sansar pustak hai mcq class 6 | संसार पुस्तक है mcq

sansar pustak hai mcq class 6 | संसार पुस्तक है mcq

 sansar pustak hai mcq class 6 

संसार पुस्तक है mcq 



प्रश्न :  1. “संसार पुस्तक है’ पाठ के लेखक कौन हैं?

(a) प्रेमचंद
(b) विनय महाजन
(c) पं० जवाहरलाल नेहरू
(d) कृष्णा सोबती

 उत्तर :  (c) पं० जवाहरलाल नेहरू

प्रश्न :  2. नेहरू जी ने यह पत्र किसको लिखा था?

(a) भारत के बच्चों को
(b) अपनी पुत्री इंदिरा को
(c) भारत के साहित्यकारों को
(d) धार्मिक नेताओं को

उत्तर :  (b) अपनी पुत्री इंदिरा को

प्रश्न :  3. लेखक के पत्रों का संकलन किस नाम से है?

(a) भारत एक खोज
(b) संसार पुस्तक है
(c) संसार एक रंग-मंच
(d) पिता के पत्र पुत्री के नाम

उत्तर :  (d) पिता के पत्र पुत्री के नाम

प्रश्न :  4. लेखक ने प्रकृति के अक्षर किसे कहा है?

(a) पहाड़ों को
(b) नदी और मैदानों को
(c) पक्षियों और पेड़ों को
(d) उपर्युक्त सभी
 
उत्तर :  (d) उपर्युक्त सभी

प्रश्न :  5. किसी भाषा को सीखने के लिए सबसे पहले क्या सीखना होता है?

(a) वर्ण
(b) शब्द
(c) वाक्य
(d) शब्दांश
 
उत्तर :  (d) शब्दांश

संसार पुस्तक है पाठ के पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न


जब तुम मेरे साथ रहती हो तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो और मैं उनका जवाब देने की कोशिश करता हूँ, लेकिन अब, जब तुम मसूरी में हो और मैं इलाहाबाद में, हम दोनों उस तरह बातचीत नहीं कर सकते। इसलिए मैंने इरादा किया है कि कभी-कभी तुम्हें इस दुनिया की और उन छोटे-बड़े देशों की जो इस दुनिया में हैं, छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करूँ।

प्रश्न :  6. इस पाठ के लेखक हैं-

(a) महात्मा गांधी
(b) सुमित्रानंदन पंत
(c) नेहरू जी
(d) इंदिरा गांधी
 
उत्तर :  (c) नेहरू जी

प्रश्न :  7. ऊपर लिखे गद्यांशों में ‘तुम’ का प्रयोग किसके लिए किया गया है?

(a) इंदिरा गांधी के लिए
(b) महादेवी वर्मा के लिए
(c) सुभद्रा कुमारी चौहान
(d) स्वयं लेखक ने अपने लिए
 
उत्तर :  (a) इंदिरा गांधी के लिए

प्रश्न :  8. मसूरी में कौन है?

(a) लेखक
(b) इंदिरा
(c) लेखक का मित्र
(d) लेखक का भाई
 
उत्तर :  (b) इंदिरा


संसार पुस्तक है पाठ के पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न

यह तो तुम जानती ही हो कि यह धरती लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है और बहुत दिनों तक इसमें कोई आदमी न था। आदमियों से पहले सिर्फ जानवर थे और जानवरों से पहले एक ऐसा समय था जब इस धरती पर कोई जानदार चीज़ न थी। आज जब यह दुनिया हर तरह के जानवरों और आदमियों से भरी हुई है, उस ज़माने का ख्याल करना भी मुश्किल है, जब यहाँ कुछ न था।

प्रश्न :  9. यह धरती कितनी पुरानी है?

(a) पच्चीस हज़ार वर्ष
(b) पचास हज़ार वर्ष
(c) एक करोड़ वर्ष
(d) लाखों करोड़ों वर्ष
 
उत्तर :  (d) लाखों करोड़ों वर्ष

प्रश्न :  10. यह धरती पहले कैसी थी?

