’ का अर्थ ‘विशिष्ट’ तथा ‘ज्ञापन’ का मतलब सूचना से है।अतः विज्ञापन का अर्थ ‘विशिष्ट सूचना’ से है। आधुनिक समाज में ‘विज्ञापन’ व्यापार को बढ़ाने वाले माध्यम के रूप में जाना जाता है।


विज्ञापन से फायदे

विज्ञापन लिखने से उपभोक्ता और उत्पादक कंपनी दोनों को ही फायदा होता है। इसके अलावा जिन लोगों के लिए उस विज्ञापन बनाया जा रहा है उसके लिए काफी फायदेमंद होता है।

उत्पादक कंपनी विज्ञापन के जरिए वस्तुओं की ज्यादा बिक्री कर पाती हैं और ज्यादा लोगों तक अपने उत्पाद को पहुंचा पाती हैं। अपने उत्पाद के गुणों की जानकारी उपभोक्ता के सामने आसानी से रख पाती हैं।

वहीं बाजार में एक ही वस्तु कई सारी कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं और हर कंपनी अपने द्वारा बनाए गए उत्पाद का विज्ञापन करती है जिससे उपभोक्ता को सभी उत्पादों की जानकारी हो जाती है। और वह बेहतरीन वस्तु को कम दाम में खरीद पाता हैं। यानि विज्ञापन उत्पाद कंपनी और उपभोक्ता दोनों के लिए फायदेमंद है।

विज्ञापन लेखन कैसे करें

विज्ञापन लेखन करते समय निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए–

एक बॉक्स-सा बनाकर ऊपर मध्य में विज्ञापित वस्तु का नाम मोटे व बड़े अक्षरों में लिखना चाहिए।

दाएँ एवं बाएँ किनारों पर सेल धमाका, खुशखबरी, खुल गया जैसे लुभावने शब्दों को लिखना चाहिए।

बाईं ओर बीच में विज्ञापित वस्तु के गुणों का उल्लेख करना चाहिए।

दाहिनी ओर या मध्य में वस्तु का बड़ा-सा चित्र देना चाहिए।

लिमिटेड ऑफर ,स्टॉक सीमित या जल्दी करें जैसे रोचक शब्दों का प्रयोग किसी डिजाइन में होना चाहिए।

मुफ़्त मिलने वाले सामानों या छूट का उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए।

ऊपर की जगह में कोई छोटी-सी तुकबंदी, जिससे पढ़ने वाला आकर्षित हो जाए।

संपर्क करें/फोन नं. का उल्लेख अवश्य करें, जैसे- 0744-23456789 आदि। अपना या सही फोन नं. देने से बचना चाहिए।

विज्ञापन कितने प्रकार के होते हैं?

वर्तमान समय में विज्ञापन के कई रूप हमारे सामने आते है इनको निम्नलिखित प्रकारो में रखा जा सकता है।


  • अनुनेय विज्ञापन (Persuasive advertisement)
  • सूचनाप्रद विज्ञापन (Informative Advertisement)
  • सांस्थानिक विज्ञापन (Institutional Advertisement)
  • औद्योगिक विज्ञापन (industrial Advertisement)
  • वित्तीय विज्ञापन (Financial Advertisement)
  • वर्गीकृत विज्ञापन (Classified Advertisement)


अनुनेय विज्ञापन- विज्ञापन के माध्यम से जनता अथवा उपभोक्ता तक पहुंच कर उन्हे अपनी ओर आकर्षित करने, रिझाने और उत्पाद की प्रतिष्ठा तथा उसके मूल्य को स्थापित किया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन तब प्रसारित किये जाते है,जब निर्माता का उद्देश्य ग्राहकों के मन में अपनी वस्तु का नाम स्थापित करना होता है और उम्मीद कि जाती हैं कि ग्राहक इसे खरीदेगा। विज्ञापन विभिन्न माध्यमों के आधार पर विशिष्ट उपभोक्ताओं को अपने उद्देश्य के लिये मनाने की इच्छा रखते है।जैसे- किसी वस्तु को बेचने के लिए उसका विज्ञापन देना।

