अनेक शब्दों के लिए एक शब्द की परिभाषा
anek shabdon ke ek shabd | अनेक शब्दों के एक शब्द
कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक विचारों या शब्दसमूह को अभिव्यक्त करने वाले शब्द 'अनेक शब्दों के लिए एक शब्द' के अंतर्गत आते हैं। इनका प्रयोग वाक्य या कथन को सारगर्भित, साहित्यिक और सुंदर बनाता है।अर्थ की दृष्टि से गागर में सागर भरने के लिए ये शब्द उपयोगी और सार्थक होते हैं . अपने वक्तव्य को प्रभावशाली बनाने के लिए 'अनेक शब्दों के लिए एक शब्द' की जानकारी व समझ बहुत जरुरी है .
सुदृढ़ भाषा , भाव गाम्भीर्य और चुस्त लेखन शैली के लिए आवश्यक है कि लेखक शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम और समझ का उपयोग करे , ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को कम-से-कम शब्दों में व्यक्त कर सके। समास, तद्धित और कृदन्त 'वाक्यांश या वाक्य' एक शब्द या पद के रूप में संक्षिप्त किये जा सकते है।
वाक्यांश को संक्षेप में सामासिक पद का भी रूप दिया जाता है। कुछ ऐसे लाक्षणिक पद या शब्द भी है, जो अपने में पूरे एक वाक्य या वाक्यांश का अर्थ रखते है। भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर भाषा को प्रभावशाली,सारगर्भित एवं आकर्षक बनाने के लिए 'अनेक शब्दों के एक शब्द' का प्रयोग किया जाता है .
जैसे- गीत लिखने वाला -
अनेक शब्दों के स्थान पर एक ही शब्द ‘गीतकार’ का प्रयोग किया जाता है .
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
( अ )
अनुचित बात के लिए आग्रह-
(दुराग्रह)
अण्डे से जन्म लेने वाला-
(अण्डज)
आकाश को चूमनेवाला-
(आकाशचुंबी)
अपने देश से दूसरे देश में सामान जाना-
(निर्यात)
अपनी हत्या स्वयं करना-
(आत्महत्या)
अवसर के अनुसार बदल जाने वाला-
(अवसरवादी)
अच्छे चरित्र वाला-
(सच्चरित्र)
आज्ञा का पालन करने वाला-
(आज्ञाकारी)
अत्यंत सुन्दर स्त्री-
(रूपसी)
आकाश को चूमने वाला-
(गगनचुंबी)
आकाश में उड़ने वाला-
(नभचर)
आलोचना करने वाला-
(आलोचक)
आशा से अधिक-
(आशातीत)
आगे होनेवाला-
(भावी)
आँखों के सामने-
(प्रत्यक्ष)
आँखों से परे-
(परोक्ष)
अपने परिवार के साथ-
(सपरिवार)
आशा से अतीत (अधिक)-
(आशातीत)
आकाश या गगन चुमनेवाला-
(आकाशचुम्बी, गगनचुम्बी)
आलोचना के योग्य-
(आलोच्य)
आया हुआ-
(आगत)
अवश्य होनेवाला-
(अवश्यम्भावी)
अत्यधिक वृष्टि-
(अतिवृष्टि)
अपने बल पर निर्भर रहने वाला-
(स्वावलम्बी)
अचानक हो जाने वाला-
(आकस्मिक)
आदि से अन्त तक-
(आद्योपान्त)
आगे का विचार करने वाला-
(अग्रसोची)
आढ़त का व्यापर करने वाला-
(आढ़तिया)
आवश्यकता से अधिक वर्षा-
(अतिवृष्टि)
अधिकार या कब्जे में आया हुआ-
(अधिकृत)
अन्य से सम्बन्ध न रखने वाला-
(अनन्य)
अभिनय करने योग्य-
(अभिनेय)
अभिनय करने वाला पुरुष-
(अभिनेता)
अभिनय करने वाली स्त्री-
(अभिनेत्री)
अच्छा-बुरा समझने की शक्ति का अभाव-
(अविवेक)
अपने हिस्से या अंश के रूप में कुछ देना-
(अंशदान)
अनुकरण करने योग्य-
(अनुकरणीय)
आत्मा व परमात्मा का द्वैत (अलग-अलग होना) न माननेवाला-
(अद्वैतवादी)
अल्प (कम) वेतन भोगनेवाला (पानेवाला)-
(अल्पवेतनभोगी)
अध्ययन (पढ़ना) का काम करनेवाला-
(अध्येता)
अध्यापन (पढ़ाने) का काम करनेवाला-
(अध्यापक)
आग से झुलसा हुआ-
(अनलदग्ध)
अपने प्राण आप लेने वाला-
(आत्मघाती)
अर्थ या धन से सम्बन्ध रखने वाला-
(आर्थिक)
आदि से अन्त तक-
(आद्योपान्त)
आयोजन करने वाला व्यक्ति-
(आयोजक)
आशुलिपि (शार्ट हैण्ड) जाननेवाला लिपिक-
(आशुलिपिक)
अपनी इच्छा के अनुसार काम करनेवाला-
(इच्छाचारी)
आड़ या परदे के लिये रथ या पालकी को ढकने वाला कपड़ा-
(ओहार)
अपनी विवाहित पत्नी से उत्पत्र (पुत्र)-
(औरस पुत्र)
अपने कर्तव्य का निर्णय न कर सकने वाला-
(किंकर्तव्यविमूढ़)
अधिक दिनों तक जीने वाला-
(चिरंजीवी)
अन्न को पचाने वाली जठर (पेट) की अग्नि-
(जठराग्नि)
अपनी झक (धुन) में मस्त रहने वाला-
(झक्की)
आँवला, हर्र व बहेड़ा-
(त्रिफला)
अनुचित या बुरा आचरण करने वाला-
(दुराचारी)
अपराध और उन पर दण्ड देने के नियम निर्धारित करने वाला प्रश्न –
(दण्डसंहिता)
अभी-अभी जन्म लेने वाला-
(नवजात)
आधे से अधिक लोगों की सम्मिलित एक राय-
(बहुमत)
अपना हित चाहने वाला-
(स्वार्थी)
अपनी इच्छा से दूसरों की सेवा करने वाला-
(स्वयंसेवक)
अपने देश से प्यार करने वाला-
(देशभक्त)
अपने देश के साथ विश्वासघात करने वाला-
(देशद्रोही)
अनुचित बात के लिये आग्रह-
(दुराग्रह)
आँख की बीमारी-
(दृष्टिदोष)
अपने पति के प्रति अनन्य अनुराग रखने वाली-
(पतिव्रता)
अपने पद से हटाया हुआ-
(पदच्युत)
अपने को पंडित माननेवाला-
(पंडितम्मन्य)
आटा पीसने वाली स्त्री-
(पिसनहारी)
आय से अधिक व्यर्थ खर्च करने वाला-
(फिजूलखर्ची)
आय-व्यय, लेन-देन का लेखा करने वाला-
(लेखाकार)
अविवाहित लड़की-
(कुमारी)
अगहन और पूस में पड़ने वाली ऋतु-
(हेमन्त)
अधः (नीचे) लिखा हुआ-
(अधोलिखित)
आचार्य की पत्नी-
(आचार्यानी)
अनुवाद करनेवाला-
(अनुवादक)
अनुवाद किया हुआ-
(अनूदित)
अनेक राष्ट्रों में आपस में होनेवाली बात-
(अन्तर्राष्ट्रीय)
आत्मा या अपने आप पर विश्वास-
(आत्मविश्वास)
आलस्य में जँभाई लेते हुए देह टूटना-
(अँगड़ाई)
अंग पोंछने का वस्त्र-
(अँगोछा)
अति सूक्ष्म परिमाण-
(अणिमा)
आज के दिन से पूर्व का काल-
(अनद्यतनभूत)
अध्ययन किया हुआ-
(अधीत)
अनुभव प्राप्त-
(अनुभवी)
असम्बद्ध विषय का-
(अविवक्षित)
आठ पदवाला-
(अष्टपदी)
अनुमान किया हुआ-
(अनुमानित)
अनिश्चित जीविका-
(आकाशवृत्ति)
आम का बगीचा-
(अमराई)
अनुसंधान की इच्छा-
(अनुसंधित्सा)
आकाश से तारे का टूटना-
(उपप्लव)
अन्य देश का पुरुष-
(उपही)
अँगुलियों में होनेवाला फोड़ा-
(इकौता)
अपना नाम स्वयं लिखना-
(हस्ताक्षर)
अपना मतलब साधनेवाला-
(स्वार्थी)
अगस्त्य की पत्नी-
(लोपामुद्रा)
अँधेरी रात-
(तमिस्रा)
अशुभ विचार-
(व्यापाद)
अंडों से निकली छोटी मछलियों का समूह-
(पोताधान)
अस्तित्वहीन वस्तु का विश्लेषण-
(काकदन्तपरीक्षण)
अधिक रोएँ वाला-
(लोमश)
अमावस्या की रात-
(कुहू)
( इ, ई )
ईश्वर में आस्था रखने वाला-
(आस्तिक)
ईश्वर पर विश्वास न रखने वाला-
(नास्तिक)
इतिहास का ज्ञाता-
(इतिहासज्ञ)
इन्द्रियों को जीतनेवाला-
(जितेन्द्रिय)
इन्द्रियों की पहुँच से बाहर-
(अतीन्द्रिय)
इतिहास से सम्बन्ध रखने वाला-
(ऐतिहासिक)
इन्द्रियों को वश में करने वाला-
(इन्द्रियजित)
इंद्रियों पर किया जानेवाला वश-
(इंद्रियाविग्रह)
इस लोक से सम्बन्धित-
(ऐहिक)
इन्द्रजाल करने वाला-
(ऐन्द्रजालिक)
इंद्रियों से संबंधित-
(ऐंद्रिक)
इस लोक से संबंध रखनेवाला-
(ऐहलौकिक)
ईश्वर या स्वर्ग का खजाँची-
(कुबेर)
इस्लाम पर विश्वास न करनेवाला-
(काफिर)
ईश्वर द्वारा भेजा गया दूत-
(दौहित्र/नाती)
इन्द्र का महल-
वैजयन्त
इतिहास से संबंधित-
(ऐतिहासिक)
( ऊ )
ऊपर कहा हुआ-
(उपर्युक्त)
ऊपर आने वाला श्वास-
(उच्छवास)
ऊपर की ओर जानेवाला-
(उर्ध्वगामी)
ऊपर की ओर बढ़ती हुई साँस-
(उर्ध्वश्वास)
उपचार या ऊपरी दिखावे के रूप में होने वाला-
(औपचारिक)
उच्च न्यायालय का न्यायाधीश-
(न्यायमूर्ति)
उपकार के प्रति किया गया उपकार-
(प्रत्युपकार)
ऊपर लिखा गया-
(उपरिलिखित)
उतरती युवावस्था का-
(अधेड़)
उत्तर दिशा-
(उदीची)
उच्च वर्ण के पुरुष के साथ निम्न वर्ण की स्त्री का विवाह-
(अनुलोम विवाह)
उसी समय का-
(तत्कालीन)
( ऐ )
एक ही समय में वर्तमान-
(समसामयिक)
एक स्थान से दूसरे स्थान को हटाया हुआ-
(स्थानान्तरित)
एक भाषा की लिखी हुई बात को दूसरी भाषा में लिखना या कहना-
(अनुवाद)
ऐसा व्रत, जो मरने पर ही समाप्त हो-
(आमरणव्रत)
ऐसा ग्रहण जिसमें सूर्य या चन्द्र का पूरा बिम्ब ढँक जाय-
(खग्रास)
ऐसा जो अंदर से खाली हो-
(खोखला)
ऐसा तर्क जो देखने पर ठीक प्रतीत होता हो, किन्तु वैसा न हो-
(तर्काभास)
एक व्यक्ति द्वारा चलायी जाने वाली शासन प्रणाली-
(तानाशाही)
एक राजनीतिक दल को छोड़कर दूसरे दल में शामिल होने वाला-
(दलबदलू)
ऐतिहासिक युग के पूर्व का-
(प्रागैतिहासिक)
एक महीने में होने वाला-
(मासिक)
एक ही जाति का-
(सजातीय)
एक ही समय में उत्पन्न होने वाला-
(समकालीन)
एक ही समय में वर्तमान-
(समसामयिक)