(a) बेहद सर्द
(b) बेहद गरम
(c) पानी से भरी
(d) कठोर
 
उत्तर :  (b) बेहद गरम

प्रश्न :  11. पहले धरती पर कोई जानदार चीज़ क्यों नहीं थी?

(a) क्योंकि धरती उपजाऊ नहीं थी
(b) क्योंकि धरती जीवन के अनुकूल नहीं थी
(c) क्योंकि धरती बहुत गरम थी
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
 
उत्तर :  (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं


संसार पुस्तक है पाठ के पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न

लेकिन जो कहानी किसी बात को देखे बिना ही गढ़ ली जाए वह ठीक कैसे हो सकती है? लेकिन खुशी की बात है कि उस पुराने जमाने की लिखी हुई किताबें न होने पर भी कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनसे हमें उतनी ही बातें मालूम होती हैं जितनी किसी किताब से होतीं। ये पहाड़, समुद्र, सितारे, नदियाँ, जंगल, जानवरों की पुरानी हड्डियाँ और इसी तरह की और भी कितनी ही चीजें हैं, जिनसे हमें दुनिया का पुराना हाल मालूम हो सकता है। मगर हाल जानने का असली तरीका यह नहीं है कि हम केवल दूसरों की लिखी हुई किताबें पढ़ लें बल्कि खुद संसार-रूपी पुस्तक को पढ़ें। मुझे आशा है कि पत्थरों और पहाड़ों को पढ़कर तुम थोड़े ही दिनों में उनका हाल जानना सीख जाओगी। सोचो, कितनी मज़े की बात है। एक छोटा-सा रोड़ा जिसे तुम सड़क पर या पहाड़ के नीचे पड़ा हुआ देखती हो, शायद संसार की पुस्तक का छोटा-सा पृष्ठ हो, शायद उससे तुम्हें कोई नई बात मालूम हो जाए। शर्त यही है कि तुम्हें उसे पढ़ना आता हो।

प्रश्न :  12. इस पाठ के लेखक हैं-

(a) साहिर लुधियानवी
(b) सुंदरा रामस्वामी
(c) जवाहर लाल नेहरू
(d) विष्णु प्रभाकर
 
उत्तर :  (d) विष्णु प्रभाकर

प्रश्न :  13. बिना किसी को देखे गढ़ी गई कहानी कैसी होती है?

(a) सत्य
(b) काल्पनिक
(c) झूठी
(d) यथार्थ
 
उत्तर :  (b) काल्पनिक

प्रश्न :  14. हमें पुरानी दुनिया का हाल किन चीज़ों से पता चलता है?

(a) पहाड़, हड्डियों समुद्र और तारों से
(b) नदियों और जंगलों से
(c) जानवरों की पुरानी हड्डियों
(d) उपर्युक्त सभी
 
उत्तर :  (d) उपर्युक्त सभी


संसार पुस्तक है पाठ के पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न

कोई ज़बान, उर्दू, हिंदी या अंग्रेजी सीखने के लिए तुम्हें उसके अक्षर सीखने होते हैं। इसी तरह पहले तुम्हें प्रकृति के अक्षर पढ़ने पड़ेंगे, तभी तुम उसकी कहानी उसके पत्थरों और चट्टानों की किताब से पढ़ सकोगी। शायद अब भी तुम उसे थोड़ा-थोड़ा पढ़ना जानती हो। जब तुम कोई छोटा-सा गोल चमकीला रोड़ा देखती हो, तो क्या वह तुम्हें कुछ नहीं बतलाता? यह कैसे गोल, चिकना और चमकीला हो गया और उसके खुरदरे किनारे या कोने क्या हुए?

प्रश्न :  15. किसी भी भाषा को सीखने के लिए क्या सीखना पड़ता है?