सूचनाप्रद विज्ञापन- इस प्रकार के विज्ञापन सूचनाओं को प्रसारित करने एवं व्यापारिक अभिव्यक्ति के रूप में सामने आते है। साथ ही इन विज्ञापनों का उद्देश्य जनसाधारण को शिक्षित करना, जीवन स्तर ऊंचा करना, सांस्कृतिक व सामुदायिक विकास सुधार,अंतरराष्ट्रीय सद्भावना, वन्य प्राणी सुरक्षा, यातायात सुरक्षा आदि क्षेत्रों में जन-साधारण की भलाई के उद्देश्य से सूचना प्रदान कर जागरूकता उत्पन्न करता है।

सांस्थानिक विज्ञापन- सांस्थानिक विज्ञापन व्यावसायिक संस्थानों जैसे कॉलेज, कोचिंग,स्कूल आदि द्वारा प्रकाशित व प्रचारित कराये जाते है।संस्थाओं के रूप में बड़े-बड़े उद्योग समूह अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां आदि विज्ञापन प्रस्तुत कर राष्ट्रहित संबंधी जनमत का निर्माण करती है। विज्ञापन की विषय-वस्तु नितान्त जन-कल्याण से संबंधित होती है किन्तु इसमें स्वयं का विज्ञापन भी शामिल होता है।इस तरह के विज्ञापनों का उद्देश्य बिक्री बढ़ाना न होकर लोगों को जानकारियाँ देना होता है

औद्योगिक विज्ञापन- औद्योगिक विज्ञापन कच्चा माल, उपकरण आदि की क्रय में वृद्धि के उद्देश्य से किया जाता है, इस प्रकार के विज्ञापन प्रमुख रूप से औद्योगिक प्रक्रियाओं में प्रकाशित किये जाते है, इन विज्ञापनों का प्रमुख उद्देश्य सामान्य व्यक्ति को आकर्षित करना नहीं होता है बल्कि औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित व्यक्तियों, प्रतिष्ठानों तथा निर्माताओं को अपनी ओर आकर्षित करना होता है।उदाहरणार्थ किसी बड़ी स्टील निर्माता कंपनी का विज्ञापन जो स्टील के सामान बनाने वाले छोटे उत्पादकों को लक्ष्य कर जारी किया जाता हैं। छोटे उद्योग भी अपना कच्चा माल बेचने के लिए इस तरह के विज्ञापनों का सहारा लेते हैं।

वित्तीय विज्ञापन- वित्तीय विज्ञापन प्रमुख रूप से अर्थ से संबंधित होता है, विभिन्न कंपनियों द्वारा अपने शेअर खरीदने का विज्ञापन उपभोक्ताओं को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने से संबंधित विज्ञापन इसी श्रेणी में आते है।बैंक ,बीमा कंपनियां, वित्तीय संस्थाएं आदि अपनी वित्तीय गतिविधियों की जानकारी देने, शेयर जारी करने, पूंजी बाजार से पैसा उठाने आदि कामों के लिए इस तरह के विज्ञापन जारी करती हैं।इस तरह के विज्ञापनों के जरिए कंपनियां अपनी वित्तीय उपलब्धियां, अनुमानित लाभ और विस्तार योजनाओं आदि के बारे में बताती हैं

वर्गीकृत विज्ञापन-वर्गीकृत विज्ञापन प्राय: स्थानीय आवश्यकताओं और सूचनाओं पर आधारित होते हैं।इस तरह के विज्ञापन, विज्ञापन के प्रारम्भिक स्वरूप हैं।इस प्रकार के विज्ञापन अत्यधिक संक्षिप्त, सज्जाहीन एवं कम खर्चीले होते हैं,जैसे- शोक संवेदना, ज्योतिष विवाह, बधाई, क्रय-विक्रय, आवश्यकता, नौकरी, वर-वधू आदि से संबंधित इस प्रकार के विज्ञापन समाचार पत्र में प्रकाशित होते हैं।

समाचार सूचना विज्ञापन- समाचार सूचना विज्ञापन,विज्ञापन का अपेक्षाकृत नया रूप है ऐसे विज्ञापनों को एडवरटोरियल (Advertorial) भी कहा जाता है। इसमें विज्ञापन को इस प्रकार तैयार किया जाता है कि वह किसी समाचार की तरह ही लगता है,इसका प्रकाशन भी समाचारों की तरह ही समाचारों के बीच में किया जाता है।

विज्ञापन में क्या लिखना जरूरी होता है?

समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं में जो सजावटी विज्ञापन दिखाई देते हैं उन्हें विज्ञापन लेखक तथा कलाकार या कंप्यूटर डिज़ाइनर द्वारा मिलजुल कर तैयार किया जाता है। किसी भी विज्ञापन का लेआउट तैयार करने से पहले यह विचार किया जाता है कि विज्ञापन कैसा होना चाहिए ? उसमें क्या दिखाया जाना चाहिए? और विज्ञापन रंगीन होने चाहिए या हाथ से बनाई गयी कला डिजाइन आदि । विज्ञापन का लेआउट तैयार करना एक पूरी योजना है जिसमें विज्ञापन के प्रत्येक तत्व को उपयुक्त जगह पर रखना होता है।


विज्ञापन लेआउट में निम्नलिखित तत्वों को चयनित किया जाता है-

Copy (Body Text)

किसी भी विज्ञापन में लिखी जाने वाली समस्त सामग्री को ही copy कहा जाता है। अतः विज्ञापन के अन्य जितने भी तत्व हैं जैसे- शीर्षक, उपशीर्षक आदि सभी कॉपी के ही भाग हैं। कॉपी लेखन बड़ी कुशलता का काम है एक अच्छे कॉपी लेखक को उत्पाद, खरीददार, वितरण,जिनके लिए कॉपी तैयार होनी है,उनकी अवस्था,धर्म,शिक्षा आदि सभी की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा बाजार में और कितनी कंपनियां उस उत्पाद को बेच रही है आदि की भी जानकारी होनी चाहिए ।

एक अच्छी copy वह है जो संक्षिप्त हो, स्पष्ट हो और उपभोक्ता उसे पढ़कर आसानी से समझ सके। जैसे-“नए नवेले lux से बेहतर भला और क्या? , बड़ा नवेला lux”


शीर्ष पंक्ति (Headline)

Headline एक शब्द से वाक्य तक हो सकती हैं तथा इसे बड़े बड़े अक्षरों में छापा जाता है । पाठक की नजर सबसे पहले इसी पर पड़ती है। शीर्ष पंक्ति अपना सारा संदेश एक ही नजर में पाठक के मन पर छोड़ देती है । शीर्ष पंक्ति इतनी प्रभावशाली होनी चाहिए कि पाठक को पूरा विज्ञापन पढ़ने की आवश्यकता ही ना हो । जैसे- ‘नया रूप नई काया’

उपशीर्ष पंक्ति (Sub-headlines)

यह एक प्रकार से शीर्ष पंक्ति की पूरक होती है। इनकी छपाई का आकार शीर्ष पंक्तियों से छोटा तथा विज्ञापन के अन्य सामग्री से बड़ा होता है।इनका कार्य शीर्ष पंक्ति के कार्य को आगे बढ़ाना होता है। जैसे – शीर्ष पंक्ति बचाइए 1000/- तक उपशीर्ष पंक्ति- आप बस इतना करें अपने टीवी का ऑर्डर आज ही दे दे।

विज्ञापन पाठ (Body Copy)

Headline तथा Sub Headline से विज्ञापन की शुरुआती जानकारी ही प्राप्त होती है, पर उत्पाद के विषय में पूरी जानकारी देने तथा पाठक के मन पर असर डालने का कार्य विज्ञापन पाठ( Body Text) का होता है. यहां यह लिखा जाता है कि उस उत्पाद को क्यों और कैसे खरीदें? एक अच्छा विज्ञापन पाठ वह होता है जो पाठक यानी ग्राहक को ऐसी कार्यवाही के लिए मजबूर करें जिसकी अपेक्षा विज्ञापन लेखन ने की है विज्ञापन पाठ में स्पष्टता निरंतरता होनी चाहिए।

