Krutidev to Unicode Conversion | कृतिदेव तो (टू) यूनिकोड कनवर्टर |

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  कृतिदेव -०१० ⇔ यूनिकोड 

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कृतिदेव 

krutidev font एक नॉन-यूनिकोड भारतीय भाषायी फॉण्ट शृँखला है। यह डीटीपी तथा ग्राफिक्स के कार्य में बहुतायत में उपयोग होता है।कृतिदेव हिन्दी के अतिरिक्त गुरुमुखी, गुजराती, बांग्ला, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया आदि लिपियों हेतु उपलब्ध है।

यूनिकोड के आने के बाद भी ग्राफिक्स आदि संबंधी कार्यों के लिये कृतिदेव बहुत लोकप्रिय है। इसके अलावा जो सॉफ्टवेयर इण्डिक यूनिकोड का समर्थन नहीं करते (जैसे फोटोशॉप, पेजमेकर आदि) उनके लिये भी यह उपयोगी है। कृतिदेव मूल रूप से रेमिंगटन कीबोर्ड लेआउट में है। यदि आपको रेमिंगटन आती है तो आप बिना किसी अलग टूल के केवल फॉण्ट चुनकर कृतिदेव में टाइप कर सकते हैं। यदि आप रेमिंगटन नहीं जानते तो आपको पहले किसी अन्य टूल में कृतिदेव से टाइप करके फिर उसे अपनी ऍप्लीकेशन जिसमें आप कार्य कर रहे हैं, पेस्ट करना होगा। फोनेटिक के प्रयोक्ताओं के लिये हिन्दीपैड एक ऐसा औजार है। इन औजारों में कृतिदेव में टाइप करने के बाद आप उस टैक्स्ट को कॉपी करके वाँछित ऍप्लीकेशन में पेस्ट कर सकते हैं।


यूनिकोड 

(Unicode), प्रत्येक अक्षर के लिए एक विशेष संख्या प्रदान करता है, चाहे कोई भी कम्प्यूटर प्लेटफॉर्म, प्रोग्राम अथवा कोई भी भाषा हो। यूनिकोड स्टैंडर्ड को एपल, एच.पी., आई.बी.एम., जस्ट सिस्टम, माइक्रोसॉफ्ट, ऑरेकल, सैप, सन, साईबेस, यूनिसिस जैसी उद्योग की प्रमुख कम्पनियों और कई अन्य ने अपनाया है। यूनिकोड की आवश्यकता आधुनिक मानदंडों, जैसे एक्स.एम.एल, जावा, एकमा स्क्रिप्ट (जावास्क्रिप्ट), एल.डी.ए.पी., कोर्बा 3.0, डब्ल्यू.एम.एल के लिए होती है और यह आई.एस.ओ/आई.ई.सी. 10646 को लागू करने का अधिकारिक तरीका है। यह कई संचालन प्रणालियों, सभी आधुनिक ब्राउजरों और कई अन्य उत्पादों में होता है। यूनिकोड स्टैंडर्ड की उत्पति और इसके सहायक उपकरणों की उपलब्धता, हाल ही के अति महत्वपूर्ण विश्वव्यापी सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी रुझानों में से हैं।


यूनिकोड को ग्राहक-सर्वर अथवा बहु-आयामी उपकरणों और वेबसाइटों में शामिल करने से, परंपरागत उपकरणों के प्रयोग की अपेक्षा खर्च में अत्यधिक बचत होती है। यूनिकोड से एक ऐसा अकेला सॉफ्टवेयर उत्पाद अथवा अकेला वेबसाइट मिल जाता है, जिसे री-इंजीनियरिंग के बिना विभिन्न प्लेटफॉर्मों, भाषाओं और देशों में उपयोग किया जा सकता है। इससे आँकड़ों को बिना किसी बाधा के विभिन्न प्रणालियों से होकर ले जाया जा सकता है।


यूनिकोड क्या है?

