Nilkanth Class 7 MCQs Questions with Answers
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
(1) ‘नीलकंठ’ पाठ किसने लिखा है?
(i) सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
(ii) जैनेंद्र कुमार
(iii) टी० पद्मनाभन
(iv) महादेवी वर्मा।
उत्तर : (iv) महादेवी वर्मा।
(2) बड़े मियाँ के भाषण की तुलना किससे की गई है?
(i) ड्राइवर से ।
(ii) चिड़ीमार से
(iii) सामान्य ट्रेन से
(iv) तूफ़ान मेल से।
उत्तर : (iv) तूफ़ान मेल से।
(3) दोनों शावकों ने आरंभ में कहाँ रहना शुरू किया?
(i) मेज़ के नीचे
(ii) रद्दी की टोकरी में
(iii) अलमारी के पीछे
(iv) पिंजरे में।
उत्तर : (ii) रद्दी की टोकरी में
(4) शुरुआत में शावकों ने दिन कैसे व्यतीत किया?
(i) मेज़ पर चढ़कर
(ii) कुरसी पर चढ़कर
(iii) कहीं छिपकर
(iv) लेखिका के पास रहकर।
उत्तर : (iii) कहीं छिपकर
(5) मोर के दोनों बच्चों को चिड़ीमार कहाँ से पकड़कर लाया था?
(i) रामगढ़ से
(ii) रायगढ़ से
(iii) पिथौरागढ़ से
(iv) शंकरगढ़ से।
उत्तर : (iv) शंकरगढ़ से।
(6) लेखिका ने मोर के बच्चों को कितने रुपए में खरीदा?
(i) पच्चीस रुपए में
(ii) तीस रुपए में
(iii) पैंतीस रुपए में
(iv) चालीस रुपए में
उत्तर : (iii) पैंतीस रुपए में
(7) लेखिका को क्या ज्ञात नहीं हो पाया?
(i) शावकों की प्रजाति का
(ii) नीलकंठ के बढ़ने का रहस्य
(iii) नीलकंठ कब बाकी जानवरों का संरक्षक बन गया.
(iv) अन्य जानवर उसके संरक्षक बन गए।
उत्तर : (iii) नीलकंठ कब बाकी जानवरों का संरक्षक बन गया.
(8) अन्य जानवर जब व्यस्त होते थे तो नीलकंठ क्या करता था?
(i) नाचता था
(ii) दाना चुगता था
(iii) आराम करता रहता था
(iv) उन सभी का ध्यान रखता था।
उत्तर : (iv) उन सभी का ध्यान रखता था।
निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए .
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बड़े मियाँ के भाषण की तूफ़ान मेल के लिए कोई निश्चित स्टेशन नहीं है। सुननेवाला थककर जहाँ रोक दे वहीं स्टेशन मान लिया जाता है। इस तथ्य से परिचित होने के कारण ही मैंने बीच में उन्हें रोककर पूछा, “मोर के बच्चे हैं कहाँ?” बड़े मियाँ के हाथ के संकेत का अनुसरण करते हुए मेरी दृष्टि एक तार के छोटे-से पिंजड़े तक पहुँची जिसमें तीतरों के समान दो बच्चे बैठे थे। पिंजड़ा इतना संकीर्ण था कि वे पक्षी-शावक जाली के गोल फ्रेम में किसी जड़े चित्र जैसे लग रहे थे।
प्रश्न 9. उपरोक्त गद्यांश किस शैली में लिखा गया है?
(a) संस्मरण
(b) निबंध
(c) रेखाचित्र
(d) कहानी।
उत्तर : (c) रेखाचित्र
प्रश्न 10. उपर्युक्त गद्यांश के लेखक हैं-
(a) शिव प्रसाद सिंह
(b) नागार्जुन
(c) यतीश अग्रवाल
(d) महादेवी वर्मा।
उत्तर : (d) महादेवी वर्मा।
प्रश्न 11. बड़े मियाँ कौन थे?
(a) एक शिकारी
(b) पक्षियों के लिए पिंजड़ा बेचनेवाला
(c) पक्षियों के बच्चे को बेचने वाला
(d) पक्षियों के लिए दाना बेचनेवाला।
प्रश्न 12. बड़े मियाँ की तुलना किससे की गई है?