चित्र (Illustration)

चित्र विज्ञापन को आकर्षक बनाते हैं साथ ही भाषा की कमी को भी पुरा करते हैं।इसलिए विज्ञापनों में चित्रों की लोकप्रियता और उनकी उपयोगिता सर्वमान्य है। चित्रों के माध्यम से उद्योगों के योग को समझाया जा सकता है।विज्ञापन कितना बड़ा हो उसमें क्या दिखाया जाए, यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि विज्ञापनकर्ता किस उद्देश्य को लेकर विज्ञापन तैयार कर रहा है।

व्यापारिक चिन्ह (Trademark)

ट्रेडमार्क वे होते हैं , जिनको कोई भी निर्माता कंपनी अपनी पहचान के लिए विज्ञापन में इस्तेमाल करती है। ट्रेडमार्क रजिस्टर कराए जा सकते हैं और यह हर कंपनी की निजी संपत्ति होते हैं। ट्रेडमार्क, ट्रेड नाम तथा ब्रांड नेम तीनों एक ही हो सकते।

हस्ताक्षर (Signature)

कोई भी कंपनी अपने उत्पाद को नकली उत्पादको से बचाने के लिए Signature/Logo Type का उपयोग विज्ञापनों में करती है।वस्तुतः यह व्यापारिक चिन्ह होते हैं जिन्हे रजिस्टर भी कराया जा सकता है।

सफेद जगह (White Space)

किसी विज्ञापन में जितना महत्व कॉपी और चित्र का होता है उतना ही महत्व खाली सफेद जगह का होता है। सफेद जगह के कंट्रास्ट में चित्र उभर कर आते हैं और यह एक सीमा में ही रखी जाती है।विज्ञापनकर्ता को इस खाली सफेद जगह का की भी उतनी ही कीमत चुकानी पड़ती है।

बॉर्डर (Border)

विज्ञापनों के लेआउट को और आकर्षक बनाने के लिए विज्ञापन के चारों ओर बॉर्डर बनाए जाते हैं।बॉर्डर बन जाने से विज्ञापन आसपास के विज्ञापनों से अलग दिखाई देता है। बॉर्डर भी रचनात्मक बनाए जा सकते हैं ,जैसे: चीनी मिल के विज्ञापन के बॉर्डर में गणों के छोटे-छोटे चित्र हो सकते हैं।

विज्ञापन लेखन के उद्देश्य बताइये?

विज्ञापन हमेशा ही ‘लाभ’ के उद्देश्य को लेकर चलते हैं यों तो अधिकांशत: यह लाभ प्रस्तुतकर्ता को वस्तु के बेचने से होने वाला लाभ ही होता है पर कभी-कभी जनजागरण, माहौल, सेवा के बारे में विचारधारा, सामाजिक बदलाव, वैचारिक उत्थान, सरकारी रीति-नीति का प्रचार, राजनीतिक लाभ आदि वृहद उद्देश्यों के आधार पर भी विज्ञापन जारी किए जाते हैं।


विज्ञापन के उद्देश्य इस प्रकार हो सकते हैं :

  • उन सभी संदेशो का एक अंश प्रस्तुत करना जो उपभोक्ता पर प्रभाव डाल सकते हैंं।
  • विशेष छूट और मूल्य परिवर्तन की जानकारी देना , उपभोक्ता मांग में वृद्धि करना,खरीदने और अपनाने की प्रेरणा देना।
  • वस्तुओं, कंपनियों व संस्थाओं के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत होना।
  • समाज की एक प्रतिनिधि संस्था के रूप में उद्योग प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग होना।
  • वस्तु की बिक्री बढ़ाने में प्रभावशाली भूमिका निभाना।
  • एक प्रभावी Marketing औजार के तौर पर लाभकारी संगठनों और प्रबंधकों को अपना उद्देश्य पूरा करने में सहायता करना।
  • समाज की उभरती व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करना।
  • व्यावसायिक तौर पर जारी संदेशो के जरिए उपभोक्ताओं को लाभप्रद संबंधित व निश्चित सूचना प्रदान करना।
  • आर्थिक क्रिया को विभिन्न नियमों व कानूनों के अनुसार चलाना।


