sone ka hiran class 6
सोने का हिरण
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sone ka hiran class 6 shabdarth
सोने का हिरण पाठ के शब्दार्थ
- छकाया- थकाया।
- निशक्त- शक्तिहीन।
- कलुषित- अपवित्र।
- हृदय छलनी होना- बहुत दुखी होना।
- बिछोह- वियोग।
- सुमुखी- सुंदर मुखवाली।
- सहमी हुई- घबराई हुई।
प्रश्न-1 सोने का हिरण कौन बना था?
उत्तर- सोने का हिरण मारीच बना था ।
प्रश्न-2 राम को कुटिया से निकलते देख कर मायावी हिरण ने क्या किया?
उत्तर- राम को कुटिया से निकलते देख कर मायावी हिरण कुलाचें भरने लगा ।
प्रश्न-3 हिरण किस प्रकार चालाक था?
उत्तर - हिरण चालाक था क्योंकि वह इतनी दूर कभी नहीं जाता था कि वह राम के पहुँच से बाहर हो जाए ।
प्रश्न-4 राम के सारे प्रयास क्यों विफल हो गए और अंत में उन्होंने क्या किया?
उत्तर - राम के सारे प्रयास विफल हो गए क्योंकि वो हिरण को नहीं पकड़ पाए । अंत में उन्होंने अपना धनुष उठाया और एक बाण उस पर छोड़ दिया । बाण लगते ही हिरण गिर पड़ा ।
प्रश्न-5 बाण से धरती पर गिरते ही मारीच ने क्या किया?
उत्तर - मारीच राम जैसी आवाज़ में ज़ोर से चिल्लाया, “हा सीते! हा लक्ष्मण!” ध्वनि ऐसी थी जैसे बाण राम को लगा हो और वो सहायता के लिए पुकार रहे हों ।
प्रश्न-6 मारीच की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर - मारीच ने हिरण का रूप धारण किया था । जब राम ने हिरण पर बाण चलाया, हिरण बाण लगने से गिर गया । मारीच अपने असली रूप में आ गया पर जल्दी ही उसके प्राण पखेरू उड़ गए ।
प्रश्न-7 मारीच हिरण के रूप में क्यों भागता रहा?
उत्तर - मारीच हिरण के रूप में राम को कुटिया से दूर ले जाने के लिए भागता रहा ।
प्रश्न-8 राम कुटिया तक जल्दी क्यों पहुँचना चाहते थे?
उत्तर - मायावी मारीच की पूरी चाल राम को समझ आ गई थी इसलिए वह कुटिया तक जल्दी पहुँचना चाहते थे जिससे की वह षड्यंत्र का अगला चरण विफल कर सकें ।
प्रश्न-1 मायावी पुकार सुनते ही लक्ष्मण ने क्या किया?
उत्तर- मायावी पुकार का रहस्य लक्ष्मण तत्काल समझ गए इसलिए उन्होंने बाण चढ़ाकर धनुष ढृढ़ता से पकड़ लिया और चौकसी बढ़ा दी । वे राक्षसों की अगली चाल का सामना करने के लिए तैयार हो गए ।
प्रश्न-2 राम ने लक्ष्मण को क्या आदेश दिया था?
उत्तर- राम ने लक्ष्मण को उनके लौटने तक सीता की रक्षा का आदेश दिया था ।
प्रश्न-3 सीता क्या सुनकर विचलित हो गईं ?
उत्तर - सीता मायावी पुकार सुनकर विचलित हो गईं ।
प्रश्न-4 सीता को विचलित देख लक्ष्मण ने उनसे क्या कहा?
उत्तर - लक्ष्मण ने सीता से कहा कि राम संकट में हो ही नहीं सकते हैं । उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता । हमने जो आवाज़ सुनी है, वह बनावटी है ।
प्रश्न-5 सीता क्रोध से क्यों उबल पड़ीं ?
उत्तर - सीता क्रोध से इसलिए उबल पड़ीं क्योंकि राम की पुकार सुन कर भी लक्ष्मण शांत खड़े रहे ।
प्रश्न-6 राम की आवाज सुनकर भी लक्ष्मण को शांत खड़े देखकर सीता ने क्या सोचा?
उत्तर - सीता को इसके पीछे लक्ष्मण का षड्यंत्र लगा । सीता को लगा कि लक्ष्मण राम का भला नहीं चाहते हैं । वो चाहते हैं कि राम मारे जाएँ ताकि राजपाठ दोनों भाईयों का हो जाए ।
प्रश्न-7 सीता के कटु शब्दों का लक्ष्मण पर क्या असर हुआ?
उत्तर - सीता की बातों से लक्ष्मण को गहरा आघात पहुँचा । उनका हृदय छलनी हो गया । पर उन्होंने पलटकर उत्तर नहीं दिया । सयम बनाए रखा ।
प्रश्न-8 किसने किससे कहा?
i. “तुम जल्दी जाओ । जिस दिशा से आवाज़ आई है, उसी ओर ।”
सीता ने लक्ष्मण से कहा ।
ii. “आप चिंता न करें माते ।”
लक्ष्मण ने सीता से कहा ।
iii. “तुम्हारा मन पवित्र नहीं है । कलुषित है । पाप है उसमें ।”
सीता ने लक्ष्मण से कहा ।
iv. “हे देवी! यह राक्षसों का छल है । खर दूषण के मारे जाने के बाद वे बौखला गए हैं ।”
लक्ष्मण ने सीता से कहा ।
प्रश्न-1 किस डर की आशंका से सीता की आँखों से आँसू बहने लगे?