ऐसी भूमि जो उपजाऊ नहीं हो-
(ऊसर)
एक सप्ताह में होने वाला-
(साप्ताहिक)
( क )
किसी पद का उम्मीदवार-
(प्रत्याशी)
कीर्तिमान पुरुष-
(यशस्वी)
कम खर्च करने वाला-
(मितव्ययी)
कम जानने वाला-
(अल्पज्ञ)
कम बोलनेवाला-
(मितभाषी)
कम अक्लवाला-
(अल्पबुद्धि)
कठिनाई से समझने योग्य-
(दुर्बोध)
कल्पना से परे हो-
(कल्पनातीत)
किसी की हँसी उड़ाना-
(उपहास)
कुछ दिनों तक बने रहने वाला-
(टिकाऊ)
किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना-
(अतिशयोक्ति)
किसी विषय को विशेषरूप से जाननेवाला-
(विशेषज्ञ)
किसी काम में दूसरे से बढ़ने की इच्छा या उद्योग-
(स्पर्द्धा)
क्रम के अनुसार-
(यथाक्रम)
कार्य करनेवाला-
(कार्यकर्त्ता)
करने योग्य-
(करणीय, कर्तव्य)
किसी कथा के अंतर्गत आने वाली दूसरी कथा-
(अन्तःकथा)
कर या शुल्क का वह अंश जो किसी कारणवश अधिक से अधिक लिया जाता है-
(अधिभार)
किसी पक्ष का समर्थन करने वाला-
(अधिवक्ता)
किसी कार्यालय या विभाग का वह अधिकारी जो अपने अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों की निगरानी रखे-
(अधीक्षक)
किसी सभा, संस्था का प्रधान-
(अध्यक्ष)
किसी कार्य के लिए दी जाने वाली सहायता-
(अनुदान)
किसी मत या प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया-
(अनुमोदन)
किसी व्यक्ति या सिद्धान्त का समर्थन करने वाला-
(अनुयायी)
किसी कार्य को बार-बार करना-
(अभ्यास)
किसी वस्तु का भीतरी भाग-
(अभ्यन्तर)
किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा-
(अभीप्सा)
किसी प्राणी को न मारना-
(अहिंसा)
किसी बात पर बार-बार जोर देना-
(आग्रह)
किसी पात्र आदि के अन्दर का स्थान, जिसमें कोई चीज आ सके-
(आयतन)
किसी अवधि से संबंध रखने वाला-
(आवधिक)
किसी देश के वे निवासी जो पहले से वहाँ रहते रहे हैं-
(आदिवासी)
किसी चीज या बात की इच्छा रखनेवाला-
(इच्छुक)
किन्हीं घटनाओं का कालक्रम से किया गया वृत-
(इतिवृत)
किसी नई चीज का बनाना-
(ईजाद, अविष्कार)
किसी के बाद उसकी संपत्ति प्राप्त करने वाला-
(उत्तराधिकारी)
किसी एक पक्ष से संबंधित-
(एकपक्षीय)
कष्टों या काँटों से भरा हुआ-
(कंटकाकीर्ण)
किसी के उपकार को न मानने वाला-
(कृतघ्न)
किसी की कृपा से पूरी तरह संतुष्ट-
(कृतार्थ)
कारागार से संबंध रखने वाला-
(कारागारिक)
कार्य करने वाला व्यक्ति-
(कार्यकर्ता)
किन्हीं निश्चित कार्यों के लिए बनायी गयी समिति-
(कार्यसमिति)
क्रम के अनुसार-
(क्रमानुसार)
किसी विचार/निर्णय को कार्यरूप देना-
(कार्यान्वयन)
कुंती का पुत्र-
(कौंतेय)
किसी के घर की होनेवाली तलाशी-
(खानातलाशी)
किसी के इर्द-गिर्द घेरा डालने की क्रिया-
(घेराबन्दी)
करुण स्वर में चिल्लाना-
(चीत्कार)
किसी को सावधान करने के लिए कही जाने वाली बात-
(चेतावनी)
किसी वस्तु का चौथा भाग-
(चतुर्थांश )
किसी काम या व्यक्ति में छिद्र या दोष निकालने का कार्य-
(छिद्रान्वेषण)
कर्मचारियों आदि को छाँटकर निकालने की क्रिया-
(छँटनी)
किसी भी बात को जानने की इच्छा-
(जिज्ञासा)
कुछ जानने या ज्ञान प्राप्त करने की चाह-
(जिज्ञासा)
किसी के सम्पूर्ण जीवन के कार्यों का विवरण-
(जीवनचरित)
काँटेदार झाड़ियों का समूह-
(झाड़झंखाड़)
किसी ग्रंथ या रचना की टीका करनेवाला-
(टीकाकार)
किराए पर चलनेवाली मोटर गाड़ी-
(टैक्सी)
किसी पद अथवा सेवा से मुक्ति का पत्र-
(त्यागपत्र)
किसी भी पक्ष का समर्थन न करने वाला-
(तटस्थ)
कोई काम या पद छोड़ देने के लिये लिखा गया पत्र-
(त्यागपत्र)
कुछ निश्चित लम्बाई का कपड़ा-
(थान)
किसी के पास रखी हुई दूसरे की वस्तु-
(थाती/धरोहर/अमानत)
कपड़ा सीने का व्यवसाय करने वाला-
(दर्जी)
किसी के साथ सम्बन्ध न रखने वाला-
(निःसंग)
कही हुई बात को बार-बार कहना-
(पिष्टपेषण)
किसी आरोप के उत्तर में किया जाने वाला आरोप-
(प्रत्यारोप)
किसी टूटी-फूटी वस्तु का पुनः निर्माण -
(पुनर्निर्माण)
किसी देवता पर चढ़ाने के लिए मारा जाने वाला पशु-
(बलि)
(किसी पद पर) जो पहले रहा हो-
(भूतपूर्व)
किसी बात का गूढ़ रहस्य जानने वाला-
(मर्मज्ञ)
किसी मत को मानने वाला-
(मतानुयायी)
कम खर्च करने वाला-
(मितव्ययी)
किसी विषय को विशेष रूप से जाननेवाला-
(विशेषज्ञ)
कुबेर की नगरी-
(अलकापुरी)
किसी छोटे से प्रसन्न हो उसका उपकार करना-
(अनुग्रह)
किसी के दुःख से दुःखी होकर उसपर दया करना-
(अनुकम्पा)
किसी श्रेष्ठ का मान या स्वागत-
(अभिनन्दन)
किसी विशेष वस्तु की हार्दिक इच्छा-
(अभिलाषा )
किसी के शरीर की रक्षा करनेवाला-
(अंगरक्षक)
किसी को भय से बचाने का वचन देना-
(अभयदान)
केवल फल खाकर रहनेवाला-
(फलाहारी)
किसी कलाकार की कलापूर्ण रचना-
(कलाकृति)
करने की इच्छा-
(चिकीर्षा)
कुबेर का बगीचा-
(चैत्ररथ)
कुबेर का पुत्र-
(नलकूबर)
कुबेर का विमान-
(पुष्पक)
कच्चे मांस की गंध-
(विस्र)
कमल के समान गहरा लाल रंग-
(शोण)
काला पीला मिला रंग-
(कपिश)
केंचुए की स्त्री-
(शिली)
कुएँ की जगत-
(वीनाह)
किसी के पास रखी हुई दूसरे की सम्पत्ति-
(थाती/न्यास)
केवल वर्षा पर निर्भर-
(बारानी)
कलम की कमाई खानेवाला-
(मसिजीवी)
कुएँ के मेढ़क के समान संकीर्ण बुद्धिवाला-
(कूपमंडुक)
काला पानी की सजा पाया कैदी-
(दामुल कैदी)
किसी काम में दखल देना-
(हस्तक्षेप)
कुसंगति के कारण चरित्र पर दोष-
(कलंक)
कुछ खास शर्तों द्वारा कोई कार्य कराने का समझौता-
(संविदा)
( ख )
खाने से बचा हुआ जूठा भोजन-
(उच्छिष्ट)
खाने योग्य पदार्थ-
(खाद्य)
खाने की इच्छा-
(बुभुक्षा)
खून से रँगा हुआ-
(रक्तरंजित)
खेलने का मैदान-
(क्रीड़ास्थल)
( ग )
गिरा हुआ-
(पतित)
गृह (घर) बसाकर स्थित (रहनेवाला)-
(गृहस्थ)
ग्राम का रहनेवाला-
(ग्रामीण)
गोद लिया हुआ पुत्र-
(दत्तक (पुत्र) )
गोपों को घेरा बाँधकर नाचने की क्रिया-
(रास)
गुरु के समीप रहनेवाला विद्यार्थी-
(अन्तेवासी)
गुण-दोषों का विवेचन करने वाला-
(आलोचक)
गणित शास्त्र के जानकार-
(गणितज्ञ)
गंगा का पुत्र-
(गांगेय)
गगन (आकाश) चूमने वाला-
(गगनचुम्बी)
( घ )
घास छीलने वाला-
(घसियारा)
घास खानेवाला-
(तृणभोजी)
घूस लेने वाला/रिश्वत लेने वाला-
(घूसखोर/रिश्वतखोर)
घुलने योग्य पदार्थ-
(घुलनशील)
घृणा करने योग्य-
(घृणास्पद)
घर के सबसे ऊपर के खंड की कोठरी-
(अटारी)
घर के सामने का मंच-
(आलिन्द)
घूम-फिरकर सौदा बेचने वाला-
(फेरीवाला)
( च )
चार वेदों को जानने वाला-
(चतुर्वेदी)
चार राहों वाला-
(चौराहा)
चेतन स्वरूप की माया-
(चिद्विलास)
चूहे फँसाने का पिंजड़ा-
(चूहेदानी)
चौथे दिन आने वाला ज्वर-
(चौथिया)
चारों ओर की सीमा-
(चौहदी)
चारों ओर जल से घिरा हुआ भू-भाग-
(टापू)
चोरी छिपे चुंगी शुल्क आदि दिये बिना माल लाकर बेचनेवाला-
(तस्कर)
चौपायों के बाँधने का स्थान-
(थान)
चार मुखों वाला –
(चतुरानन)
चिंता में डूबा हुआ-
(चिंतित)
चुनाव में अपना मत देने की क्रिया-
(मतदान)
( छ )
छिपे वेश में रहना-
(छद्मवेश)
छात्रों के रहने का स्थान-
(छात्रावास)
छः महीने के समय से सम्बन्धित-
(छमाही)
छत में टाँगने का शीशे का कमल या गिलास, जिसमें मोमबत्तियाँ जलती हों-
(फानूस)
छोटे कद का आदमी-
(बौना)
छह कोने वाली आकृति-
(षट्कोण)
छह-छह महीने पर होने वाला-
(षाण्मासिक)
छूत से फैलने वाला रोग-
(संक्रामक)
छाती का घाव-
(उरक्षत)
छः मुँहों वाला-
(षण्मुख/षडानन)
( ज )
जो कभी न मरे-
(अमर)
जो पढ़ा-लिखा न हो-
(अपढ़, अनपढ़)
जो अक्षर (पढ़ना-लिखना) जानता है-
(साक्षर)
जो दूसरों पर अत्याचार करें-
(अत्याचारी)
जो दिखाई न दे-
(अदृश्य)
जो कभी नष्ट न हो-
(अनश्वर)
जो उच्च कुल में उत्पन्न हुआ हो-
(कुलीन)
जो क्षमा के योग्य हो-
(क्षम्य)
जो कम बोलता हो-
(मितभाषी)
जो अधिक बोलता हो-
(वाचाल)
जो सब जगह व्याप्त हो-
(सर्वव्यापक)
जो देखने योग्य हो-
(दर्शनीय)
जो कुछ न करता हो-
(अकर्मण्य)
जो पुत्र गोद लिया हो-
(दत्तक)
जो मान-सम्मान के योग्य हो-
(माननीय)
जो नष्ट न होने वाला हो-
(अविनाशी)
जो किसी का पक्ष न ले-
(तटस्थ)
जो परिचित न हो-
(अपरिचित)
जो स्थिर रहे-
(स्थावर)
जो वन में घूमता हो-
(वनचर)
जो इस लोक से बाहर की बात हो-
(अलौकिक)
जो धन का दुरुपयोग करता है-
(अपव्ययी)
जो कानून के विरुद्ध हो-
(अवैध)
जो कानून के अनुसार हो-
(वैध)