विज्ञापन की विशेषताएँ

  • विज्ञापन सन्देश पहुंचाने का व्यापक माध्यम है, जिसके द्वारा सन्देश को बार-बार दोहराया जाता है।
  • विज्ञापन जनता के सामने सार्वजनिक रूप से सन्देश प्रस्तुत करने का साधन है।
  • विज्ञापन द्वारा एक ही सन्देश को विभिन्न प्रकार के रंगों, चित्रों, शब्दों, वाक्यों तथा लाइट से सुसज्जित कर जनता तक पहुंचाया जाता है, जो ग्राहक को स्पष्ट एवं विस्तृत जानकारी देता है।
  • विज्ञापन सदैव अव्यक्तिगत होता है अर्थात कभी कोई व्यक्ति आमने-सामने विज्ञापन नहीं करता।विज्ञापन मौखिक, लिखित, दृश्य तथा अदृश्य हो सकता है।
  • विज्ञापन के लिए विज्ञापनकर्ता द्वारा भुगतान किया जाता है।
  • विज्ञापन के विविध माध्यमों को विज्ञापनकर्ता अपनी सुविधानुसार उपयोग कर सकता है।
  • विज्ञापन का उद्देश्य नये ग्राहकों को जोड़ना तथा विद्यमान ग्राहकों को बनाये रखना होता है जबकि गैर-व्यावसायिक विज्ञापनों का उद्देश्य सामान्य सूचना देना होता है।


विज्ञापन लेखन करते समय निम्न बातों का  ध्यान रखें-


  • सबसे पहले एक box बनाकर ऊपर मध्य में विज्ञापित वस्तु का नाम मोटे अक्षरों में लिखना चाहिए।
  • दाएँ एवं बाएँ किनारों पर सेल धमाका, खुशखबरी, खुल गया जैसे लुभावने शब्दों को लिखना चाहिए।
  • बाईं ओर मध्य में विज्ञापित वस्तु के गुणों का उल्लेख करना चाहिए।
  • दाहिनी ओर या मध्य में वस्तु का बड़ा-सा चित्र देना चाहिए।
  • स्टॉक सीमित या जल्दी करें जैसे प्रेरक शब्दों का प्रयोग किसी डिजाइन में होना चाहिए।
  • मुफ़्त मिलने वाले सामानों या छूट का उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए।
  • ऊपर ही जगह देखकर कोई छोटी-सी तुकबंदी, जिससे पढ़ने वाला आकर्षित हो जाए।



विज्ञापन लेखन में विशेषणों का प्रयोग

विज्ञापन की भाषा में जहाँ शब्दों को सजा कर भाषा में पेश किया जाता है। वहीं विशेषणों का भी काफी प्रयोग किया जाता है। वस्तु की विशेषता को एक अथवा अधिक विशेषणों द्वारा वर्णित किया जाता है। जैसे-


