sarvanam kise kahate hain | सर्वनाम किसे कहते हैं ?

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सर्वनाम

 Sarvanam 

  (Pronoun)  



sarvanam ki paribhasha udaharan sahit

sarvnam ki paribhasha udaharan sahit

सर्वनाम की परिभाषा उदाहरण सहित 



संज्ञा के बदले आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं.
सर्व (सब) नामों (संज्ञाओं) के बदले जो शब्द आते है, उन्हें 'सर्वनाम' कहते हैं।

जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है, उन्हें सर्वनाम कहते है।

सर्वनाम उस विकारी शब्द को कहते है, जो पूर्वापरसंबध से किसी भी संज्ञा के बदले आता है।

विशेष- सर्वनाम का प्रयोग करने से पहले कम-से-कम एक बार संज्ञा का प्रयोग अवश्य किया जाता है .


सर्वनाम - सबके लिए नाम। इसका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है। 
आइए देखें, कैसे? 

गीता सातवीं कक्षा में पढ़ती है। वह पढ़ाई में बहुत तेज है। उसके सभी मित्र उससे प्रसन्न रहते हैं। वह कभी-भी स्वयं पर घमंड नहीं करती। वह अपने गुरुजनों का आदर करती है।

आपने देखा कि ऊपर लिखे अनुच्छेद में गीता के स्थान पर वह, उसके, उससे, स्वयं, अपने आदि शब्दों का प्रयोग हुआ है। अतः ये सभी शब्द सर्वनाम हैं।


मेघा नृत्य करती है। मेघा का गाना भी अच्छा होता है। मेघा गरीबों की मदद करती है।
मेघा नृत्य करती है। उसका गाना भी अच्छा होता है। वह गरीबों की मदद करती है।

उपरोक्त वाक्य से समझा जा सकता है कि  सर्वनाम के द्वारा संज्ञा के बार-बार प्रयोग से बचा जा सकता है .

कुछ सर्वनाम शब्द हैं- मै, तू, वह, आप, कोई, यह, ये, वे, हम, तुम, कुछ, कौन, क्या, जो, सो, उसका आदि । अन्य सर्वनाम शब्द भी इन्हीं शब्दों से बने हैं, जो लिंग, वचन, कारक की दृष्टि से अपना रूप बदलते हैं; 
जैसे- 

आप- अपना, 
यह- इस, इसका, 
वह- उस, उसका।



उदाहरण

  • 'अभिषेक' एक विद्यार्थी है।
  • वह (अभिषेक) रोज स्कूल जाता है।
  • उसके (अभिषेक के) पास सुन्दर बस्ता है।
  • उसे (अभिषेक को )घूमना बहुत पसन्द है।



उपरोक्त वाक्यों में 'अभिषेक' शब्द संज्ञा है तथा इसके स्थान पर वह, उसके, उसे शब्द संज्ञा (अभिषेक) के स्थान पर प्रयोग किये गए है। इसलिए ये सर्वनाम है।


संज्ञा की अपेक्षा सर्वनाम की विलक्षणता यह है कि संज्ञा से जहाँ उसी वस्तु का बोध होता है, जिसका वह (संज्ञा) नाम है, वहाँ सर्वनाम में पूर्वापरसम्बन्ध के अनुसार किसी भी वस्तु का बोध होता है। 'लड़का' कहने से केवल लड़के का बोध होता है, घर, सड़क आदि का बोध नहीं होता; किन्तु 'वह' कहने से पूर्वापरसम्बन्ध के अनुसार ही किसी वस्तु का बोध होता है।



sarvanam ke bhed
सर्वनाम के भेद



सर्वनाम के छ: भेद होते है-

  • पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal pronoun)
  • निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative pronoun)
  • अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite pronoun)
  • संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
  • प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)
  • निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)



पुरुषवाचक सर्वनाम


जिन सर्वनाम शब्दों से व्यक्ति का बोध होता है, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते है। बोलने वाले, सुनने वाले तथा जिसके विषय में बात होती है, उनके लिए प्रयोग किए जाने वाले सर्वनाम पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। 'पुरुषवाचक सर्वनाम' पुरुषों (स्त्री या पुरुष) के नाम के बदले आते हैं।