(a) स्वतंत्रता सेनानियों से
(b) तूफ़ान मेल से
(c) प्रकृति प्रेमियों से
(d) जल्लादों से।
उत्तर: (b) तूफ़ान मेल से
प्रश्न 13. बड़े मियाँ ने लेखिका को मोर के बच्चे को कैसे दिखाया?
(a) हाथ में लाकर
(b) हाथ जोड़कर
(c) पिंजड़े में लाकर
(d) हाथ के इशारे से।
उत्तर: (d) हाथ के इशारे से।
प्रश्न 14. पक्षी के बच्चे किसी जड़े चित्र की भाँति क्यों लग रहे थे?
(a) पक्षी के बच्चे छोटे होने के कारण
(b) पिंजड़ा अत्यधिक छोटे होने के कारण
(c) पिंजड़ा अत्यधिक बड़े होने के कारण
(d) पक्षी के बच्चे के पंख धब्बेदार होने के कारण।
उत्तर: (b) पिंजड़ा अत्यधिक छोटे होने के कारण
निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए .
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दोनों 'नवागंतुकों' ने पहले से रहनेवालों में वैसा ही कुतूहल जगाया जैसा नववधू के आगमन पर परिवार में स्वाभाविक है। लक्का कबूतर नाचना छोड़कर दौड़ पड़े और उनके चारों ओर घूम-घूमकर गुटरगूं-गुटरगूं की रागिनी अलापने लगे। बड़े खरगोश सभ्य सभासदों के समान क्रम से बैठकर गंभीर भाव से उनका निरीक्षण करने लगे। ऊन की गेंद जैसे छोटे खरगोश उनके चारों ओर उछलकूद मचाने लगे। तोते मानो भलीभाँति देखने के लिए एक आँख बंद करके उनका परीक्षण करने लगे। उस दिन चिड़ियाघर में मानो भूचाल आ गया।
प्रश्न 15. लेखिका ने नवागंतुकों की संज्ञा किन्हें दी?
(a) खरगोश के बच्चे को
(b) तीतर के बच्चे को
(c) मोर के बच्चे को
(d) कबूतर के बच्चे को।
उत्तर: (c) मोर के बच्चे को
प्रश्न 16. लक्का कबूतर क्या करने लगा?
(a) नाचने लगा
(b) उड़ने लगा
(c) दाना चुगने लगा
(d) गुटर-गूं करने लगा।
उत्तर: (d) गुटर-गूं करने लगा।
प्रश्न 17. किस के शावक ऊन के गोले के समान दिख रहे थे?
(a) खरगोश के
(b) मोर के
(c) कबूतर के
(d) बिल्ली के।
उत्तर: (a) खरगोश के
प्रश्न 18. तोते दोनों मोर के बच्चों का परीक्षण कैसे कर रहे थे?
(a) टें-टें करके
(b) दो आँखें बंद करके
(c) एक आँख बंद करके
(d) पंख फड़फड़ा करके
उत्तर: (c) एक आँख बंद करके
प्रश्न 19. ‘नवागंतुक’ का सही संधि-विच्छेद है?
(a) नव + आगंतुक
(b) न + वागुंतक
(c) नावगु + तक
(d) नव + गुंतक
उत्तर: (a) नव + आगंतुक
निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए .
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मुझे स्वयं ज्ञात नहीं कि कब नीलकंठ ने अपने आपको चिड़ियाघर के निवासी जीव-जंतुओं का सेनापति और संरक्षक नियुक्त कर लिया। सवेरे ही वह सब खरगोश, कबूतर आदि की सेना एकत्र कर उस ओर ले जाता जहाँ दाना दिया जाता है और घूम-घूमकर मानो सबकी रखवाली करता रहता। किसी ने कुछ गड़बड़ की और वह अपने तीखे चंचु-प्रहार से उसे दंड देने दौड़ा।
खरगोश के छाटे बच्चों को वह चोंच से उनके कान पकड़कर ऊपर उठा लेता था और जब तक वे आर्तक्रंदन न करने लगते उन्हें अधर में लटकाए रखता। कभी-कभी उसकी पैनी चोंच से खरगोश के बच्चों का कर्णवेध संस्कार हो जाता था, पर वे फिर कभी उसे क्रोधित होने का अवसर न देते थे। दंडविधान के समान ही उन जीव-जंतुओं के प्रति उसका प्रेम भी असाधारण था।
प्रश्न 20. नीलकंठ ने स्वयं को क्या नियुक्त कर लिया था?