जो पहले न पढ़ा हो-
(अपठित)
जो आँखों के सामने न हो-
(अप्रत्यक्ष)
जो आँखों के सामने हो-
(प्रत्यक्ष)
जो दो भाषाएँ जानता हो-
(दुभाषिया)
जो धर्म का काम करे-
(धर्मात्मा)
जो स्वयं पैदा हुआ हो-
(स्वयंभू)
जो शरण में आया हो-
(शरणागत)
जो क्षमा करने के योग्य हो-
(क्षम्य)
जो बहुत समय तक ठहरे-
(चिरस्थायी)
जो उच्च कुल में उत्पन्न हुआ हो-
(कुलीन)
जो कभी नष्ट न हो-
(अनश्वर)
जो उदार न हो-
(अनुदार)
जो चित्र बनाता हो-
(चित्रकार)
जो बूढ़ा न हो-
(अजर)
जो नहीं हो सकता-
(असंभव)
जो हो सकता है -
(संभव)
जो आमिष (मांस) नहीं खाता-
(निरामिष)
जो पहरा देता है-
(प्रहरी)
जो दूसरों पर अत्याचार करें-
(अत्याचारी)
जो किसी पक्ष में न हो-
(तटस्थ)
जो कभी न मरे-
(अमर)
जो कहा न जा सके-
(अकथनीय)
जो गिना न जा सके-
(अगणित)
जो जन्म से अंधा हो-
(जन्मांध)
जो किये गये उपकारों को जानता या (मानता) है-
( कृतज्ञ)
जो किये गये उपकारों को नहीं मानता है-
(कृतघ्न)
जो टुकड़े-टुकड़े हो गया हो-
(खंडित)
जो क्षमा के योग्य हो-
(क्षम्य)
जो सब जगह व्याप्त हो-
(सर्वव्यापक)
जो परिचित न हो-
(अपरिचित)
जो सब कुछ जानता है-
(सर्वज्ञ)
जो किसी की ओर से है-
(प्रतिनिधि)
जो बहुत जानता है-
(बहुज्ञ)
जो स्त्री कविता लिखती है-
(कवयित्री)
जो पुरुष कविता रचता है-
(कवि)
जो शत्रु की हत्या करता है-
(शत्रुघ्न)
जो मांस का आहार करता है-
(मांसाहारी)
जो शाक का आहार करता है-
(शाकाहारी)
जो फल का आहार करता है-
(फलाहारी)
जो विज्ञान जनता है-
(वैज्ञानिक)
जो व्याकरण जानता है-
(वैयाकरण)
जो लोक में संभव न हो-
(अलौकिक)
जो स्वार्थ (अपनी ही भलाई) चाहता है-
(स्वार्थी)
जो परमार्थ( दूसरों की भलाई) चाहता है-
(परमार्थी)
जो देखने में प्रिय लगता है-
(प्रियदर्शी)
जो आसानी से लब्ध (प्राप्य) है-
(सुलभ)
जो पर (दूसरों) के अधीन है-
(पराधीन)
जो मन को हर ले-
(मनोहर)
जो धर्म करता है-
(धर्मात्मा)
जो साँप पकड़ता है-
(सँपेरा)
जो पीने योग्य हो-
(पेय)
जो नाचता है-
(नर्तक, नृत्यकार)
जो अभिनय करता है-
(अभिनेता)
जो कुछ नहीं जानता है-
(अज्ञ)
जो अग्र (आगे) की बात सोचता है-
(अग्रशोची)
जो नया आया हुआ हो-
(नवागन्तुक)
जो भू के गर्भ (भीतर) का हाल जानता हो-
(भूगर्भवेत्ता)
जो कहा न जा सके-
(अकथनीय)
जो भू को धारण करता है-
(भूधर)
जो सर्व शक्ति संपन्न है-
(सर्वशक्तिमान्)
जो कर्त्तव्य से च्युत हो गया है-
(कर्त्तव्यच्युत)
जो (बात) वर्णन के अतीत (बाहर) है-
(वर्णनातीत)
जो स्त्री सूर्य भी न देख सके-
(असूर्यम्पाश्या)
जो अत्यन्त कष्ट से निवारित किया जा सके-
(दुर्निवार)
जो आग्रह सत्य हो-
(सत्याग्रह)
जो मुकदमा दायर करता है-
(वादी)
जो अश्र्व (घोड़े) का आरोही (सवार) है-
(अश्र्वारोही)
जो संगीत जानता है-
(संगीतज्ञ)
जो कला जानता है या कला की रचना करता है-
(कलाकार)
जो सरों (तालाब ) में जन्म लेता है-
(सरसिज)
जो अच्छे कुल में उत्पत्र हुआ है-
(कुलीन)
जो सबमें व्याप्त है-
(सर्वव्यापी)
जो किसी की ओर (प्रति) से है-
(प्रतिनिधि)
जो मुकदमा लड़ता रहता है-
(मुकदमेबाज)
जो देने योग्य है-
(देय)
जो देखा नहीं जा सकता-
(अदृश्य)
जो वचन से परे हो-
(वचनातीत)
जो कहा गया है-
(कथित)
जो स्त्री के वशीभूत या उसके स्वभाव का है-
(स्त्रैण)
जो बहुत बोलता है-
(वाचाल)
जो स्त्री अभिनय करे-
(अभिनेत्री)
जो पुरुष अभिनय करे-
(अभिनेता)
जो दूसरे से ईर्ष्या करता है-
(ईर्ष्यालु)
जो पिता की हत्या कर चुका है -
(पितृहन्ता)
जो माता की हत्या कर चुका-
(मातृहन्ता)
जो अपनी हत्या करता है-
(आत्मघाती)
जो पर के अधीन है-
(पराधीन)
जो देखने में प्रिय लगता है-
(प्रियदर्शी)
जो नभ या ख (आकाश) में चलता है-
(नभचर, खेचर)
जो द्वार का पालन (रक्षा) करता है-
(द्वारपाल)
जो शास्त्र जानता है-
(शास्त्रज्ञ)
जो कोई वस्तु वहन करता है-
(वाहक)
जो पोत (जहाज) युद्ध का है-
(युद्धपोत)
जो चक्र धारण करता है-
(चक्रधर)
जो नष्ट होनेवाला है-
(नश्र्वर)
जो सबको समान भाव से देखे-
(समदर्शी)
जो भेदा या तोड़ा न जा सके-
(अभेद्य)
जो कठिनाई (दुर ) से भेदा या तोड़ा जा सके-
(दुर्भेद्य)
जो मापा न जा सके-
(अपरिमेय)
जो प्रमेय (प्रमाण से सिद्ध) न हो-
(अप्रमेय)
जो इच्छा के अधीन है-
(इच्छाधीन)
जो दूसरे के स्थान पर अस्थायी रूप से काम करे- (स्थानापन्न)
जो विधि या कानून के विरुद्ध है-
(अवैध, गैरकानूनी)
जो मन को हर ले-
(मनोहर)
जो अनुकरण करने योग्य हो-
(अनुकरणीय)
जो दायर मुकदमे का प्रतिवाद (बचाव या काट) करे-
(प्रतिवादी)
जो राजगद्दी का अधिकारी हो-
(युवराज)
जो पुस्तकों की आलोचना या समीक्षा करता है-
(आलोचक, समीक्षक)
जो व्याख्या करता है-
(व्याख्याता)
जो साँप पकड़ता और उसका खेल करता है-
(सपेरा)
जो मोक्ष चाहता हो-
(मुमुक्षु)
जो स्मरण रखने योग्य है-
(स्मरणीय)
जो पांचाल देश की है –
(पांचाली)
जो किसी का पक्ष न ले-
(निष्पक्ष)
जो यान (सवारी) जल में चलता है-
(जलयान)
जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ है-
(लौहपुरुष)
जो खाया न जा सके-
(अखाद्य )
जो सबके आगे रहता हो-
(अग्रणी)
जो नेत्रों से दिखाई न दे-
(अगोचर)
जो खाली न जाय-
(अचूक)
जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके-
(अच्युत)
जो छूने योग्य न हो-
(अछूत)
जो छुआ न गया हो-
(अछूता)
जो बूढा न हो-
(अजर)
जो न जाना गया हो-
(अज्ञात)
जो अपनी बात से न टले-
(अटल)
जो अपनी जगह से न डिगे-
(अडिग)
जो सबके मन की जनता हो-
(अंतर्यामी)
जो दबाया न जा सके-
(अदम्य)
जो देखा न जा सके-
(अदृश्य)
जो देखने योग्य न हो-
(अदर्शनीय)
जो पहले न देखा गया हो-
(अदृष्टपूर्व)
जो किसी विशेष समय तक ही लागू हो-
(अध्यादेश)
जो परीक्षा में उत्तीर्ण न हुआ हो-
(अनुत्तीर्ण)
जो मापा न जा सके-
(अपरिमेय)
जो पूरा या भरा हुआ न हो-
(अपूर्ण)
जो किसी की ओर मुँह किये हुए हो-
(अभिमुख)
जो कभी मृत्यु को प्राप्त न हो-
(अमर)
जो काव्य, संगीत आदि का रस न ले-
(अरसिक)
जो इस लोक का न हो-
(अलौकिक)
जो साधा (ठीक किया) न जा सके-
(असाध्य)
जो शोक करने योग्य नहीं है-
(अशोच्य)
जो स्त्री (ऐसी पर्दानशीन है कि) सूर्य को भी न देख सके-
(असूर्यम्पश्या)
जो विधान या नियम के विरुद्ध हो-
(असंवैधानिक)
जो पहले कभी न हुआ हो-
(अभूतपूर्व)
जो सदा से चलता आ रहा है-
(अनवरत)
जो आगे की न सोचता हो-
(अदूरदर्शी)
जो समय पर न हो-
(असामयिक)
जो दिया न जा सके-
(अदेय)
जो मानव के योग्य न हो-
(अमानुषिक)
जो हिसाब-किताब की जाँच करता हो-
(अंकेक्षक)
जो पहले कभी घटित न हुआ हो-
(अघटित)
जो पहले कभी नहीं सुना गया-
(अश्रुतपूर्व)
जो जन्म लेते ही गिर या मर गया हो-
(आदण्डपात)
जो आलोचना के योग्य हो-
(आलोच्य)
जो इंद्रियों के ज्ञान के बाहर है-
(इंद्रियातीत)
जो छाती के बल चलता हो-
(उदग (सर्प))
जो धरती फोड़ कर जनमता है-
(उदभिज)
जो उद्धार करता है-
(उद्धारक)
जो किसी नियम को न माने-
(उच्छृंखल)
जो भूमि उपजाऊ हो-
(उर्वरा)
जो दिन में एक बार भोजन करता है-
(एकाहारी)
जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो-
(ऐच्छिक)
जो कान को कटु लगे-
(कर्णकटु)
जो कटु बोलता है-
(कटुभाषी)
जो कष्ट को सहन कर सके-
(कष्टसहिष्णु)
जो काम से जी चुराता है-
(कामचोर)
जो कर्तव्य से च्युत हो गया है-
(कर्तव्यच्युत)
जो कल्पना से परे हो-
(कल्पनातीत)
जो केन्द्र की ओर उन्मुख होता हो-
(केन्द्राभिमुख)
जो सदैव हाथ में खड्ग लिए रहता हो-
(खड़गहस्त)
जो गाँव से सम्बन्धित हो-
(ग्रामीण)
जो कठिनाइयों से पचता है-
(गरिष्ठ/गुरुपक)
जो गिरि (पहाड़) को धारण करता हो-
(गिरधारी)
जो छिपाने योग्य हो-
(गोपनीय)
जो चक्र धारण करता हो-
(चक्रधारी/चक्रधर)
जो चंद्र धारण करता हो-
(चंद्रधारी)
जो चिरकाल तक बना रहे-
(चिरस्थायी)
जो चर्चा का विषय हो-
(चर्चित)
जो अपने स्थान से डिग गया हो-
(च्युत)
जो जरायु (गर्भ की थैली) से जनमता है-
(जरायुज)
जो तर्क योग्य हो-
(तार्किक)
जो तर्क के आधार पर सही सिद्ध हो-
(तर्कसंगत)
जो तीन गुणों (सत्व, रज, व तम) से परे हो-
(त्रिगुणातीत)
जो दर्शन-शास्त्र का ज्ञाता हो-
(दार्शनिक)
जो द्वार का पालन (रक्षा) करता है-
(द्वारपाल)
जो मुश्किल से प्राप्त हो-
(दुष्प्राप्य)