जैसे

  • मैं आता हूँ। 
  • तुम जाते हो। 
  • वह भागता है।


उपर्युक्त वाक्यों में 'मैं, तुम, वह' पुरुषवाचक सर्वनाम हैं।



पुरुषवाचक सर्वनाम के प्रकार

पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते है-


  • उत्तम पुरुषवाचक 
  • मध्यम पुरुषवाचक
  • अन्य पुरुषवाचक





उत्तम पुरुषवाचक(First Person)

जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक कहते है।

जैसे- मैं, हमारा, हम, मुझको, हमारी, मैंने, मेरा, मुझे आदि।


उदाहरण

  • मैं स्कूल जाऊँगा।
  • हम मतदान नहीं करेंगे।
  • यह कविता मैंने लिखी है।
  • बारिश में हमारी पुस्तकें भीग गई।
  • मैंने उसे धोखा नहीं दिया।





मध्यम पुरुषवाचक(Second Person)


जिन सर्वनामों का प्रयोग सुनने वाले के लिए किया जाता है, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक कहते है।

जैसे- तू, तुम, तुम्हे, आप, तुम्हारे, तुमने, आपने आदि।


उदाहरण

  • तुमने गृहकार्य नहीं किया है।
  • तुम सो जाओ।
  • तुम्हारे पिता जी क्या काम करते हैं ?
  • तू घर देर से क्यों पहुँचा ?
  • तुमसे कुछ काम है।





अन्य पुरुषवाचक (Third Person)

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए किया जाता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक कहते है।

जैसे- वे, यह, वह, इनका, इन्हें, उसे, उन्होंने, इनसे, उनसे आदि।




उदाहरण

  • वे मैच नही खेलेंगे।
  • उन्होंने कमर कस ली है।
  • वह कल विद्यालय नहीं आया था।
  • उसे कुछ मत कहना।
  • उन्हें रोको मत, जाने दो।
  • इनसे कहिए, अपने घर जाएँ।




निश्चयवाचक सर्वनाम

सर्वनाम के जिस रूप से हमे किसी बात या वस्तु का निश्चत रूप से बोध होता है, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते है। जिस सर्वनाम से वक्ता के पास या दूर की किसी वस्तु के निश्चय का बोध होता है, उसे 'निश्चयवाचक सर्वनाम' कहते हैं। जहाँ सर्वनाम निश्चयपूर्वक किसी वस्तु या व्यक्ति का बोध कराएँ, वहाँ निश्चयवाचक सर्वनाम होता है।

जैसे- यह, वह, ये, वे आदि।


वाक्यों में इनका प्रयोग देखिए-

  • तनुज का छोटा भाई आया है। यह बहुत समझदार है।
  • किशोर बाजार गया था, वह लौट आया है।


उपर्युक्त वाक्यों में 'यह' और 'वह' किसी व्यक्ति का निश्चयपूर्वक बोध कराते हैं, अतः ये निश्चयवाचक सर्वनाम हैं।



अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम शब्द से किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते है। जो सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ऐसे संकेत करें कि उनकी स्थिति अनिश्चित या अस्पष्ट रहे, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते है।

जैसे- कोई, कुछ, किसी आदि।


वाक्यों में इनका प्रयोग देखिए-

  • मोहन! आज कोई तुमसे मिलने आया था।
  • पानी में कुछ गिर गया है।


यहाँ 'कोई' और 'कुछ' व्यक्ति और वस्तु का अनिश्चित बोध कराने वाले अनिश्चयवाचक सर्वनाम हैं।



संबंधवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों का दूसरे सर्वनाम शब्दों से संबंध ज्ञात हो तथा जो शब्द दो वाक्यों को जोड़ते है, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते है। जो सर्वनाम वाक्य में प्रयुक्त किसी अन्य सर्वनाम से सम्बंधित हों, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते है।

जैसे- जो, जिसकी, सो, जिसने, जैसा, वैसा आदि।


वाक्यों में इनका प्रयोग देखिए-

  • जैसा करोगे, वैसा भरोगे।
  • जिसकी लाठी, उसकी भैंस।


उपर्युक्त वाक्यों में 'वैसा' का सम्बंध 'जैसा' के साथ तथा 'उसकी' का सम्बन्ध 'जिसकी' के साथ सदैव रहता है। अतः ये संबंधवाचक सर्वनाम है।



प्रश्नवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम शब्द सवाल (प्रश्न) पूछने  के लिए प्रयुक्त होते है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते है। प्रश्न  करने के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग होता है, उन्हें 'प्रश्नवाचक सर्वनाम' कहते है।

जैसे- कौन, क्या, किसने आदि।

वाक्यों में इनका प्रयोग देखिए-

  • टोकरी में क्या रखा है।
  • बाहर कौन खड़ा है।
  • तुम क्या खा रहे हो?