केवल एक विशेषण का प्रयोग


त्वचा में ज्योति जगाए – रेक्सोना

गोरेपन की क्रीम – फेयर एंड लवली

एक टूथपेस्ट मसूड़ों के लिए – फॉर्हेन्स

मजेदार भोजन का राज – डालडा

ताजगी का साबुन – लिरिल

सुपररिन की चमकार ज्यादा सफ़ेद


दो विशेषणों का प्रयोग


खून को साफ़ करके त्वचा को निखारे-हमदर्द की साफी

पाँच औषधियों वाला पाचन टॉनिक-झंडु पंचारिष्ट

बेजोड़ चाय, किफ़ायती दाम-रेड लेबल चाय

ताजगी व फुर्ती के लिए हॉर्लिक्स

आप अपना वक्त और ईंधन बचाइए, युनाइटेड प्रेशर कुकर लाइए।

दूध की सफ़ेदी निरमा से आए,

रंगीन कपड़ा भी खिल-खिल जाए।


तीन या अधिक विशेषणों का प्रयोग

मुझे चाहिए एक साफ, स्वच्छ स्नान-100% संपूर्ण नया डैटॉल सोप

अलबेली और निराली, ज्यादा गारंटी वाली-टाइमस्टार घड़ी

डबल डायमंड चाय स्वाद में, तेज़ी में, आपके ख्यालों सी ताजगी

भीनी-भीनी सुगंध युक्त, चिपचिपाहिट रहित केश तेल
स्वस्थ केश-सुंदर केश (केयो कार्पिन केश)

विज्ञापन लेखन Class 9

अब आइए class 9 से संबंधित कुछ विज्ञापन लेखन के उदाहरण देखते हैं और समझते हैं कि class 9 में किस तरह से अच्छा विज्ञापन लेखन लिखा जाए।

प्लाजा’ कार कंपनी के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिएं।


रॉयल टेलीविज़न’ बनाने वाली कंपनी के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए।


सुविधा’ वाशिंग मशीन बनाने वाली कंपनी के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए। “आधी आबादी को आराम पहुँचाने सुविधा वाशिंग मशीन आ गई है” अपने विज्ञापन में इस वाक्य का उपयोग करें।


विज्ञापन लेखन CBSE Class 10

विज्ञापन लेखन class 10 की board परीक्षाओं में पूछे जाने वाला एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न है जिसमे 5 अंक निर्धारित होते हैं। विज्ञापन लेखन, लेखन की एक कला है। दरअसल, जब आप कोई विज्ञापन हिंदी में लिख रहे हों तो आपको उसे इस तरह प्रस्तुत करने का प्रयास करना चाहिए जिससे कि दर्शक आकर्षित हो जाएं। अतः कोशिश कीजिए कि आपका विज्ञापन लेखन आपके पाठक ( पढ़ने वाले को) को अच्छी तरह से प्रभावित करे।

विज्ञापन लेखन के कुछ उदाहरण

‘स्नेहा परिधान शो रूम’ को अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ानी है। वे सभी परिधानों पर 50% की छूट दे रहे हैं। इस संबंध में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

‘कान्हा डेयरी’ अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक विज्ञापन तैयार करवाना चाहते हैं। इस संबंध में आप उनके लिए विज्ञापन लेखन कीजिए।

अपने पुराने मकान को बेचने के लिए एक विज्ञापन लिखे। CBSE 2020 Hindi ‘A’ 

विज्ञापन लेखन

आपने एक नया वाटर पार्क बनाया है। शहर के लोगो को आकर्षित करने के लिए एक विज्ञापन तैयार करे। CBSE 2019 Hindi ‘B’ 

विज्ञापन लेखन

स्कूली छात्रों द्वारा बनाये गए मोमबत्ती एवं दीप को बेचने के लिए एक विज्ञापन तैयार करे। CBSE 2017 Hindi ‘B’ 

विज्ञापन लेखन

प्रश्न : अच्छा विज्ञापन कैसे बनाएं?

उत्तर: अच्छे विज्ञापन के लिए 

  • अपने प्रचार के बारे में साफ़-साफ़ जानकारी दें
  • प्रासंगिकता का ख्याल रखें
  • हेडलाइन का विवरण से मिलान करें
  • अपने विज्ञापन का अपने लैंडिंग पेज से मिलान
  • पक्का करें कि आपके विज्ञापन मंज़ूर हो चुके हैं



प्रश्न : विज्ञापन शब्द में कौन उपसर्ग लगा है?

उत्तर: विज्ञापन = वि (उपसर्ग) + ज्ञापन (किसी वस्तु आदि के प्रचार के लिये किया जाने वाला कार्य।


प्रश्न : विज्ञापन का क्या मतलब है?