जो विलंब या टालमटोल से काम करे-
(दीर्घसूत्री)
जो वस्तु दूसरे के यहाँ रखी हो-
(धरोहर)
जो तेजहीन हो-
(निस्तेज)
जो अपने लाभ या स्वार्थ का ध्यान न रखता हो-
(निःस्वार्थ)
जो कामना रहित हो-
(निष्काम)
जो चिन्ता से रहित हो-
(निश्चिंत)
जो उत्तर न दे सके-
(निरुत्तर)
जो न्याय जनता हो-
(नैयायिक)
जो अति (बहुत) लघु (छोटा) नहीं है-
(नातिलघु)
जो अति (बहुत) दीर्घ (बड़ा) नहीं है-
(नातिदीर्घ)
जो नृत्य करता है-
(नृत्यकार/नर्तक)
जो नीचे लिखा गया है-
(निम्नलिखित)
जो दृष्टि के क्षेत्र से परे हो-
(परोक्ष)
जो परायों का अर्थ (हित) चाहता है-
(परमार्थी)
जो अपने पथ से भटक गया हो-
(पथभ्रष्ट)
जो दूसरों का भला चाहने वाला हो-
(परार्थी)
जो दूसरों का उपकार करने वाला हो-
(परोपकारी)
जो पृथ्वी से सम्बन्धित हो-
(पार्थिव)
जो पिंड से जनमता है-
(पिंडज)
जो उक्ति बार-बार कही जाय-
(पुनरुक्ति)
जो शीघ्र किसी बात या युक्ति को सोच ले-
(प्रत्युत्पन्नमति)
जो प्रणाम करने योग्य हो-
(प्रणम्य)
जो मुकदमे का प्रतिवाद करे-
(प्रतिवादी)
जो पहरा देने वाला हो-
(प्रहरी)
जो पूछने योग्य हो-
(प्रष्टव्य)
जो प्रिय बोलता हो-
(प्रियवादी)
जो दूसरे के अधीन हो-
(पराधीन)
जो प्रशंसा के योग्य हो-
(प्रशंसनीय)
जो अपनी मातृभूमि छोड़ विदेश में रहता हो-
(प्रवासी)
जो केवल फल खाकर निर्वाह करता हो-
(फलाहारी)
जो बुद्धि द्वारा जाना जा सके-
(बुद्धिजीवी)
जो भाग्य की धनी हो-
(भाग्यवान)
जो भू धारण करता है-
(भूतेश)
जो पृथ्वी के गर्भ (भीतर) के हाल/शास्त्र जानता हो-
(भूगर्भवेत्ता/भूगर्भशास्त्री)
जो पूर्व में था या हुआ पर अभी नही है –
(भूतपूर्व)
जो मछली का आहार करता है-
(मत्स्याहारी)
जो हाथों से मुक्त है अर्थात अधिक देने वाला-
(मुक्तहस्त)
जो एक स्थान पर टिक कर नहीं रहता-
(यायावर)
जो युद्ध में स्थिर रहता है-
(युधिष्ठिर)
जो क्रम के अनुसार हो-
(यथाक्रम)
जो रंग (नाट्य) का मंच (स्टेज) है-
(रंगमंच)
जो रथ पर सवार है-
(रथी)
जो राज्य या राजा से द्रोह करे-
(राजद्रोही)
जो राजनीति जानता है-
(राजनीतिज्ञ)
जो भूमि का हिसाब-किताब रखता हो-
(लेखपाल)
जो आसानी से पचता हो-
(लघुपाक)
जो वर्णन के बाहर हो-
(वर्णनातीत)
जो पूर्ण रूप से बहरा हो-
(वज्रबधिर)
जो मुकदमा दायर करता है-
(वादी /मुदई)
जो कोई वस्तु वहन करता है-
(वाहक)
जो अपने धर्म के विपरीत आचरण करता हो-
(विधर्मी)
जो विश्व भर का बंधु है-
(विश्वबंधु)
जो विषयों में आसक्त्त है-
(विषयासक्त)
जो विषय विचार में आ सकता है-
(विचारगम्य)
जो विश्वास करने योग्य हो-
(विश्वसनीय)
जो विश्व का हित चाहता है-
(विश्वहितैषी)
जो शक्ति का उपासक हो-
(शाक्त)
जो तेज चलता हो-
(शीघ्रगामी)
जो सुनने योग्य हो-
(श्रोतव्य/श्रवणीय)
जो सुनने में मधुर हो-
(श्रुतिमधुर)
जो संगीत जनता हो-
(संगीतज्ञ)
जो सबको एकसमान देखता है-
(समदर्शी)
जो किसी सभा का सदस्य हो-
(सभासद)
जो सबको प्यारा है-
(सर्वप्रिय)
जिसका कोई भय न हो- (निर्भय)
जिसका दमन कठिन हो- (दुर्दम्य/दुर्दात)
जिसका कोई आधार न हो- (निराधार)
जिसका कोई आश्रय न हो- (निराश्रय)
जिसका उदर लम्बा (बड़ा) हो- (लम्बोदर)
जिसका मूल नहीं है- (निर्मूल)
जिसका कोई अंग बेकार हो- (विकलांग)
जिसका आचार अच्छा हो- (सदाचारी)
जिसका कोई आकार हो- (साकार)
जिसका हृदय भग्न हो- (भग्नहृदय)
जिसका चिंतन किया जाना चाहिए- (चिंतनीय)
जिसकी चिकित्सा की जा सके- (चिकित्स्य)
जिसकी थाह न हो- (अथाह)
जिसकी सब जगह बदनामी- (कुख्यात)
जिसकी कोई उपमा न हो- (अनुपम)
जिसकी तीन भुजाएँ हो- (त्रिभुज)
जिसकी आयु बड़ी लम्बी हो- (दीर्घायु)
जिसको टाला न जा सके- (अनिवार्य, अटल)
जिसकी धर्म में निष्ठा हो- (धर्मनिष्ठ)
जिसकी पत्नी मर गई हो- (विधुर)
जिसका पति मर गया हो- (विधवा)
जिसकी सब जगह बदनामी- (कुख्यात)
जिसकी बहुत अधिक चर्चा हो- (बहुचर्चित)
जिसकी कोई उपमा न हो- (अनुपम)
जिसकी चार भुजाएँ हों- (चतुर्भुज)
जिसकी कल्पना की जा सके- अकल्पनीय
जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती- (अचिन्त्य)
जिसकी अपेक्षा (उम्मीद) हो- (अपेक्षित)
जिसकी गहराई की थाह न लग सके- (अथाह)
जिसकी परिभाषा देना संभव न हो- (अपरिभाषित)
जिसकी आशा न की जाय- (अप्रत्याशित)
जिसका कोई हिस्सा टूटकर अलग हो गया हो- (खंडित)
जिसकी बुद्धि कुश के अग्र (नोक) की तरह तेज हो- (कुशाग्रबुद्धि)
जिसकी घोषणा की गयी हो- (घोषित)
जिसकी बाँहें जानु (घुटने) तक पहुँचती हो- (आजानुबाहु)
जिसकी बाँहें अधिक लंबी हो- (प्रलंबबाहु)
जिसकी उपमा न दी जा सके- (निरुपम)
जिसकी आत्मा महान हो- (महात्मा)
जिसकी भुजाएँ बड़ी हो- (महाबाहु)
जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो- (सुग्रीव)
जिसकी कल्पनान की जा सके- (अकल्पनीय)
जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती- (अचिन्तनीय)
जिसकी आशा न की गई हो- (अप्रत्याशित)
जिसकी बाहुएँ दीर्घ है- (दीर्घबाहु)
जिसकी सीमा न हो- (असीम)
जिसकी पत्नी साथ में न हो- (विपत्नीक)
जिसकी सूचना राजपत्र में दी गयी हो- (राजपत्रित)
जिसकी जीविका बुद्धि के बल पर चलती हो- (बुद्धिजीवी)
जिसने इंद्रियों को जीत लिया हो- (जितेंद्रिय)
जिसने चित्त किसी विषय में दिया (लगाया) है- (दत्तचित)
जिसने ऋण चुका दिया हो- (उऋण) जिसने किसी विषय में मन लगा लिया हो- (दत्तचित)
जिसने गुरु से दीक्षा ली हो- (दीक्षित)
जिसने बहुत कुछ सुन रखा हो- (बहुश्रुत)
जिसने बहुत कुछ देखा हो- (बहुदर्शी)
जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त की है- (लब्धप्रतिष्ठ)
जिसने मृत्यु को जीत लिया है- (मृत्युंजय)जिसको प्राप्त करना बहुत कठिन हो- (दुर्लभ)
जिसको लाँघना कठिन हो- (दुर्लंघ्य)
जिसको रोकना या निवारण करना कठिन हो- (दुर्निवार)
जिसमे दया हो- (दयालु)
जिसमे धैर्य न हो- (अधीर)
जिसमे सहन शक्ति हो- (सहिष्णु)
जिसमे रस हो- (सरस)
जिसमे रस न हो- (नीरस)
जिसमे दया न हो- (निर्दय)
जिसमे शक्ति न हो- (अशक्त)
जिसमे शक्ति नहीं है- (अशक्त)
जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो- (अक्षम)
जिसमें सामर्थ्य नहीं है- (असमर्थ)
जिसमें ढाल हो- (ढालू/ढालवाँ)
जिसमें कोई दोष न हो- (निर्दोष)
जिसमें हानि या अनर्थ का भय न हो- (निरापद)
जिसमें तेज नहीं है- (निस्तेज)
जिसमें मल (गंदगी) न हो- (निर्मल)
जिसमें पाँच कोने हों- (पंचकोण)
जिसमें प्रतिभा है- (प्रतिभा)
जिसमें जाना या समझना कठिन हो- (दुर्गम)
जिसमें मल (गंदगी) हो- (मलिन)
जिसमें किसी प्रकार का विकार हो- (विकृत)
जिसमें सात रंग हो- (सतरंगा)
जिसपर विश्र्वास किया गया है- (विश्र्वस्त)
जिससे घृणा की जाए- (घृणित)
जिस हँसी से अट्टालिका तक हिल जाय- (अट्टहास)
जिस पर विचार न किया गया हो- (अविचारित)
जिस पर आक्रमण न किया गया हो- (अनाक्रांत)
जिस पर मुकदमा चल रहा हो-(अभियुक्त)
जिस पर कोई नियंत्रण न हो- (अनियंत्रित)
जिसे अधिकार दिया गया हो- (अधिकृत)
जिस पर निर्णय न हुआ हो- (अनिर्णीत)
जिस पर अनुग्रह किया गया हो- (अनुग्रहीत)
जिस पर किसी अन्य को कुछ अधिकार न हो- (एकाधिकार)
जिस लड़की का विवाह न हुआ हो- (कुमारी)
जिस भूमि में कुछ पैदा न होता हो- (ऊसर)
जिस पर किसी काम का उत्तरदायित्व हो- (उत्तरदायी)
जिस पर चिह्न लगाया गया हो- (चिह्नित)
जिस स्त्री के कभी संतान न हुई हो- (वंध्या (बाँझ))
जिस पर विश्वास न किया जा सके- (अविश्वनीय)
जिस स्त्री का धव (पति) मर गया है- (विधवा)
जिस पर विश्वास न किया जा सके- (अविश्वनीय)
जिस भूमि पर कुछ न उग सके- (ऊसर)
जिस पर अभियोग लगाया गया हो- (अभियुक्त)
जिस पर उपकार किया गया हो- (उपकृत)
जिस पुरुष की स्त्री मर गयी है- (विधुर)
जिस स्त्री को कोई सन्तान न हो- (वन्ध्या, बाँझ)
जिस पर लम्बी-लम्बी धारियाँ हों- (धारीदार)
जिस समय बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलती है- (दुर्भिक्ष)
जिस पर दिनांक (तारीख का अंक) लगाया गया हो- (दिनांकित)
जिस पर किसी प्रकार का अंकुश (नियंत्रण) न हो- (निरंकुश)
जिस स्थान पर अभिनेता अपना वेश-विन्यास करते हैं- (नेपथ्य)
जिस स्थान पर बैठकर माल खरीदा और बेचा जाता हो- (फड़)
जिस कागज पर मानचित्र, विवरण या कोष्ठक अंकित हो- (फलक)