(a) जीव-जंतुओं का सेनापति
(b) संरक्षक
(c) जीव-जंतुओं का सेनापति एवं संरक्षक दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर: (c) जीव-जंतुओं का सेनापति एवं संरक्षक दोनों
प्रश्न 21. नीलकंठ अपने पक्षियों की सेना कहाँ ले जाता था?
(a) घूमने-फिरने के स्थार पर
(b) दाना देने के स्थान पर
(c) पानी-पीने के स्थान पर
(d) कहीं नहीं।
उत्तर: (b) दाना देने के स्थान पर
प्रश्न 22. ‘चंचु प्रहार’ शब्द है-
(a) तत्सम
(b) तद्भव
(c) देशज
(d) विदेशी
उत्तर: (a) तत्सम
प्रश्न 23. ‘नीलकंठ’ खरगोश के बच्चों के कान चोंच से पकड़कर दंडित क्यों करता था?
(a) जब उसकी बात नहीं मानते थे
(b) जब इधर-उधर भागते थे
(c) जब वे कोई गड़बड़ करते थे ।
(d) जब आपस में लड़ते थे।
उत्तर: (c) जब वे कोई गड़बड़ करते थे ।
प्रश्न 24. नीलकंठ खरगोश के बच्चे को कब तक दंडित करता रहता?
(a) जब तक उसकी बात न मान लें
(b) जब तक उसकी जीत न हो जाती
(c) उसकी बात न मानें
(d) जब तक वे आर्तक्रंदन न करने लगें ।
उत्तर: (d) जब तक वे आर्तक्रंदन न करने लगें ।
प्रश्न 25. ‘छुआ-छुऔअल-सा’-से क्या अभिप्राय है?
(a) एक प्रकार का खेल
(b) एक प्रकार की डाँट
(c) एक दूसरे से रूठना
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर: (a) एक प्रकार का खेल
निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए .
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वास्तव में नीलकंठ मर गया था। ‘क्यों’ का उत्तर तो अब तक नहीं मिल सका है। न उसे कोई बीमारी हुई, न उसके रंग-बिरंगे फूलों के स्तबक जैसे शरीर पर किसी चोट का चिह्न मिला। मैं अपने शाल में लपेटकर उसे संगम ले गई। जब गंगा की बीच धार में उसे प्रवाहित किया गया, तब उसके पंखों की चंद्रिकाओं से बिंबित-प्रतिबिंबित होकर गंगा का चौड़ा पाट एक विशाल मयूर के समान तरंगित हो उठा। नीलकंठ के न रहने पर राधा तो निश्चेष्ट-सी कई दिन कोने में बैठी रही।
प्रश्न 26. कौन मर चुका था?
(a) राधा
(b) कुब्जा
(c) नीलकंठ नाम का मोर
(d) नीलकंठ पक्षी
उत्तर: (c) नीलकंठ नाम का मोर
प्रश्न 27. लेखिका किसकी अंत्येष्टि करने जा रही थी?
(a) राधा
(b) नीलकंठ
(c) लक्का कबूतर
(d) कुब्जा।
उत्तर: (b) नीलकंठ
प्रश्न 28. लेखिका नीलकंठ को अंत्येष्टि के लिए कहाँ ले गई ?
(a) यमुना नदी पर
(b) गंगोत्री-यमुनोत्री
(c) मंदिर
(d) संगम।
उत्तर: (d) संगम।
प्रश्न 29. लेखिका ने मृत नीलकंठ को किसमें लपेटा?
(a) कंबल में
(b) बोरा में
(c) अपने शाल में
(d) चादर में।
उत्तर: (c) अपने शाल में
प्रश्न 30. जल की लहरों में नीलकंठ का रूप कैसे सजीव हो उठा?