(a) वाक्य
(b) अक्षर
(c) शब्द
(d) व्याकरण
 
उत्तर :  (b) अक्षर

प्रश्न :  16. प्रकृति के अक्षर हमें कहाँ से मिलते हैं?

(a) पुस्तकों से
(b) पत्थरों और चट्टानों से
(c) वृक्षों से
(d) उपर्युक्त सभी
 
उत्तर :  (b) पत्थरों और चट्टानों से

प्रश्न :  17. चमकीला पत्थर पहले कैसा रहा होगा?

(a) छोटा तथा कम चमकीला
(b) बड़ा या नुकीला
(c) छोटा तथा चमकदार
(d) बराबर तथा अधिक चमकीला
 
उत्तर :  (b) बड़ा या नुकीला

संसार पुस्तक है पाठ के पठित गद्यांश पर आधारित  प्रश्न

इसलिए मैंने इरादा किया है कि कभी-कभी तुम्हें इस दुनिया की और उन छोटे-बड़े देशों की जो इस दुनिया में हैं, छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करूँ। तुमने हिंदुस्तान और इंग्लैड का कुछ हाल इतिहास में पढ़ा है लेकिन इंग्लैंड केवल एक छोटा-सा टापू है और हिंदुस्तान, जो एक बहुत बड़ा देश है, फिर भी दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा है। अगर तुम्हें इस दुनिया का कुछ हाल जानने का शौक है, तो तुम्हें सब देशों का और उन सब जातियों का जो इसमें बसी हुई हैं, ध्यान रखना पड़ेगा, केवल उस एक छोटे-से देश का नहीं जिसमें तुम पैदा हुई हो।

प्रश्न :  18. पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
 उत्तर :  पाठ का नाम-संसार पुस्तक है. लेखक का नाम-जवाहरलाल नेहरू.

प्रश्न :  19. यह बात कौन, किसको लिख रहा है?
 उत्तर :  यह बात लेखक पं० जवाहरलाल नेहरू अपनी पुत्री इंदिरा को इलाहाबाद से लिख रहे हैं।

प्रश्न :  20. लेखक ने क्या इरादा किया है?
 उत्तर :  लेखक का इरादा है कि वे अपनी पुत्री इंदिरा को संसार के छोटे-बड़े देशों की छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करें।

संसार पुस्तक है पाठ के पठित गद्यांश पर आधारित  प्रश्न

मुझे मालूम है कि इन छोटे-छोटे खतों में बहुत थोड़ी-सी बातें ही बतला सकता हूँ लेकिन मुझे आशा है कि इन थोड़ी-सी बातों को भी तुम शौक से पढ़ोगी और समझोगी कि दुनिया एक है और दूसरे लोग जो इसमें आबाद हैं, हमारे भाई-बहन हैं। जब तुम बड़ी हो जाओगी तो तुम दुनिया और उसके आदमियों का हाल मोटी-मोटी किताबों में पढोगी। उसमें तुम्हें जितना आनंद मिलेगा, उतना किसी कहानी या उपन्यास में भी न मिला होगा।

प्रश्न :  21. किसे, क्या मालूम है?
उत्तर :  लेखक को यह मालूम है कि छोटे-छोटे पत्रों में थोड़ी-सी बातें बताई जा सकती हैं।

प्रश्न :  22.छोटे-छोटे पत्र किसके द्वारा किसे लिखा जा रहा है?
उत्तर :  छोटे-छोटे पत्र पिता जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनी पुत्री इंदिरा को लिखा जा रहा है।

प्रश्न :  23. लेखक क्या उम्मीद कर रहा है?
उत्तर :  लेखक नेहरू जी को उम्मीद है कि उनकी पुत्री इंदिरा पत्र शौक से पढ़ेगी।