जिस पर विश्वास न किया जा सके- (विश्वासघाती)
जिस पर विश्वास किया गया है- (विश्वस्त)
जिस स्त्री का पति जीवित हो- (सधवा)
जिसे क्षमा न किया जा सके- (अक्षम्य)
जिसे दंड का भय न हो- (उदंड)
जिसे गुप्त रखा जाए- (गोपनीय)
जिसे दस आनन (मुख) हैं- (दशानन (रावण))
जिसे बहुत कम ज्ञान हो, थोड़ा जानने वाला- (अल्पज)
जिसे जीता न जा सके- (अजेय)
जिसे देखकर डर (भय) लगे- (डरावना, भयानक)
जिसे क्षमा न किया जा सके- (अक्षम्य)
जिसे कभी बुढ़ापा न आये- (अजर)
जिसे कोई जीत न सके- (अजेय)
जिसे दंड का भय न हो- (उदंड)
जिस भूमि पर कुछ न उग सके- (ऊसर)
जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास न हो- (नास्तिक)
जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास हो- (आस्तिक)
जिसे भय नहीं है- (निर्भीक, निर्भय)
जिसे नहीं जीता जा सके- (अजेय)
जिसे या जिसका मूल नहीं है- (निर्मूल)
जिसे जानना चाहिए- (ज्ञातव्य)
जिसे पढ़ा न जा सके- (अपाठ्य)
जिसे भेदा (तोड़ा) न जा सके- (अभेद्य)
जिसे आश्वासन दिया गया हो- (आश्वस्त)
जिसे वाह्य जगत का ज्ञान न हो- (कुपमण्डूक)
जिसे त्याग देना उचित हो- (त्याज्य)
जिसे क्रय किया गया हो- (क्रीत)
जिसे समझना बहुत कठिन हो- (दुष्कर)
जिसे भेदना या तोड़ना कठिन हो- (दुर्भेद्य)
जिसे देश से निकाला गया हो- (निर्वासित)
जिसे कोई भ्रम या सन्देह न हो- ( निर्भ्रन्त)
जिसे कोई आकांक्षा न हो- (निःस्पृह)
जिसे मोक्ष की कामना हो- (मुमुक्षु)
जिसे देख या सुनकर रोम (रोंगटे) खड़े हो जायें- (रोमांचकारी)
जिसे सरलता से पढ़ा जा सके- (सुपाठ्य)
जिसे सताया गया हो- (दलित)
जहाँ पहुँचा न जा सके- (अगम्य)
जहाँ पहुँचना कठिन हो- (दुर्गम)
जहाँ लोगों का मिलन हो- (सम्मेलन)
जानने की इच्छा रखने वाला- (जिज्ञासु)
जहाँ नदियों का मिलन हो- (संगम)
जन्म भर- (आजन्म)
जहाँ जाना संभव न हो- (अगम)
जहाँ तक सध सके- (यथासाध्य)
जहाँ खाना मुफ्त मिलता है- (सदाव्रत)
जहाँ गमन (जाया) न किया जा सके- (अगम्य)
जहाँ तक हो सके- (यथासंभव)
जहाँ तक सध सके- (यथासाध्य)
जहाँ औषधि दानस्वरूप मिलती है- (दातव्य, औषधालय)
जीने की इच्छा- (जिजीविषा)
जानने की इच्छा-(जिज्ञासा)
जल में जन्म लेने वाला- (जलज)
जल में रहने वाले जीव-जन्तु- (जलचर)
जान से मारने की इच्छा- (जिघांसा)
जीतने की इच्छा- (जिगीषा)
जोतने का काम- (जुताई)
जेठ का पुत्र- (जेठौत)
जनता द्वारा संचालित शासन- (जनतन्त्र)
जन्म से सौ वर्ष का समय- (जन्मशती)
जमी हुई गाढ़ी चीज की मोटी तह- (थक्का)
जल में लगने वाली आग- (बड़वाग्नि)
जिनकी ग्रीवा (गर्दन) सुन्दर हो- (सुग्रीव)
जैसा चाहिए वैसा- (यथोचित)
युद्ध की इच्छा रखने वाला- (युयुत्सा)
यथार्थ (सच) कहनेवाला-( यथार्थवादी)
यात्रा करनेवाला- (यात्री)
जीवन भर- (आजीवन)
जीतने की इच्छा- (जिगीषा)
जारी किया गया आधिकारिक आदेश- (अध्यादेश)
जुआ खेलने का स्थान- (फड़)
जनता में प्रचलित सुनी-सुनाई बात- (किंवदंती)
जानने की इच्छा रखने वाला- (जिज्ञासु)
जनता द्वारा चलाया जाने वाला राज- (जनतंत्र)
जबरन नरक में धकेलना या बेगार- (आजू)
जल में जनमनेवाला- (जलज)
अनेक शब्दों के एक शब्द for class 3:
( झ )
झूठ बोलने वाला-(झूठा)
झमेला करनेवाला- (झमेलिया)
झूठा मुकदमा- (अभ्याख्यान)
झीं-झीं की तेज आवाज करने वाला कीड़ा- (झींगुर)
( त )
तत्त्त्तव को जानने वाला- (तत्त्त्तवज्ञ)
तप करने वाला- (तपस्वी)
तेज बुद्धिवाा- (कुशाग्रबुद्धि)
तीनों लोकों का स्वामी- (त्रिलोकी)
तेजवाला- (तेजस्वी)
तीन कालों की बात जानने वाला- (त्रिकालज्ञ)
तीन युगों में होने वाला- (त्रियुगी)
तीन नदियों का संगम- (त्रिवेणी)
तीन लोको का समूह- (त्रिलोक)
तैरने की इच्छा- (तितीर्षा)
तर्क के द्वारा जो माना गया हो- (तर्कसंगत)
तीन वेदों को जाननेवाला- (त्रिवेदी)
तीन कालों को देखने वाला- (त्रिकालदर्शी)
तीन माह में एक बार होने वाला- (त्रैमासिक)
तर्क के द्वारा जो सम्मत(माना जा चुका) है- (तर्कसम्मत)
तमो गुण का- (तामसिक)
तीन प्रहरों वाली रात- (त्रियामा)
तिनकों से बना घर- (उटज)
तट का जो भाग जल के भीतर हो- (अन्तरीप)
तेज गति से चलने वाला- (द्रुतगामी/तीव्रगामी)
( द )
दूर की सोचने वाला- (दूरदर्शी)
दुसरे देश से अपने देश में समान आना- (आयात)
दूसरों की बातों में दखल देना- (हस्तक्षेप)
दिल से होने वाला- (हार्दिक)
दया करने वाला- (दयालु)
दूसरों पर उपकार करने वाला- (उपकारी)
दूसरों के दोष को खोजने वाला- (छिद्रान्वेसी)
दूसरे के पीछे चलने वाला- (अनुचर)
दुखांत नाटक- (त्रासदी)
दर्द से भरा हुआ- (दर्दनाक)
देखने योग्य- (दर्शनीय)
दूसरों की बातों में दखल देना- (हस्तक्षेप)
दिल से होने वाला- (हार्दिक)
दो बार जन्म लेनेवाला- (द्विज)
दुःख देनेवाला- (दुःखद)
दर्शन के योग्य- (दर्शनीय)
दिन पर दिन- (दिनानुदिन)
द्रुपद की पुत्री- (द्रौपदी)
देखने योग्य- (दर्शनीय)
द्रुत गमन करनेवाला- (द्रुतगामी)
दाव (जंगल) का अनल (आग)- (दावानल)
दूसरों के गुणों में दोष ढूँढने की वृति का न होना- (अनसूया)
दोपहर के बाद का समय- (अपराह)
देश के लिए अपने प्राण देने वाला- (शहीद)
द्वार या आँगन के फर्श पर रंगों से चित्र बनाने या चौक पूरने की कला- (अल्पना)
दूसरे के हित में अपने आप को संकट में डालना- (आत्मोत्सर्ग)
देश में विदेश से माल आने की क्रिया- (आयात)
दूसरों की उन्नति को न देख सकना- (ईष्र्या)
दूसरों के दोषों को खोजना- (छिद्रान्वेषण)
दूसरों के दोषों को ढूँढने वाला- (छिद्रान्वेषी)
दिन रात ठाढ़े (खड़े) रहने वाले साधु- (ठाढ़ेश्वरी)
दस वर्षो का समय- (दशक)
दाव (जंगल) में लगने वाली आग- (दावानल)
दिन पर दिन- (दिनोंदिन)
दो बार जन्म लेने वाला- (द्विज)
देने की इच्छा- (दित्सा)
दैव या प्रारब्ध सम्बन्धी बातें जानने वाला- (देवज्ञ)
दिन के समय अपने प्रिय से मिलने जाने वाली नायिका- (दिवाभिसारिका)
दशरथ का पुत्र- (दशरथि)
देखने की इच्छा- (दिदृक्ष)
दण्ड दिये जाने योग्य- (दण्डनीय)
दो भाषायें बोलने वाला- (द्विभाषी)
दो वेदों को जाननेवाला- (द्विवेदी)
देवताओं पर चढ़ाने हेतु बनाया गया दही, घी, जल, चीनी, और शहद का मिश्रण- (मधुपर्क)
दूसरे के स्थान पर काम करने वाला- (स्थानापन्न)
दोपहर के बाद का समय- (अपराह्नन)
दैहिक, दैविक व भौतिक ताप या कष्ट- (त्रिताप)
दीवार पर बने हुए चित्र- (भित्तिचित्र)
दूसरे के मन की बात जाननेवाला- (अन्तर्यामी)
दूसरे के अन्दर की गहराई ताड़नेवाला- (अन्तर्दर्शी)
दूध पिलानेवाली धाय- (अन्ना)
देह का दाहिना भाग- (अपसव्य)
दर्पण जड़ी अँगूठी, जिसे स्त्रियाँ अँगूठे में पहनती हैं- (आरसी)
दो दिशाओं के बीच की दिशा- (उपदिशा)
दो बातों या कामों में से एक- (वैकल्पिक)
दूर से मन को आकर्षित करनेवाली गंध- (निर्हारी)
div style="font-size: large; text-align: justify;">दुःख, भय आदि के कारण उत्पत्र ध्वनि- (काकु)
द्वीप में जनमा- (द्वैपायन)
दक्षिण दिशा- (अवाची)
दो या तीन बार कहना- (आम्रेडित)
दागकर छोड़ा गया साँड़- (अंकिल)
दूसरे के हाथ में गया हुआ- (हस्तान्तरित)
( ध )
धरती और आकाश के बीच का स्थान- (अंतरिक्ष)
धन से संबंध रखने वाला- (आर्थिक)
धन के देवता- (कुबेर)
धर्म में रूचि रखने वाला- (धर्मात्मा)
ध्यान करने योग्य या लक्ष्य- (ध्येय)
धन देनेवाला (व्यक्ति या देवता)- (धनद, कुबेर)
धर्म में रूचि रखने वाला- (धर्मात्मा)
धूप से बचने का छाता- (आतपत्र) धर्म या शास्त्र के विरुद्ध कार्य- (अधर्म)
( न )
नापाक इरादे से की जाने वाली मन्त्रणा या साजिश- (दुरभिसन्धि)
नहीं मरनेवाला- (अमर)
नहीं खाने योग्य- (अखाद्य)
नव (अभी-अभी) जनमा हुआ- (नवजात)
न टूटने वाला- (अटूट)
नीचे की ओर मुख किये हुए- (अधोमुख)
नीचे की ओर लाना या खींचना- (अपकर्ष)
नाक से रक्त बहने का रोग- (नकसीर)
नख से शिखा तक के सब अंग- (नखशिख)
नष्ट होने वाला- (नश्वर)
नभ (आकाश) में विचरण करने वाला- (नभचर/खेचर)
नया उदित होने वाला- (नवोदित)
नदी से सींचा जानेवाला प्रदेश- (नदीमातृक)
नया-नया आया हुआ- (नवागन्तुक)
नगर में जन्म लेने वाला- (नागरिक)
निशि में विचरण करने वाला- (निशाचर)
निर्वाचन में अपना मत देने वाला- (निर्वाचक)
नए युग या प्रवृत्ति का निर्माण करने वाला- (युगनिर्माता)