(a) तेज़ सूर्य प्रकाश के कारण
(b) पानी की तेज़ लहरों में
(c) गंगा-यमुना पर सूर्य की किरणों के प्रकाश पड़ते ही इंद्र धनुषी चमक
(d) पानी के ठहराव पर।
उत्तर: (c) गंगा-यमुना पर सूर्य की किरणों के प्रकाश पड़ते ही इंद्र धनुषी चमक
निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर स्वयं दीजिए .
मेरे निरीक्षण के साथ-साथ बड़े मियाँ की भाषा-मेल चली जा रही थी, “ईमान कसम, गुरु जी-चिड़ीमार ने मुझसे इस मोर के जोड़े के नकद तीस रुपये लिए हैं। बारहा कहा, भई ज़रा सोच तो, अभी इनमें मोर की कोई खासियत भी है कि तू इतनी बड़ी कीमत ही माँगने चला! पर वह पूँजी क्यों सुनने लगा। आपका खयाल करके अछता-पछताकर देना ही पड़ा। अब आप जो मुनासिब समझें।” अस्तु, तीस चिड़ीमार के नाम के और पाँच बड़े मियाँ के ईनाम के देकर जब मैंने वह छोटा पिंजड़ा कार में रखा तब मानो वह जाली के चौखटे का चित्र जीवित हो गया। दोनों पक्षी-शावकों के छटपटाने से लगता था मानो पिंजड़ा ही सजीव और उड़ने योग्य हो गया है।
स्वयं कीजिए
प्रश्न 31. गद्यांश के पाठ और लेखिका का नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 32. लेखिका किसका निरीक्षण कर रही थी?
उत्तर:
प्रश्न 33. लेखिका ने बड़े मियाँ को भाषण मेल क्यों कहा?
उत्तर:
प्रश्न 34. तीस चिड़ीमार के नाम के और पाँच बड़े मियाँ ईमान के लेखिका का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
प्रश्न 35. पक्षी शावक का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर स्वयं दीजिए .
मोर के सिर की कलगी और सघन, ऊँची तथा चमकीली हो गई। चोंच अधिक बंकिम और पैनी हो गई, गोल आँखों में इंद्रनी की नीलाभ द्युति झलकने लगी। लंबी नील-हरित ग्रीवा की हर भंगिमा में धूपछाँही तरंगें उठने-गिरने लगीं। दक्षिण-वाम दोनों पंखों में सलेटी और सफ़ेद आलेखन स्पष्ट होने लगे। पूँछ लंबी हुई और उसके पंखों पर चंद्रिकाओं के इंद्रधनुषी रंग उददीप्त हो उठे। रंगरहित पैरों को गरवीली गति ने एक नई गरिमा से रंजित कर दिया। उसका गरदन ऊँची कर देखना, विशेष भंगिमा के साथ उसे नीची कर दाना चुगना, पानी पीना, ढेढ़ी कर शब्द सुनना आदि क्रियाओं में जो सुकुमारता और सौंदर्य था, उसका अनुभव देखकर ही किया जा सकता है। गति का चित्र नहीं आंका जा सकता।
प्रश्न 36. मोर के सिर की कलगी कैसी थी?
उत्तर:
प्रश्न 37. मोर की चोंच कैसी थी?
उत्तर:
प्रश्न 38. मोर की ग्रीवा की क्या विशेषता थी?
उत्तर:
प्रश्न 39. रंग-रहित पैरों को गरवीली गति ने एक नई गरिमा से रंजित कर दिया,-इस पंक्ति का अभिप्राय क्या है ?
उत्तर:
प्रश्न 40. मोर की कौन-कौन-सी भंगिमाएँ मोहक थीं?
उत्तर:
निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर स्वयं दीजिए .
खरगोश के छोटे बच्चों को वह चोंच से उनके कान पकड़कर ऊपर उठा लेता था और जब तक वे आर्तक्रंदन न करने लगते उन्हें अधर में लटकाए रखता। कभी-कभी उसकी पैनी चोंच से खरगोश के बच्चों का कर्णवेध संस्कार हो जाता था, पर वे फिर कभी उसे क्रोधित होने का अवसर न देते । दंडविधान के समान ही उन जीव-जंतुओं के प्रति उसका प्रेम भी असाधारण था। प्रायः वह मिट्टी में पंख फैलाकर बैठ जाता और वे सब उसकी लंबी पूँछ और सघन पंखों में छुआ-छुऔअल-सा खेलते रहते थे।
प्रश्न 41. नीलकंठ खरगोश के बच्चों के कान चोंच से पकड़कर दंडित क्यों करता था?