संसार पुस्तक है पाठ के पठित गद्यांश पर आधारित  प्रश्न

मगर हाल जानने का असली तरीका यह नहीं है कि हम केवल दूसरों की लिखी हुई किताबें पढ़ लें, बल्कि खुद संसार-रूपी पुस्तक को पढ़ें। मुझे आशा है कि पत्थरों और पहाड़ों को पढ़कर तुम थोड़े ही दिनों में उनका हाल जानना सीख जाओगी। सोचो, कितनी मज़े की बात है। एक छोटा-सा रोड़ा जिसे तुम सड़क पर या पहाड़ के नीचे पड़ा हुआ देखती हो, शायद संसार की पुस्तक का छोटा-सा पृष्ठ हो, शायद उससे तुम्हें कोई नई बात मालूम हो जाए। शर्त यही है कि तुम्हें उसे पढ़ना आता हो।

प्रश्न :  24. संसार को पुस्तक क्यों कहा गया है?
उत्तर :  संसार को पुस्तक इसलिए कहा गया है, क्योंकि संसार की प्रत्येक छोटी-बड़ी चीज़ ज्ञान से भरी है। बस उसे पढ़ने की आवश्यकता है।

प्रश्न :  25.संसार का हाल जानने का असली तरीका कौन-सा है?
उत्तर :  लेखक का विचार है कि दूसरों की लिखी किताबों से संसार का हाल नहीं जाना जा सकता। हाल जानने का असली तरीका है, स्वयं संसार रूपी पुस्तक को पढ़कर ही हाल जाना जा सकता है।

प्रश्न :  26. एक छोटा-सा रोड़ा हमें क्या बता सकता है?
उत्तर :  एक छोटे-से रोड़े से दुनिया को नई-नई बातों की जानकारी मिलती है, लेकिन उसे पढ़ना आता हो यानी उसकी स्थिति को जानने का प्रयत्न करें तो नई जानकारियाँ हासिल कर सकते हैं।


संसार पुस्तक है पाठ के पठित गद्यांश पर आधारित  प्रश्न

जब तुम कोई छोटा-सा गोल चमकीला रोड़ा देखती हो, तो क्या वह तुम्हें कुछ नहीं बतलाया? यह कैसे गोल, चिकना और चमकीला हो गया और उसके खुरदरे किनारे या कोने क्या हुए? अगर तुम किसी बड़ी चट्टान को तोड़कर टुकड़े-टुकड़े कर डालो तो हर एक टुकड़ा खुरदरा और नोकीला होगा। यह गोल चिकने रोड़े की तरह बिलकुल नहीं होता। फिर यह रोड़ा कैसे इतना चमकीला, चिकना और गोल हो गया? अगर तुम्हारी आँखें देखें और कान सुनें तो तुम उसी के मुँह से उसकी कहानी सुन सकती हो। वह तुमसे कहेगा कि एक समय, जिसे शायद बहुत दिन गुज़रे हों, वह भी एक चट्टान का टुकड़ा था।

प्रश्न :  27. किसी छोटे-से चमकीले रोड़े से क्या पता चलता है?
उत्तर :  किसी छोटे से चमकीले रोड़े से पता चलता है कि वह भी कभी चट्टान का टुकड़ा था। धीरे-धीरे उसके रूप में परिवर्तन हुआ और वह गोल, चमकीला एवं चिकना हो गया।

प्रश्न :  28. छोटे-से गोल, चमकीले रोड़े की कहानी जानने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर :  छोटे-से गोल, चमकीले रोड़े की कहानी जानने के लिए आवश्यक है कि हमारी आँखें उसे अच्छी तरह से देखने में समर्थ हो, कान उसकी कहानी सुन सके। संभव हो तो पत्थर (रोड़े) के मुँह से उसकी कहानी सुनी जा सकती है।

प्रश्न :  29. चट्टान के टुकड़े कैसे होते हैं?
उत्तर :  चट्टान के टुकड़े खुरदरे और नुकीले होते हैं।



जय हिन्द : जय हिंदी 
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