यूनिकोड प्रत्येक अक्षर के लिए एक विशेष नम्बर प्रदान करता है,

चाहे कोई भी प्लैटफॉर्म हो,
चाहे कोई भी प्रोग्राम हो,
चाहे कोई भी भाषा हो।
कम्प्यूटर, मूल रूप से, नंबरों से सम्बंध रखते हैं। ये प्रत्येक अक्षर और वर्ण के लिए एक नंबर निर्धारित करके अक्षर और वर्ण संग्रहित करते हैं। यूनिकोड का आविष्कार होने से पहले, ऐसे नंबर देने के लिए सैंकडों विभिन्न संकेत लिपि प्रणालियां थीं। किसी एक संकेत लिपि में पर्याप्त अक्षर नहीं हो सकते हैं : उदाहरण के लिए, यूरोपीय संघ को अकेले ही, अपनी सभी भाषाओं को कवर करने के लिए अनेक विभिन्न संकेत लिपियों की आवश्यकता होती है। अंग्रेजी जैसी भाषा के लिए भी, सभी अक्षरों, विरामचिन्हों और सामान्य प्रयोग के तकनीकी प्रतीकों हेतु एक ही संकेत लिपि पर्याप्त नहीं थी।

ये संकेत लिपि प्रणालियां परस्पर विरोधी भी हैं। इसीलिए, दो संकेत लिपियां दो विभिन्न अक्षरों के लिए, एक ही नंबर प्रयोग कर सकती हैं, अथवा समान अक्षर के लिए विभिन्न नम्बरों का प्रयोग कर सकती हैं। किसी भी कम्प्यूटर (विशेष रूप से सर्वर) को विभिन्न संकेत लिपियां संभालनी पड़ती है; फिर भी जब दो विभिन्न संकेत लिपियों अथवा प्लेटफॉर्मों के बीच डाटा भेजा जाता है तो उस डाटा के हमेशा खराब होने का जोखिम रहता है।


यूनिकोड की विशेषताएँ

  • यह विश्व की सभी लिपियों से सभी संकेतों के लिए एक अलग कोड बिन्दु प्रदान करता है।
  • यह वर्णों (कैरेक्टर्स) को एक कोड देता है, न कि ग्लिफ (glyph) को।
  • जहाँ भी सम्भव यूनिकोड होता है, यह भाषाओं का एकीकरण करने का प्रयत्न करता है। इसी नीति के तहत सभी पश्चिम यूरोपीय भाषाओं को लैटिन के अन्तर्गत समाहित किया गया है; सभी स्लाविक भाषाओं को सिरिलिक (Cyrilic) के अन्तर्गत रखा गया है; हिन्दी, संस्कृत, मराठी, नेपाली, सिन्धी, कश्मीरी आदि के लिए 'देवनागरी' नाम से एक ही ब्लॉक दिया गया है; चीनी, जापानी, कोरियाई, वियतनामी भाषाओं को 'युनिहान्' (UniHan) नाम से एक ब्लॉक में रखा गया है; अरबी, फारसी, उर्दू आदि को एक ही ब्लॉक में रखा गया है।
  • बाएँ से दाएँ लिखी जाने वाली लिपियों के अतिरिक्त दाएँ-से-बाएँ लिखी जाने वाली लिपियों (अरबी, हिब्रू आदि) को भी इसमें शामिल किया गया है। ऊपर से नीचे की तरफ लिखी जाने वाली लिपियों का अभी अध्ययन किया जा रहा है।
  • यह ध्यान रखना जरूरी है कि यूनिकोड केवल एक कोड-सारणी है। इन लिपियों को लिखने/पढ़ने के लिए इनपुट मेथड एडिटर और फॉण्ट-फाइलें जरूरी हैं।

यूनिकोड का महत्व और लाभ

  • एक ही दस्तावेज में अनेकों भाषाओं के टेक्स्ट लिखे जा सकते है।
  • टेक्स्ट को केवल एक निश्चित तरीके से संस्कारित करने की जरूरत पड़ती है जिससे विकास-खर्च एवं अन्य खर्चे कम लगते हैं।
  • किसी सॉफ्टवेयर-उत्पाद का एक ही संस्करण पूरे विश्व में चलाया जा सकता है। क्षेत्रीय बाजारों के लिए अलग से संस्करण निकालने की जरूरत नहीं पड़ती
  • किसी भी भाषा का टेक्स्ट पूरे संसार में बिना भ्रष्ट हुए चल जाता है। पहले इस तरह की बहुत समस्याएंम् आती थीं।

हानियाँ

यूनिकोड, आस्की तथा अन्य कैरेकटर कोडों की अपेक्षा अधिक स्मृति (मेमोरी) लेता है। कितनी अधिक स्मृति लगेगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सा यूनिकोड प्रयोग कर रहे हैं। UTF7, UTF8, UTF16 या वास्तविक यूनिकोड - एक अक्षर अलग-अलग बाइट प्रयोग करते हैं।



जय हिन्द 
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