नए युग या प्रवृत्ति का प्रवर्तन (लागू करने) वाला- (युगप्रवर्तक)
न बहुत शीत (ठंडा) न बहुत उष्ण (गर्म)- (समशीतोष्ण)
न हो सकने वाला- (अशक्य/असंभव)
नगर में रहनेवाला- (नागरिक)
नगर का रहनेवाला- (नागरिक, नागर)
नया (तुरंत का) जनमा हुआ- (नवजात)
निशा में विचरण करनेवाला- (निशाचर)
निन्दा करने योग्य- (निन्दनीय)
न्याय करने वाला- (न्यायाधीश)
नकल करने योग्य- (अनुकरणीय)
न कहने योग्य वचन- (अवाच्य)
नाटक में बड़ी बहन- (अत्तिका)
निंदा न किया हुआ- (अगर्हित)
नई योजना का सर्वप्रथम काम में लाने का उत्सव- (उद्घाटन)
नीति को जाननेवाला- (नीतिज्ञ)
नाटक का आदरणीय पात्र- (मारिष)
नाव से पार करने योग्य नदी- (नाव्य)
नींद पर विजय प्राप्त करनेवाला- (गुडाकेश)
नियम विरुद्ध या निन्दनीय कार्य करने वालों की सूची- (काली सूचि/ब्लैक लिस्ट)
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द फॉर क्लास ७:
( ट, ठ )
टाइप करने की कला- ( टंकण)
ठीक अपने क्रम से आया हुआ- (क्रमागत)
ठगों का मोदक/लड्डू जिसमें बेहोश करने वाली- (ठगमोदक/ठगलड्डू)
ठकठक करके बर्तन बनानेवाला- (ठठेरा)
ठठेरे की बिल्ली जो ठक ठक शब्द से न डरे- (ठठेरमंजारिका)
ठन ठन की आवाज- (ठनकार)
ठूसकर भरा हुआ- (ठसाठस)
ठहाका लगाकर हँसना- (अट्टहास)
ठीका लेनेवाला- (ठीकेदार)
( ड )
डंडी मारनेवाला- (डंडीमार)
डाका मारनेवाला- (डकैत)
डफली बजानेवाला- (डफालची /डफाली)
डाका मारने का काम- (डकैती)
ड्योढ़ी पर रहनेवाला पहरेदार- (ड्योढ़ीदार)
( ढ )
ढिंढोरा पिटने वाला- (ढिंढोरिया)
ढालने का काम- (ढलाई)
ढीला होने का भाव- (ढिलाई)
ढोंग रचनेवाला- (ढोंगी)
ढोलक बजानेवाला- (ढोलकिया)
( प )
पंद्रह दिन में एक बार होने वाला- (पाक्षिक)
पुत्र की वधू- (पुत्रवधू)
पुत्री का पुत्र- (दौहित्र/नाती)
पुत्र का पुत्र- (पौत्र)
पढ़ने योग्य- (पठनीय)
पति-पत्नी का जोड़ा- (दम्पति)
प्रतिदिन होने वाला-(प्रतिदिन)
पथ का प्रदर्शन करनेवाला- (पथप्रदर्शक)
प्रिय बोलने वाली स्त्री- (प्रियंवदा)
पूजने योग्य- (पूजनीय, पूज्य)
पुत्र की वधू- (पुत्रवधू)
पुत्र का पुत्र- (पौत्र)
पढ़ने योग्य- (पठनीय)
पाद (पैर) से मस्तक (सिर) तक- (आपादमस्तक)
पूछने योग्य- (प्रष्टव्य)
पर्ण (पत्ते) की बनी हुई कुटी- (पर्णकुटी)
प्रकृति सम्बन्धी- (प्राकृतिक)
पंक्ति में सबसे आगे खड़ा होने वाला- (अग्रसर)
परलोक का- (पारलौकिक)
परम्परा से चली आई हुई बात, उक्ति या कला- (अनुश्रुति)
पदार्थ का सबसे छोटा इन्द्रिय-ग्राह्य विभाग या मात्रा- (अणु)
पैर से लेकर सिर तक- (आपादमस्तक)
पूरब दिशा- (प्राची) पश्चिम दिशा- (प्रतीची) पूरब और उत्तर के बीच की दिशा- (ईशान)
पर्वत के पास की भूमि- (उपत्यका)
परब्रह्म का सूचक ‘ओं’ शब्द- (ओंकार)
पद, उम्र आदि के विचार से औरों से अपेक्षाकृत छोटा- (कनिष्ठ)
प्राचीन आदर्श के अनुकूल चलने वाला- (गतानुगतिका)
पृथ्वी की वह शक्ति जो सभी चीजों की अपनी ओर खींचती हो- (गुरुत्वाकर्षण)
पत्रों आदि को दूरस्थ स्थानों पर पहुँचाने वाली सेवा- (डाक सेवा)
पुलिस की बड़ी चौकी- (थाना)
पति-पत्नी का जोड़ा- (दम्पती)
पति के छोटे भाई की स्त्री- (देवरानी)
पंडितों में पंडित- (पंडितरा)
पथ का प्रदर्शन करने वाला- (पथ-प्रदर्शक)
पानी में डूबकर चलने वाली नाव- (पनडुब्बी)
पन्द्रह दिन में होने वाला- (पाक्षिक)
पीने की इच्छा- (पिपासा)
पिता की हत्या करनेवाला- (पितृहंता)
पिता की पिता- (पितामह)
पिता के पिता का पिता- (प्रपितामह)
प्राण देनेवाली औषधि- (प्राणदा)
पाप या अपराध करने पर दोषमुक्त होने के लिए किया जाने वाला धार्मिक या शुभ कार्य- (प्रायश्चित)
प्रिय बोलनेवाली स्त्री- (प्रियंवदा)
पिता से प्राप्त की हुई (सम्पत्ति)- (पैतृक)
प्रयोग में लाने योग्य- (प्रयोजनीय)
पर्वत की कन्या- (पार्वती)
पाने की इच्छा- (लिप्सा)
प्रतिकूल पक्ष का- (विपक्षी)
प्रतिदिन होने वाला- (दैनिक)
पर्वत पर चढ़ने वाला- (पर्वतारोही)
परीक्षा देने वाला- (परीक्षार्थी)
पर्वत के ऊपर की समभूमि- (अधित्यका)
पूर्णिमा की रात- (राका)
पृथ्वी को धारण करनेवाला- (महीधर)
पक्षियों का कलरव- (वाशित)
पानी से उठा हुआ किनारा- (पुलिन)
पीसे हुए चावल की मिठाई- (अँदरसा)
( फ )
फलनेवाला या फल (ठीक परिणाम) देनेवाला- (फलदायी)
फल-फूल खाने वाला- (शाकाहारी)
फेन से भरा हुआ- (फेनिल)
फेंककर चलाया जाने वाला हथियार- (अस्त्र)
( ब )
बुरा (दुर्) आग्रह- (दुराग्रह)
बुरे आचरण वाला- (दुराचारी)
बुरे चरित्र वाला- (दुश्चरित्र)
बच्चों के लिए काम की वस्तु- (बालोपयोगी)
बिलकुल बरबाद हो गया हो- (ध्वस्त)
बहुत तेज चलने वाला- (द्रुतगामी)
बिना वेतन का- (अवैतनिक)
बीता हुआ- (अतीत)
बेचनेवाला- (विक्रेता)
बिना आयास (परिश्रम) के- (अनायास)
बिना पलक गिराये- (एकटक)
बिना अंकुश का- (निरंकुश)
बिना पलक गिराये हुए- (अनिमेष)
बिना वेतन के कार्य करने वाला- (अवैतनिक)
बालक से वृद्ध तक- (आबालवृद्ध)
बेलों आदि से घिरा हुआ सुरम्य स्थान- (कुंज)
बहुत गप्पे हाँकनेवाला-(गपोड़िया)
बहुत सी घटनाओं का सिलसिला- (घटनावली, घटनाक्रम)
बरसात के चार महीने- (चतुर्मास)
बहुत डरनेवाला- (डरपोक)
बहुत दूर की बात पहले से ही सोच लेने वाला- (दूरदर्शी)
बहुत चंचल, दुष्ट और अपनी प्रशंसा करने वाला नायक- (धीरोद्धत)
बिना पलक गिराये हुए- (निर्निमेष)
बच्चा जनने वाली स्त्री- (प्रसूत)
बहुत-सी भाषाओं को बोलने वाला- (बहुभाषाभाषी)
बहुत-सी भाषाओं को जानने वाला- (बहुभाषाविद)
बहुत से रूप धारण करने वाला- (बहुरूपिया)
बहुत बोलने वाला- (बहुभाषी)
बच्चों को सुलाने के लिए गाया जाने वाला गीत- (लोरी)
बाल्यावस्था और युवावस्था के बीच का समय- (वयः सन्धि)
बिक्री करनेवाला- (विक्रेता)
बोलने की इच्छा- (विवाक्षा)
बिजली की तरह तीव्र वेग वाला- (विघुतवेग)
बिना माता-पिता का- (अनाथ)
बंधक रखा हुआ- (आधीकृत)
बुरी बुद्धिवाला- (कुबुद्धि)
बाँचनेवाला- (वाचक)
बोलनेवाला- (वक्ता)
बुरे मार्ग पर चलनेवाला- (कुमार्गगामी)
बिना तार की वीणा- (कोलंबक)
बालुकामय किनारा- (सैकत)
बिना विचार किए विश्वास करना- (अंधविश्वास)
बार-बार बोलना- (अनुलाप)
बेरों के जंगल में जनमा- (बादरायण)
बालक से लेकर वृद्ध तक- (आबालवृद्ध)
बच्चे को पहले-पहल अन्न खिलाना- (अन्नप्राशन)
बिजली की तरह कान्ति (चमक) वाला-(विधुत्प्रभ)
( भ )
भली प्रकार से सीखा हुआ-
(अभ्यस्त)
भलाई चाहने वाला-
(हितैषी)
भविष्य में होनेवाला-
(भावी)
भौहों के बीच का ऊपरी भाग-
(त्रिकुटी)
भोजन करने की इच्छा-
(बुभुक्षा)
भविष्य में होनेवाला-
(भावी)
भूतों का ईश्वर-
(भूतेश)
भेड़ का बच्चा-
(मेमना)
भलाई की इच्छा रखने वाला-
(हितैषी)
भूत-वर्तमान-भविष्य को देखने (जानने) वाले-
(त्रिकालदर्शी)
भारतवर्ष का उत्तरी भाग-
(आर्यावर्त)
भूख से व्याकुल-
(क्षुधातुर)
( म )
मास में एक बार आने वाला- (मासिक)
मांस न खाने वाला- (निरामिष)
मांस खाने वाला – (मांसाहारी)
मछली की तरह आँखों वाली- (मीनाक्षी)
मयूर की तरह आँखों वाली- (मयूराक्षी)
मरण तक- पेय
मिष्ट या मधुर भाषण करनेवाला- (मिष्टभाषी, मधुरभाषी)
मन की वृत्ति (अवस्था)- (मनोवृत्ति)
मरण तक- आमरण
मेघ की तरह नाद करनेवाला- (मेघनाद)
महीने के किसी पक्ष की चौथी तिथि- (चतुर्थी)
मूल बातों को संक्षेप में लिखना- (टिप्पणी)
मछली पकड़ने या बेचने वाली जाति विशेष- (धीवर)
मनन करने योग्य- (मननीय)
मित (कम)बोलने वाला- (मितभाषी)
माता की हत्या करनेवाला- (मातृहंता/मातृघाती)
मरने की इच्छा- (मुमूर्षा)
मुँह पर निकलने वाली फुंसियाँ- (मुँहासे)
मेघ की तरह नाद करनेवाला- (मेघनाद)
महल का भीतरी भाग- (अन्तःपुर)
मनपसन्द या नामांकित- (मनोनीत)
मांस आहार या भोजन करनेवाला- (मांसाहारी/मांसभोजी)
मोहजनित प्रेम- (आसक्ति)
माँ-बहन संबंधी गाली- आक्षारणा
मंत्र-द्वारा देवता को बुलाना- (आवाहन)
मध्य रात्रि का समय- (निशीथ)
मोक्ष या मुक्ति की इच्छा रखनेवाला- (मुमुक्षु)
मरने के करीब- (मुमूर्षु/मरणासन्न)
महान व्यक्तियों की मृत्यु- (निधन)
मनोहर गन्ध- (परिमल)
मुख को सुंगधित करनेवाला पान- (मुखवासन)
मछली रखने का पात्र- (कुवेणी)
मछली मारने का काँटा- (वडिश)
मानसिक भाव छिपाना- (अवहित्था)
मर्यादा का उल्लंघन करके किया हुआ- (अतिकृत)