उत्तर: सब लोगों को दी जाने वाली सूचना; इश्तहार 2. जानकारी कराना; सूचित करना 3. प्रचारार्थ दी जाने वाली सूचना; (एडवरटाइज़मेंट)।


(1) रिक्त ( पद ) स्थान के लिए विज्ञापन

संत शिरोमणि विद्यालय , दीघा रोड, रायपुर  के लिए गणित, हिन्दी एवं कम्प्यूटर शिक्षकों की आवश्यकता है। योग्यता कम-से-कम ऑनर्स द्वितीय श्रेणी तथा दो वर्षों का अनुभव होना चाहिए। प्रशिक्षितों को प्राथमिकता/वेतनमान आकर्षक/ प्राचार्य के पास 1 अप्रैल, 2022 तक प्रार्थना-पत्र भेजें।

(2) ट्यूशन के लिए विज्ञापन

प्रथम श्रेणी अंग्रेजी एम० ए०, मैट्रिक से इंटरमीडिएट तक अंग्रेजी एवं गणित पढ़नेवाले ट्यूशन-इच्छुक छात्र-छात्रा इस पते पर सम्पर्क करें- विश्वनाथन, 30, टैगोर रोड, शिमला ।

सूचना-पत्र सूचना-पत्र विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों द्वारा कर्मचारियों को भी दी जाती है और किसी खास कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा भी आम जनता को दी जाती है। इसमें बनावटीपन नहीं होता, बिल्कुल पक्की जानकारी की बातें दी जाती हैं ?

कुछ उदाहरण 

(1) विद्यालय की ओर से छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को दी गई सूचना।

सूचना- 10 मई, 2021

सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 1 जून, 2017 से 30 जून, 2021 तक ग्रीष्मावकाश रहेगा। पुनः दिनांक 1 जुलाई, 2021  से पठन-पाठन का कार्यक्रम पूर्ववत् चलेगा।


(2) क्रिकेट मैच की सूचना

सर्वसामान्य को सूचित किया जाता है कि दिनांक 24 फरवरी, 2021  को 9 बजे से रेनबो स्टेडियम में पटना और नालन्दा क्रिकेट टीमों के बीच प्रतियोगिता होगी, जिसमें मुख्य अतिथि सचिन तेंदुलकर और विशिष्ट अतिथि महेन्द्र सिंह धोनी होंगे। क्रिकेट-प्रेमियों से निवेदन है कि वे अधिक-से-अधिक संख्या में भाग लेकर इस क्रिकेट-प्रतियोगिता का आनंद लें। इस प्रदर्शन के लिए 25, 40 और 50 रुपये प्रति व्यक्ति टिकट निश्चित किया गया है।


20 फरवरी, 2021 


..............................................रोहित  कुमार

........................................सचिव, जिला क्रिकेट एसोशियेसन

...............................................कानपूर 




प्राप्ति-पत्र (रसीद)

प्राप्ति-पत्रों में किसी वस्तु का मूल्य अथवा पारिश्रमिक न केवल अंकों में बल्कि अक्षरों में भी लिखा जाता है। प्राप्ति-पत्रों की भाषा सरल, स्पष्ट और सभ्य होनी चाहिए। कोई वाक्य संदिग्ध या व्यर्थ नहीं होना चाहिए। 20 रुपये तथा अधिक पर रसीदी टिकट अवश्य लगानी चाहिए।




(3) वेतन-प्राप्ति पर प्राप्ति-पत्र

आज दिनांक 1 मार्च, 2017 को टाटा पाईप प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी से फरवरी, 2017 का वेतन 11,500/रु. (ग्यारह हजार पाँच सौ रुपये) प्राप्त किए, तदर्थ धन्यवाद!




01. 03. 17

...........................................रघुवीर सिंह

............................................फीटर




(4) वस्तु-विक्रय पर प्राप्ति-पत्र

आज बी. आर. 1 वाई-4583 हीरो होंडा सी. डी. डाउन बाइक जो देखने में नई-सी प्रतीत होती है; श्री रंजीत खाँ सुपुत्र श्री भोला खाँ को बेचकर उसका तय मूल्य पन्द्रह हजार एक रुपये प्राप्त किया, धन्यवाद !




