vachya in hindi | वाच्य |

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Voice in Hindi | Use of Voice in Hindi | Types of Voice | Examples of Voice


Vachya in Hindi | Voice in Hindi, Meaning of Voice in Hindi, Definition, 

Voice in Hindi
Vachya in Hindi 

इस प्रस्तुतीकरण में आप वाच्य और वाच्य के भेदों को उदहारण सहित समझेंगे . वाच्य का अर्थ है- ‘बोलने का विषय।’ 


  • वाक्य किस तरह से बोला जा रहा है ? 
  • क्या वाक्य में कर्ता की प्रधानता है ? 
  • क्या वाक्य में कर्म  की प्रधानता है ?  
  • क्या वाक्य में क्रिया ( भाव ) की प्रधानता है ? 
उपरोक्त  बातें वाच्य से पता चलती हैं .
वाच्य किसे कहते हैं? 
वाच्य के कितने भेद हैं? 
वाच्य-परिवर्तन कैसे होता है ?
    • कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में किस तरह बदला जाता है?
    • कर्मवाच्य को भाववाच्य में किस तरह बदला जाता है? 
वाच्य के उदाहरण 
वाच्य परिवर्तन के उदाहरण ; इन सब बातों की क्रमबद्ध तरीके से चर्चा करेंगे .
 


cbse class 10 hindi a  वाच्य

क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि उसके द्वारा किए गए विधान का विषय कर्ता है, कर्म है या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।

(क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि उसके प्रयोग का आधार कर्ता, कर्म या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। ) ( कर्ता, कर्म, अथवा भाव में से कौन प्रमुख है ?)

वाच्य, क्रिया के उस रूपान्तरण को कहते हैं जिससे यह ज्ञात होता है कि वाक्य में क्रिया कर्ता के साथ है, कर्म के साथ अथवा इन दोनों में से किसी के भी साथ न होकर केवल क्रिया के कार्य व्यापार (भाव) की प्रधानता है।


जैसे -

वह निबंध लिखता है।

उसके द्वारा निबंध लिखा जाता है।

उससे लिखा नहीं जाता।


'वह निबंध लिखता है।' वाक्य में लिखना क्रिया का संबंध कर्ता  'वह'  से है। 
'उसके द्वारा निबंध लिखा जाता है।'  वाक्य में कर्म प्रधान है। जिसमें निबंध  (कर्म) उद्देश्य के स्थान पर आया है और इसी की प्रधानता है।
‘उससे  लिखा नहीं जाता’ वाक्य में क्रिया का संबंध न तो कर्ता से है और न ही कर्म से, इसका सम्बन्ध भाव से है।


वाच्य में तीन की प्रधानता होती है

1. कर्ता

अर्जुन  क्रिकेट खेलता है।
(क्रिया 'कर्ता' के अनुसार)

2. कर्म

अर्जुन  द्वारा क्रिकेट खेला जाता है।
(क्रिया 'कर्म' के अनुसार)

3. भाव

अर्जुन से दौड़ा नहीं जाता।
(क्रिया 'भाव' के अनुसार)


types of voice in hindi

 वाच्य के भेद 


हिंदी में वाच्य के तीन भेद  हैं –

1.कर्तृवाच्य

2. कर्मवाच्य (
अकर्तृवाच्य)

3. भाववाच्य (अकर्तृवाच्य)


Types of Voice in Hindi with example

1. कर्तृवाच्य- 

जिस वाक्य में कर्ता की प्रमुखता होती है अर्थात क्रिया का प्रयोग कर्ता के लिंग, वचन, कारक के अनुसार होता है और इसका सीधा संबंध कर्ता से होता है वहाँ  कर्तृवाच्य होता है।
                                                                                                                                               जब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष, कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हों, तो कर्तृवाच्य कहलाता है।

सरल शब्दों में - क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। इसमें लिंग एवं वचन प्रायः कर्ता के अनुसार होते हैं।

उदाहरण -

  • मोहन सेव  खाता है।
  • दीक्षा कविता  पढ़ती  है।

इन दोनों वाक्यों में कर्ता प्रधान है तथा उसी के लिए 'खाता है' तथा 'पढ़ती  है' क्रियाओं का प्रयोग हुआ है, इसलिए यहाँ कर्तृवाच्य है।