मिठाई बनाने और बेचने वाला- (हलवाई)
( य )
यात्रा करनेवाला-
(यात्री)
यशवाला-
(यशस्वी)
युद्ध में स्थिर रहता है-
(युधिष्ठिर)
याचना करनेवाला-
(याचक)
युग का निर्माण करनेवाला-
(युगनिर्माता)
यात्रियों के लिए धर्मार्थ बना हुआ घर-
(धर्मशाला)
युद्ध का जहाज-
(युद्धपोत)
युद्ध की इच्छा रखने वाला-
(युयुत्सा)
यथार्थ (सच) कहनेवाला-
(यथार्थवादी)
( र )
राज्य के अधिपति द्वारा जारी किया गया वो आधिकारिक आदेश जो किसी विशेष समय तक ही लागू हो- (अध्यादेश)
रोगी की चिकित्सा करने वाला- (चिकित्सक)
रचना करने वाला- (रचयिता)
रात में घूमने वाला- (निशाचर)
रात और सन्ध्या के बीच की वेला- (गोधूलि)
राजनीतिज्ञों एवं राजदूतों की कला- (कूटनीति)
रात और सन्ध्या के बीच का समय- (गोधूलि)
रोगियों की चिकित्सा करने का स्थान- (चिकित्सालय)
रक्त में रँगा हुआ या भरा हुआ- (रक्तरंजित)
रात को दिखाई न देनेवाला रोग- (रतौंधी)
राष्ट्र का प्रमुख- (राष्ट्रपति)
राजा या राज्य के प्रति किया जाने वाला विद्रोह- (राजद्रोह)
( ल )
लौटकर आया हुआ-
(प्रत्यागत)
लोक का-
(लौकिक)
लेखक द्वारा लिखित अपनी जीवनी-
(आत्मकथा)
लाभ की इच्छा-
(लिप्सा)
लताओं से आच्छादित रमणीय स्थान-
(निकुंज)
लगातार घंटा बजने से होनेवाला शब्द-
(टनाटन)
( व )
विधानमंडल द्वारा पारित या स्वीकृत नियम- (अधिनियम)
वह पत्र, जिसमें किसी को कोई काम करने का अधिकार दिया जाय- (अधिपत्र)
वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला शुल्क- (अधिशुल्क)
वह स्त्री जिसका पति दूसरा विवाह कर ले- (अध्गूढा)
विद्या की देवी- (सरस्वती)
वर्षा का अभाव- (अनावृष्टि)
वह पत्र जिसमें किसी को कुछ करने का अधिकार दिया गया हो- (अधिपत्र)
वह स्त्री जिसका पति परदेश से लौटा हो- (आगतपतिक)
वह स्त्री जिसका पति आने वाला है- (आगमिस्यतपतिका)
वह जो अपने आचार से पवित्र है- (आचारपूत)
जहाँ गमन (जाया) न किया जा सके- (अगम्य)
वह कवि जो तत्क्षण कविता कर सके- (आशुकवि)
वह वस्तु जिसका उत्पादन हुआ हो- (उत्पाद)
वह व्यक्ति जो हाथ उठाए हो- (उध्र्वबाहु)
वह बात जो जनसाधरण में चलती आ रही है- (किंवदन्ती)
वह नायिका जो कृष्ण पक्ष में अपने प्रेमी से मिलने जाती हो- (कृष्णाभिसारिका)
वह नायिका जिसका पति रात को किसी अन्य स्त्री के पास रहकर प्रातः उसके पास आता हो- (खंडिता)
वह नाटक जिसमें गीत अधिक हों- (गीतरूपक)
वह कपड़ा जिससे कोई चीज झाड़ी जाय- (झाड़न)
वात, पित्त व कफ- (त्रिदोष)
विवाद या गुटबन्दी से अलग रहने वाला- (तटस्थ/गुटनिरपेक्ष)
विवाह के पश्चात वधू का ससुराल में दूसरी बार आना- (द्विरागमन)
वह स्त्री जिसके पति ने त्याग (छोड़) दिया हो- (परित्यक्ता)
वह शासन प्रणाली जिसमें जन साधारण का शासन हो- (प्रत्युत्पन्नमति)
वह जिससे प्रेम किया जाय- (प्रेमपात्र)
वह नायिका जिसका पति विदेश जाने को है- (प्रवत्स्यपतिका)
वह स्त्री जिसका पति प्रोषित (परदेश गया) हो- (प्रोषितपतिका)
वह पात्र जिसमें शोभा के लिए फूल लगाकर रखे जाते है- (फूलदान)
वह स्त्री जिसमें पृथ्वी के स्वरूप का वर्णन हो- (भूगोल)
वें बातें जो पुस्तक के आरंभ में लिखी जाय- (भूमिका/प्राक्कथन)
वह स्थिति जब मुद्रा का चलन अधिक हो- (मुद्रास्फीति)
वह पूँजी जो सम्पत्ति आदि के रूप में हो- (रिक्थ)
वह काव्य जिसका अभिनय किया जाय- (रूपक)
वह शासन प्रणाली जो जनता द्वारा जनता के हित के लिए हो- (लोकतंत्र)
वसुदेव के पुत्र- (वासुदेव)
वासुदेव के पिता- (वसुदेव)
वाडव (सागर) का अनल (आग)- (वाडवानल)
विश्व का पर्यटन करनेवाला- (विश्वपर्यटक)
विधि (कानून) के द्वारा प्राप्त- (विधिप्रदत)
वेतन पर काम करने वाला- (वैतनिक)
विष्णु का भक्त या विष्णु संबंधी- (वैष्णव)
विष्णु का शंख- (पाञ्चजन्य)
विष्णु का चक्र- (सुदर्शन)
विष्णु की गदा- (कौमोदकी)
विष्णु की तलवार- (नन्दक)
विष्णु की मणि- (कौस्तुभ)
विष्णु का धनुष- (शांर्ग)
विष्णु का सारथि- (दारुक)
विष्णु का छोटा भाई- (गद)
वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाये जाते है- (श्मशान)
वह पुरुष जिसकी पत्नी साथ है- (सपत्नीक) विष्णु का उपासक या विष्णु से सम्बद्ध- (वैष्ण्व)
(विदेश में) प्रवास करनेवाला- (प्रवासी)
वह जिसकी दृष्टि दूर तक जाय- (दूरदर्शी)
वह जिसकी प्रतिज्ञा दृढ हो- (दृढ़प्रतिज्ञ)
विधि (कानून ) द्वारा प्रदत्त (प्राप्त)- (विधिप्रदत्त)
वृष्टि का अभाव- (अनावृष्टि)
विश्र्वास के योग्य – (विश्र्वसनीय)
विद्या की चाह रखने वाला- (विद्यार्थी)
वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाये जाते है- (श्मशान)
(वह पुरुष) जिसकी पति साथ है- (सपतीक)
(वह स्त्री) जिसे पति छोड़ दे- (परित्यक्ता)
वह पहाड़ जिससे आग निकलती हो- (ज्वालामुखी)
विदेश से वस्तुयें मँगाना- (आयात)
वृद्धावस्था से घिरा हुआ- (जराक्रान्त)
वर्षा के जल से पालित- (देवमातृक)
वर्षा सहित तेज हवा- (झंझावात)
व्यक्तिगत आजादी- (स्वतंत्रता)
वीर पुत्रों को जन्म देनेवाली- (वीरप्रसूता)
वीरों द्वारा भोगी जानेवाली- (वीरभोग्या)
विमान चलानेवाला- (वैमानिक)
विनोबा के मत को माननेवाला- (सर्वोदयी)
वृक्षों को जल से थोड़ा सींचना- (आसेक)
वह व्यक्ति जिसके एक के ऊपर दूसरा दाँत हो- (अधिकदन्ती)
वह गणित जिसमें संख्याओं का प्रयोग हो- (अंकगणित)
( श, स )
शीघ्र नष्ट होने वाला-
(क्षणभंगुर)
सब कुछ जानने वाला-
(सर्वज्ञ)
सौतेली माँ-
(विमाता)
सब कुछ भक्षण करनेवाला-
(सर्वभक्षी)
सप्ताह में एक बार होने वाला-
(साप्ताहिक)
साहित्य से सम्बन्ध रखने वाला-
(साहित्यिक)
सत्य बोलने वाला-
(सत्यवादी)
सुख देनेवाला-
(सुखद)
समान उदर से जन्म लेनेवाला-
(सहोदर)
साहित्य से सम्बद्ध- (साहित्यिक)
शक्ति के अनुसार-
(यथाशक्ति)
सबसे प्रिय-
(प्रियतम)
सुनने योग्य-
(श्रवणीय)
समान (एक ही)उदर से जन्म लेनेवाला-
(सहोदर)
सुन्दर हृदयवाला-
(सुहृद)
स्त्री-पुरुष का जोड़ा-
(दम्पति)
स्वेद से उत्पत्र होनेवाला-
(स्वेदज)
शिव का उपासक या शिव से सम्बद्ध-
(शैव)
शक्ति का उपासक या शक्ति से सम्बद्ध-
(शाक्त)
समाचार पत्र का मुख्य (सम्पादकीय) लेख-
(अग्रलेख)
सीमा का अनुचित उल्लंघन-
(अतिक्रमण)
सर्वाधिकार सम्पन्न शासक या अधिकारी-
(अधिनायक)
सरकार द्वारा प्रकाशित या सरकारी बजट में छपी सूचना-
(अधिसूचना)
संसार में सबका प्रिय-
(लोकप्रिय)
शरीर के लिए जितना धन आवश्यक हो उससे अधिक न लेना-
(अपरिग्रह)
शरीर का कोई भाग-
(अवयव)
सरकार द्वारा दूसरे देश की तुलना में अपने देश की मुद्रा का मूल्य कम कर देना-
(अवमूल्यन)
सीमा का उल्लंघन करना-
(अतिक्रमण)
सामाजिक एवं प्रशासनिक अनुशासन की क्रूरता से उत्पत्र स्थिति-
(आतंक)
सर्वप्रथम मत को प्रवर्तित करने वाला-
(आदिप्रवर्तक)
सेतुबंध रामेश्वरम से हिमालय तक-
(आसेतुहिमालय)
सूर्य जिस पर्वत के पीछे निकलता है-
(उदयाचल)
सूर्योदय से पहले का समय-
(उषाकाल)
सारे संसार के देशों की खेल प्रतियोगितायें-
(ओलम्पिक)
सेना में रहने का स्थान-
(छावनी)
सहसा छिपकर आक्रमण करने वाला-
(छापामार)
सिक्के ढालने का कारखाना-
(टकसाल)
स्थल या जल का वह तंग या पतला भाग जो स्थल या जल के दो बड़े खंडों को मिलाता है-
(डमरूमध्य)
सत्व, रज व तम-
(त्रिगुण)
स्वर्गलोक, मृत्युलोक और पाताललोक-
(त्रिभुवन/त्रिलोक)
शीतल, मन्द व सुगन्धित वायु-
(त्रिविधवायु)
स्त्री-पुरुष का जोड़ा/पति-पत्नी का जोड़ा-
(दम्पती)
सदा प्रसन्न रहने वाली या कला-प्रेमी नायक-
(धीरललित)
शक्तिशाली, दयालु और योद्धा नायक-
(धीरोदात्त)
शासकीय अधिकारियों का शासन-
(नौकरशाही)
शरीर के एक पार्श्व का लकवा-
(पक्षाघात)
समान रूप से आगे बढ़ने की चेष्टा-
(प्रतिस्पर्द्धा)
स्पष्टीकरण के लिए दिया जाने वाला वक्तव्य-
(विवृति)
सौ वर्ष का समय-
(शताब्दी)
शत्रु का नाश करने वाला-
(शत्रुघ्न)
सौ में सौ-
(शतप्रतिशत)
शयन (सोने) का आगार (कमरा)-
(शयनागार)
शरण में आया हुआ-
(शरणागत)
सदैव रहने वाला-
(शाश्वत)
सिर पर धारण करने योग्य-
(शिरोधार्य)
संगीत के छः राग-
(षटराग)
सोलह वर्ष की लड़की-
(षोडशी)
सड़ी हुई वस्तु की गन्ध- (सड़ांध)
सहन करना जिसका स्वभाव है-
(सहनशील)
सबको जीतने वाला-
(सर्वजीत)
सब कुछ खाने वाला-
(सर्वभक्षी)