साक्षी- हस्ताक्षर................................. हस्ताक्षर

नारायण कुमार वर्मा............................. उमेश कुमार शर्मा

सुपुत्र श्री हरिवंश कुमार वर्मा ....................विष्णुपुरा मोहल्ला

5/7 विष्णुपुरी, जगदीशपुर........................जगदीशपुर

27 जनवरी, 2017 ...............................27 जनवरी, 2017


कुछ और उदाहरण

1. नवांकुर प्ले स्कूल में प्री प्राइमरी से पाँचवी तक के दाखिले शुरू हो गए हैं। इस स्कूल के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

2. ‘रुचिकर परिधान शो रुम’ को अपने परिधानों की बिक्री बढ़ानी है। वे सभी परिधानों पर 20% की छूट दे रहे हैं। इस संबंध में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

3. आप एक योग प्रशिक्षण केंद्र खोलना चाहते हैं। इस संबंध में युवाओं को आकर्षित करने वाला एक विज्ञापन तैयार कीजिए।


4. ‘कान्हा डेयरी’ अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक विज्ञापन तैयार करवाना चाहते हैं। इस संबंध में आप उनके लिए विज्ञापन लेखन कीजिए।

5. उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम पर्यटकों की संख्या बढ़ाना चाहता है। उसके लिए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।

6. आपने अपना नया कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र खोला है। यहाँ प्रवेश लेने के लिए शिक्षार्थी आकर्षित हों, इसके लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए।


7. ‘सरस्वती पुस्तक भंडार’ पुस्तक की बिक्री बढ़ाने हेतु विज्ञापन तैयार करवाना चाहता है। आप उसके लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

8. ज्ञानदीप कोचिंग सेंटर में छात्रों को प्रवेश लेने हेतु आकर्षित करते हुए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।


9. एक्सेल मोबाइल फ़ोन बाने वाली कंपनी के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए।


10. आपको अपनी पुरानी मोटर साइकिल बेचनी हैं। इसके लिए विज्ञापन तैयार कीजिए।

11. आपके मोहल्ले में पालतू जानवरों के इलाज के लिए अस्पताल खोला गया है। इसके लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए.

12. ‘रक्षक’ जूते बनाने वाली कंपनी के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए।

13. ‘स्वादिष्ट’ अचार बनाने वाली कंपनी के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

14. ‘लवली’ पेंसिलें बनाने वाली कंपनी के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए।

15. रचना रजिस्टर एवं कापियाँ बनाने वाली कंपनी के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

16. ‘प्रकाश’ एल.ई.डी. बल्ब बनाने वाली कंपनी की बिक्री बढ़ाने हेतु विज्ञापन तैयार कीजिए।

17. ‘कलर विजन’ टी.वी. बनाने वाली कंपनी अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए विज्ञापन तैयार करवाना चाहती है। आप उसके लिए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।

18. ‘पवन’ पंखा बनाने वाली कंपनी अपने पंखों की बिक्री बढ़ाना चाहती है। आप उसके लिए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।

19. ‘प्रीति’ साड़ी स्टोर की साड़ियों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।


20. ‘कूल इंडिया’ कूलर्स की बिक्री बढ़ाने के लिए एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।


21. आप अपनी पुरानी कार बेचना चाहते हैं। इसके लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

22. आप शाम 7 PM से 9 PM नृत्य का प्रशिक्षण देने के लिए कक्षाएं शुरू की जा रही हैं। इसमें प्रवेश के इच्छुक लड़कियों के लिए विज्ञापन तैयार कीजिए।

23. आपके मित्र फूलों से बनी वस्तुओं-गुलदस्ते, हार, मालाएँ, बुके आदि की बिक्री बढ़ाना चाहता है। उसकी मदद के लिए एक विज्ञान तैयार कीजिए।

24. कार ड्राइविंग सिखाने वाले नए स्कूल के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

25. ‘मोनू स्कूल बैग्स’ अपने बैगों की बिक्री बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए।





जय हिद : जय हिंदी 
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