उपर्युक्त वाक्यों में 'क्या' और 'कौन' का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए हुआ है। अतः ये प्रश्नवाचक सर्वनाम है।


निजवाचक सर्वनाम

'निज' का अर्थ होता है- अपना और 'वाचक' का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला अर्थात 'निजवाचक' का अर्थ हुआ- अपनेपन का बोध कराना।

इस प्रकार, जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए किया जाए, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है।

जैसे- अपने आप, निजी, खुद आदि।


'आप' शब्द का प्रयोग पुरुषवाचक तथा निजवाचक सर्वनाम-दोनों में होता है।

उदाहरण-

  • आप कल अस्पताल  नहीं गए थे।
  • (मध्यम पुरुष- आदरसूचक)
  • आप मेरे पिता श्री हरिश्चंद्र  हैं। 
  • (अन्य पुरुष-आदरसूचक-परिचय देते समय)
  • ईश्वर भी उन्हीं का साथ देता है, जो अपनी मदद आप करता है। 
  • (निजवाचक सर्वनाम)

'निजवाचक सर्वनाम' का रूप 'आप' है लेकिन पुरुषवाचक के अन्यपुरुष वाले 'आप' से इसका प्रयोग बिलकुल अलग है। यह कर्ता का बोधक है, पर स्वयं कर्ता का काम नहीं करता। पुरुषवाचक 'आप' बहुवचन में आदर के लिए प्रयुक्त होता है। 

जैसे-

  • आप मेरे ख्वाबों-ख्यालों में हैं ; 
  • आप क्या निर्णय देते है ? 


किन्तु, निजवाचक 'आप' एक ही तरह दोनों वचनों में आता है और तीनों पुरुषों में इसका प्रयोग किया जा सकता है।

निजवाचक सर्वनाम 'आप' का प्रयोग निम्नलिखित अर्थो में होता है-


  • (क) निजवाचक 'आप' का प्रयोग किसी संज्ञा या सर्वनाम के अवधारण (निश्चय ) के लिए होता है। जैसे- मैं 'आप' वहीं से आया हूँ; मैं 'आप' वही कार्य कर रहा हूँ।
  • (ख) निजवाचक 'आप' का प्रयोग दूसरे व्यक्ति के लिए भी होता है। जैसे- उन्होंने मुझे रहने को कहा और 'आप' चलते बने; वह औरों को नहीं, 'अपने' को सुधार रहा है।
  • (ग) सर्वसाधारण के अर्थ में भी 'आप' का प्रयोग होता है। जैसे- 'आप' भला तो जग भला; 'अपने' से बड़ों का आदर करना उचित है।
  • (घ) अवधारणा के अर्थ में कभी-कभी 'आप' के साथ 'ही' जोड़ा जाता है। जैसे- मैं 'आप ही' चला आता था; मैं यह काम 'आप ही' कर लूँगा।




संयुक्त सर्वनाम


'संयुक्त सर्वनाम' पृथक श्रेणी के सर्वनाम हैं। सर्वनाम के सब भेदों से इनकी भिन्नता इसलिए है, क्योंकि उनमें एक शब्द नहीं, बल्कि एक से अधिक शब्द होते हैं। संयुक्त सर्वनाम या तो स्वतन्त्र रूप से या संज्ञा-शब्दों के साथ भी प्रयुक्त होता है।


इसका उदाहरण कुछ इस प्रकार है- जो कोई, सब कोई, हर कोई, और कोई, कोई और, जो कुछ, सब कुछ, और कुछ, कुछ और, कोई एक, एक कोई, कोई भी, कुछ एक, कुछ भी, कोई-न-कोई, कुछ-न-कुछ, कुछ-कुछ, कोई-कोई इत्यादि।



जय हिन्द 
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