सत्य के प्रति आग्रह-
(सत्याग्रह)
समान वयवाला-
(समवयस्क)
सब लोगों से सम्बन्ध रखने वाला-
(सार्वजनिक)
सरस्वती का भक्त या सरस्वती से संबद्ध-
(सारस्वत)
सब कालों में होनेवाला-
(सार्वकालिक)
सब देशों से सम्बद्ध-
(सार्वदेशिक)
समस्त पृथ्वी से सम्बन्ध रखने वाला-
(सार्वभौमिक)
साहित्य से सम्बन्धित-
(साहित्यिक)
सिंह का बच्चा-
(सिंहशावक)
सुन्दर हृदय वाला-
(सुहृदय)
स्वेद (पसीने) से उत्पन्न होने वाला-
(स्वेदज)
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद का-
(स्वातन्त्र्योत्तर)
समय से संबंधित-
(सामयिक)
शीघ्र चलने वाला-
(द्रुतगामी)
शयन करने की इच्छा-
(सुषुप्सा)
सिर से लेकर पैर तक-
(आपादमस्तक)
स्वप्न में बकझक करना-
(उचावा)
शासन हेतु नियमों का समूह-
(संविधान)
सोने-जैसे रंगवाला-
(सुनहला)
सत गुण का-
(सात्त्विक)
सीपी, बाँसी, सूकरी, करी, धरी और नरसल से बनी माला-
(बैजयन्तीमाला)
समान समय में होनेवाला-
(समसामयिक)
सोलह कलाओं से युक्त चाँद-
(राका)
सफेदी लिए हुए लाल रंग-
(पाटल)
स्थिर रहनेवाली वस्तु-
(स्थावर)
श्रद्धा से जल पीना-
(आचमन)
सेना के आगे लड़नेवाला योद्धा-
(अग्रयोद्धा )
शीघ्रता का अभाव-
(अत्वरा)
स्वर्ग की वेश्या-
(अप्सरा)
सोना, चाँदी पर किया गया रंगीन काम-
(मीनाकारी)
( ह )
हाथी को हाँकने का लोहे का हुक-
(अंकुश)
हिंसा करने वाला-
(हिंसक)
हित चाहने वाला-
(हितैषी)
हित न चाहनेवाला-
(अनहितू)
हाथ से लिखा हुआ-
(हस्तलिखित)
हमेशा सत्य बोलने वाला-
(सत्यवादी)
हाथ में चक्र धारण करनेवाला-
(चक्रपाणि)
हवा में मिली हुई धूल या भाप के कारण होने वाला अँधेरा-
(धुन्ध)
हाथ का लिखा हुआ-
(हस्तलिखित)
हृदय को विदीर्ण करने वाला-
(हृदयविदारक)
हंस के समान सुंदर मंद गति से चलने वाली स्त्री-
(हंसगामिनी)
हत्या करनेवाला-
(हत्यारा)
हाथ की लिखी पुस्तक या मसौदा-
(पांडुलिपि)
होठों पर चढ़ी पान की लाली-
(अधरज)
हिन्द की भाषा-
(हिन्दी)
( क्ष त्र ज्ञ )
क्षमा पाने योग्य-
(क्षम्य)
क्षण भर में भंग (नष्ट) होनेवाला-
(क्षणभंगुर)
क्षुधा से आतुर-
(क्षुधातुर)
ऋषियों के रहने का स्थान-
(आश्रम)
ऋण के रूप में आर्थिक सहायता-
(तकावी)
ज्ञान देने वाली-
(ज्ञानदा)
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण (IMP)
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
1. जिसके शेखर पर चंद्र हो –
चंद्रशेखर
2. ग्रीवा सुंदर हो -
सुग्रीव
3. जिसका कोई शत्रु नहीं जन्मा हो -
अजातशत्रु
4. जिसका पति मर गया है -
विधवा
5. जिसका पति जीवित है -
सधवा
6. जो कुछ नहीं जानता है -
अज्ञ
7. जो नया आया हुआ हो-
नवागंतुक
8. जो उपकार को मानता है-
कृतज्ञ
9. जो उपकार को नहीं मानता है-
कृतघ्न
10. जो बहुत बोलता है -
वाचाल
11. इंद्रियों को जीतने वाला -
जितेंद्रिय
12. जो यु द्ध में स्थिर रहता है -
युधिष्ठिर
13. जो मुकदमा दायर करता है -
वादी
14. जो बहुत कठिनाई से मिलता है -
दुर्लभ
15. आँखों के सामने -
प्रत्यक्ष
16. आँखों से परे -
परोक्ष
17. जो शत्रु की हत्या करता है -
शत्रुघ्न
18. जो व्याकरण जानता है -
वैयाकरण
19. पाद से मस्तक तक -
आपादमस्तक
20. क्षण भर में भंग होने वाला -
क्षणभंगुर
21. आदि से अंत तक -
आद्योपांत
21. जो दायर मुकदमे का प्रतिवाद करे -
प्रतिवादी
22. जहाँ खाना मुफ्त मिलता है-
सदाव्रत
23. जो मोक्ष चाहता हो -
मुमुक्षु
24. जिसकी बुद्धि कुश के अग्र की तरह पैनी हो –
कुशाग्रबुद्धि
25. जिसकी पत्नी मर गई हो-
विधुर
26. जिसने किसी विषय में चित्त लगाया है -
दत्तचित्त
27. जो कठिनाई से भेदा जा सके -
दुर्भेद्य
28. खाने की इच्छा -
बुभुक्षा
29. जो बाएँ हाथ से सधा हुआ हो -
सव्यसाची
30. समान उदर से जन्म लेने वाला -
सहोदर
31. याचना करने वाला -
याचक
32. जहाँ नदियों का मिलन हो -
संगम
33. जो धर्म के अनुसार आचरण करता है -
धर्मात्मा
34. सबको समान दृष्टि से देखने वाला -
समदर्शी
35. जहाँ लोगों का मिलन होता है -
सम्मेलन
36. जो अनुकरण करने योग्य हो -
अनुकरणीय
37 . जंगल की आग -
दावानल
38. पर्ण की बनी हुई कुटी -
पर्णकुटी
39. अभी-अभी जन्मा हुआ -
नवजात
40. जो फल आहार करता है -
फलाहारी
41. जो मांस खाता है -
मांसाहारी
42. जो स्त्री कविता लिखती है -
कवयित्री
43. जो नष्ट होने वाला है-
नश्वर
44. जो मांस नहीं खाता है -
निरामिष
45. जो देखा नहीं जा सके -
अदृश्य
46. जो कम बोलता है-
अल्पभाषी
47. जो वचन से प रे होता है -
वचानातीत
48. म न को हर लेने वाला -
मनोहर
49 . जो पढ़ना-लिखना जाता है -
साक्षर
50. जन्म से अंधा है जो -
जन्मांध
51. जानने की इच्छा रखने वाला -
जिज्ञासु
52. जो कानून के विरुद्ध हो -
गैरकानूनी
53. जो इस लोक का न हो -
अलौकिक
54. जिसके हाथ में वीणा हो -
वीणापाणि
55. जिसके आने की तिथि ना मालूम हो -
अतिथि
56. जो पहले जन्मा हो -
अग्रज
57. जो बाद में जन्मा हो -
अनुज
58. जिसके हृदय में ममता नहीं हो -
निर्मम
59. जिसके समान कोई दूसरा न हो-
अद्वितीय
60. जिसके आर-पार देखा जा सके -
पारदर्शक
61. जो पृथ्वी से संबद्ध है-
पार्थिव
62. जिसका निवारण नहीं किया जा सकता है-
अनिवार्य
63. जिसकी कोई उपमा ना हो-
अनुपम
64. जो अल्प जानता है-
अल्पज्ञ
65. जो बीत चुका है-
अतीत
66. जो शिव का उपासक है -
शैव
67.जो विष्णु का उपासक है -
वैष्णव
68.जो उच्च कुल में जन्म लिया हो-
कुलीन
69. जो कभी बूढ़ा न हो -
अजर
70. जिसे समझना कठिन हो -
दुर्बोध
71. दिन में एक बार होने वाला -
पाक्षिक
72. वर्ष में एक बार होने वाला -
वार्षिक
73.सप्ताह में एक दिन होने वाला -
साप्ताहिक
74. जानने की इच्छा रखने वाला -
जिज्ञासु
75. जिसका कोई आकार न हो -
निराकार
76. जो देखने में अच्छा हो -
प्रियदर्शी
77. जो पहले हो चुका हो -
भूतपूर्व
78. जो प हले क भी न हीं हुआ हो -
अभूतपूर्व
79. दिन में एक बार होने वाला -
दैनिक
80. जो सब जगह मौजूद हो -
सर्वव्यापी
81. जो ईश्वर में विश्वास रखता हो -
आस्तिक
82. जो ईश्वर में विश्वास नहीं रखता हो -
नास्तिक
83. जहाँ पहुँच ना कठिन हो -
दुर्गम
84. जहाँ पहुँचा न जा सके -
अगम
85. जो अपने स्थान से न टले-
अटल
86. जो दिखाई न दे-
अदृश्य
87. जिसे जीता न जा सके -
अजय
88. जिसका कोई पार न हो-
अपार
89. जिसका आरंभ न हो-
अनादि
90. जो कभी बूढ़ा न हो -
अजर
91. काम से जी चुराने वाला -
कामचोर
92. सत्य के लिए किया गया आग्रह -
सत्याग्रह
93. निशा में विचरण करता है जो-
निशाचर
94. आकाश को चूमने वाला -
आकाशचुम्बी
95. जो विज्ञान के तथ्यों की खोज करता है-
वैज्ञानिक
96. जो दूर की दृष्टि रखता है -
दूरदर्शी
97. जो अत्यंत कष्ट से निवारण किया जाए-
दुर्निवार
98. जिसके हृदय में दया न हो -
निर्दयी
99. अंडे से जन्म लेने वाला -
अंडज
100. जो सुन्दर ह्रदय वाला है -
सुहृद
The study material has been prepared to understand Hindi grammar in an easy way by which you can learn Hindi meaning. Grammar is an integral part of any language that is why to learn Hindi grammar. The comprehension of language grows only through grammar. It is important to guide the students about learn basic Hindi in an interesting and curious manner. It is the need of today to study in simple language while combining it with different subjects. Learn basic Hindi words related to all subjects.It is also important to build a foundation for the preparation of competitive exams. Learn Hindi for kids and kids also learn Hindi.
हिंदी व्याकरण को आसान तरीके से समझने के लिए अध्ययन सामग्री को निर्मित किया गया है . व्याकरण किसी भी भाषा का अभिन्न अंग होता है . भाषा की समझ व्याकरण से ही बढ़ती है . विद्यार्थियों को रुचिकर और उत्सुकता बढ़ाने वाले ढंग से मार्गदर्शन देना जरुरी है . सरल भाषा में विभिन्न विषयों के साथ संयोजन करते हुए पढ़ाई करना आज की आवश्यकता है . प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी के लिए आधार बनाना भी जरुरी है . बच्चों के लिए हिंदी सीखें और बच्चे भी हिंदी सीखें.
जय हिद
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