उत्तर- सीता की आँखों से आँसू बहने लगे क्योंकि उन्हें डर था कि कहिं वह राम से बिछड़ न जाएँ ।
प्रश्न-2 “लक्ष्मण राम के लिए राम की आज्ञा का उल्लंघन कर रहे थे ।” स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- राम ने लक्ष्मण को सीता की रक्षा करने का आदेश दिया था पर सीता के कहने पर लक्ष्मण को उनको छोड़ कर राम को ढूंढने जंगल में जाना पड़ा ।
प्रश्न-3 लक्ष्मण के जाते ही कौन आ पहुँचा?
उत्तर - लक्ष्मण के जाते ही रावण आ पहुँचा ।
प्रश्न-4 रावण किस वेश में आया था?
उत्तर - रावण तपस्वियों के वेश में आया था ।
प्रश्न-5 रावण ने सीता के किन गुणों की प्रशंसा की?
उत्तर - रावण ने सीता के स्वरुप, संस्कार और साहस की प्रशंसा की ।
प्रश्न-6 जब सीता ने रावण के साथ जाने से इंकार कर दिया तब रावण ने क्या किया?
उत्तर - रावण ने सीता की बात अनसुनी कर दी और खींच कर रथ पर बैठा लिया ।
प्रश्न-7 सीता जी किसे -किसे अपनी सूचना रामजी तक पहुँचाने को कह रहीं थीं?
उत्तर - सीता जी पशुओं, पक्षियों, पर्वतों, नदियों से अपनी सूचना रामजी तक पहुँचाने को कह रहीं थीं ।
प्रश्न-8 जटायु ने किस प्रकार सीताजी की सहायता की?
उत्तर - जटायु ने सीता का विलाप सुना । उसने ऊँची उड़ान भरी और रावण के रथ पर हमला कर दिया । वृद्ध गिद्धराज ने रथ क्षत - विक्षत कर दिया और रावण को भी घायल कर दिया ।
प्रश्न-9 क्रोधित रावण ने जटायु के साथ क्या किया?
उत्तर - क्रोधित रावण ने जटायु के पंख काट दिए ।
प्रश्न-10 रथ टूट जाने पर रावण किस प्रकार सीता को ले गया?
उत्तर - रथ टूट जाने पर रावण तत्काल सीता को दक्षिण दिशा की ओर लेकर उड़ने लगा ।
प्रश्न-11 किसने किससे कहा?
i. “राम से बिछुड़कर मैं नहीं रह सकती मैं जान दे दूँगी ।”
सीता ने लक्ष्मण से कहा ।
ii. “मैं प्राण त्याग दूँगी लेकिन तुम्हारे साथ नहीं जाऊँगी ।”
सीता ने रावण से कहा ।
iii. “सुमुखी! मैं रावण हूँ ।राक्षसों का राजा ।लंकाधिपति ।मेरा नाम लेने पर लोग थरथरा उठते हैं ।”
रावण ने सीता से कहा ।
प्रश्न-1 सीता ने रथ से अपने आभूषण उतारकर फेंकने क्यों प्रारंभ कर दिए?
उत्तर- सीता ने रथ से अपने आभूषण उतारकर फेंकने इसलिए प्रारंभ कर दिए जिससे राम को उन आभषूणों को देख कर पता चल जाए कि वह किस मार्ग से गई हैं ।
प्रश्न-2 रावण ने सीता को आभूषण फेंकने से क्यों नहीं रोका?
उत्तर- रावण ने सीता को आभूषण फेंकने से इसलिए नहीं रोका क्योंकि उसे लगा कि सीता शोक में ऐसा कर रही हैं ।
प्रश्न-3 रावण सीता को लेकर सीधे कहाँ गया?
उत्तर - रावण सीता को लेकर सीधे अपने अंतःपुर में गया।
प्रश्न-4 राम की प्रशंसा सुनकर रावण की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर - राम की प्रशंसा सुनकर रावण कुछ चिंतित हो गया। उसने सोचा, खर-दूषण को मारने वाला अवश्य शक्तिशाली होगा।
प्रश्न-5 रावण ने कितने राक्षसों को राम और लक्ष्मण की निगरानी के लिए भेजा था?
उत्तर - रावण ने आठ सबसे बलिष्ठ राक्षसों को राम और लक्ष्मण की निगरानी के लिए भेजा था।
प्रश्न-6 सीता जी को लंका में कहाँ रखा गया था और रावण ने राक्षस-राक्षसियों को सीताजी से संबंधित क्या निर्देष दिए थे?
उत्तर - सीता जी को अशोक वाटिका में बंदी बना दिया गया। राक्षस-राक्षसियों को सीताजी से संबंधित निर्देष दिए गए कि उन्हें कोई शारीरिक कष्ट न हो ।सीता को अपमानित किया जाए लेकिन उसे कोई हाथ न लगाए।
प्रश्न-7 सीता किस प्रकार अशोक वाटिका में अपने दिन काट रही थीं?
उत्तर - सीता रो-रोकर अशोक वाटिका में अपने दिन काट रही थीं ।
प्रश्न-8 किसने किससे कहा?
i. “सुंदरी! मैं तुम्हें एक वर्ष का समय देता हूँ । निर्णय तुन्हे करना है । मेरी रानी बनकर लंका पर राज करोगी या विलाप करते हुए जीवन बिताओगी ।”
रावण ने सीता से कहा ।
ii. “तुम्हारा राम यहाँ कभी नहीं पहुँच सकता । तुम्हें कोई नहीं बचा सकता ।”
रावण ने सीता से कहा ।
iii. “तुम लोग पंचवटी जाओ। राम और लक्ष्मण वहीं रहते हैं । उनका एक-एक समाचार मुझे मिलना चाहिए ।”
रावण ने राक्षसों से कहा ।
जय हिन्द : जय हिंदी
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