उत्तर:
प्रश्न 42.नीलकंठ के द्वारा दिए गए दंड का क्या परिणाम होता था?
उत्तर:
प्रश्न 43. जालीघर के अन्य जीव-जंतुओं के प्रति नीलकंठ का क्या व्यवहार था?
उत्तर:
प्रश्न 44. नीलकंठ जीवों के प्रति प्रेमभाव कैसे व्यक्त करता था?
उत्तर:
प्रश्न 45.आर्तक्रंदन और पैनी का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर स्वयं दीजिए .
मयूर कलाप्रिय और वीर पक्षी है, हिंसक मात्र नहीं। इसी से उसे बाज़, चील आदि की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, जिनका जीवन ही क्रूर कर्म है। नीलकंठ में उसकी जातिगत विशेषताएँ तो थी ही, उनका मानवीकरण भी हो गया था। मेघों की साँवली छाया में अपने इंद्रधनुष के गुच्छे जैसे पंखों को मंडलाकार बनाकर जब वह नाचता था, तब उस नृत्य में एक सहजात लय-ताल रहता था। आगे-पीछे, दाहिनेबाएँ क्रम से घूमकर वह किसी अलक्ष्य सम पर ठहर-ठहर जाता था।
प्रश्न 46. मोर, चील, और बाज़ में एकमात्र समानता क्या है ?
उत्तर:
प्रश्न 47. मोर कैसा पक्षी है?
उत्तर:
प्रश्न 48. बाज़ और चील कैसा पक्षी है?
उत्तर:
प्रश्न 49. नीलकंठ को क्या हो गया था?
उत्तर:
प्रश्न 50. नीलकंठ पंखों को मंडलाकार बनाकर कब नाचता था?
उत्तर:
प्रश्न 51. नीलकंठ जब नाचता था, उस समय का दृश्य कैसा होता था?
उत्तर:
निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर स्वयं दीजिए .
उँगलियाँ वैसी ही टेढ़ी-मेढ़ी रहीं, परंतु वह दूंठ जैसे पंजों पर डगमगाती हुई चलने लगी। तब उसे जालीघर में पहुँचाया गया और नाम रखा गया-कुब्जा। नाम के अनुरूप वह स्वभाव से भी कुब्जा ही प्रमाणित हुई। अब तक नीलकंठ और राधा साथ रहते थे। अब कुब्जा उन्हें साथ देखते ही मारने दौड़ती। चोंच से मार-मारकर उसने राधा की कलगी नोच डाली, पंख नोच डाले। कठिनाई यह थी कि नीलकंठ उससे दूर भागता था और वह उसके साथ रहना चाहती थी। न किसी जीव-जंतु से उसकी मित्रता थी, न वह किसी को नीलकंठ के समीप आने देना चाहती थी। उस बीच राधा ने दो अंडे दिए, जिनको वह पंखों में छिपाए बैठी रहती थी। पता चलते ही कुब्जा ने चोंच मार-मारकर राधा को ढकेल दिया और फिर अंडे-फोड़कर दूंठ जैसे पैरों से सब ओर छितरा दिए।
प्रश्न 52. किसकी उँगलियाँ टेढ़ी-मेढ़ी थी?
उत्तर:
प्रश्न 53. कुब्जा कौन थी? उसका स्वभाव कैसा था?
उत्तर:
प्रश्न 54. कुब्जा ने नीलकंठ का स्नेह पाने के लिए क्या प्रयास किया?
उत्तर:
प्रश्न 55. राधा को नीलकंठ से दूर करने के लिए कुब्जा ने क्या किया?
उत्तर:
प्रश्न 56. ‘कठिन’ और ‘समीप’ शब्द का भाववाचक संज्ञा रूप लिखिए।
उत्तर:
जय हिन्द : जय हिंदी
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