  • लड़कियाँ  बाजार जा रही हैं ।
  •  मैं  रामायण पढ़ रही हूँ ।
  • कुसुम  खाना खाकर सो गई।



कर्तृवाच्य में अकर्मक और सकर्मक दोनों प्रकार की क्रिया का प्रयोग किया जाता है; जैसे –

कर्ता के अपनी सामर्थ्य या क्षमता दर्शाने के लिए सकारात्मक वाक्यों में क्रिया के साथ 'सकता /सकती ' का  प्रयोग किया जाता है; 
जैसे –

  • मैं संस्कृत पढ़-लिख सकता हूँ।
  • यह कलाकार धार्मिक गीतों के अलावा लोकगीत भी गा सकता है।
  • ऐसा सुंदर मफलर गीता  ही बुन सकती है।
  • यही मज़दूर इस भारी चट्टान  को हटा सकता है।


कर्तृवाच्य के वाक्यों को कर्मवाच्य और भाववाच्य में बदला जा सकता है। कर्तृवाच्य में कर्ता की असमर्थता दर्शाने के लिए क्रिया एवं नहीं के साथ सकता/सकती का भी प्रयोग किया जा सकता है;
जैसे –

  • मैं तेलुगु भाषा नहीं लिख सकता हूँ।
  • यह तगड़ा आदमी तेज़ नहीं दौड़ सकता है।
  • बच्चे आज खेलने उद्यान  नहीं जा सकते हैं।
  • मोहन यह प्रश्न  हल नहीं कर सकता है।


2. कर्मवाच्य-

जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है तथा क्रिया का प्रयोग कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होता है और कर्ता की स्थिति में स्वयं कर्म होता है, वहाँ कर्मवाच्य होता है।

जब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष, कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हों , तो कर्मवाच्य कहलाता है .

क्रिया के उस रूपान्तर को कर्मवाच्य कहते हैं जिससे यह ज्ञात हो कि वाक्य में कर्ता की प्रमुखता न होकर कर्म की प्रमुखता है।

सरल शब्दों में - क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं या जहाँ क्रिया का संबंध सीधा कर्म से हो तथा क्रिया का लिंग तथा वचन कर्म के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं।

उदाहरण -

राधा ने दूध पीया।
आशा ने पत्र लिखा।

- पहले वाक्य में 'राधा ' (कर्ता) स्त्रीलिंग है परन्तु ‘पीया’क्रिया का एकवचन, ‘पुल्लिंग’रूप ‘दूध’(कर्म) के अनुसार आया है।

- दूसरे वाक्य में भी 'आशा' (कर्ता) स्त्रीलिंग है परन्तु ‘लिखा’क्रिया का एकवचन, ‘पुल्लिंग’रूप ‘पत्र’(कर्म) के अनुसार आया है।

अतः स्पष्ट है कि यहाँ कर्मवाच्य है।
ध्यान रखने योग्य बात यह है कि कर्मवाच्य सदैव सकर्मक क्रिया का ही होता है।

जैसे –

  • मोहन के द्वारा लेख लिखा जाता है।
  • हलवाई द्वारा मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।
  • चित्रकार द्वारा चित्र बनाया जाता है।
  • रूपा द्वारा कढ़ाई की जाती है।
उपर्युक्त वाक्यों में क्रिया का प्रयोग कर्ता के अनुसार न होकर इनके कर्म के अनुसार हुआ है, अतः ये कर्मवाच्य हैं।

  • लड़कियों द्वारा बाजार जाया जा रहा है।
  • मेरे द्वारा महाभारत पढ़ी जा रही है।
  • आरती  से पुस्तक पढ़ी गई।

कर्मवाच्य-कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य

- कर्मवाच्य में कर्म उपस्थित रहता है और क्रिया सकर्मक होती है।

- कर्मवाच्य के वाक्यों में प्रायः क्रिया ‘जा’ का रूप लगाया जाता है |

- इस वाच्य में कर्ता के बाद 'से' या 'के द्वारा' का प्रयोग किया जाता है; जैसे –

तुलसीदास द्वारा रामचरितमानस की रचना की गई। (कर्ता + द्वारा)

नौकर से कटोरा  टूट गया। (कर्ता + से)

- कभी-कभी कर्ता का लोप रहता है; जैसे –

पेड़ लगा दिए गए हैं। 
पत्र भेज दिया गया है।

- कर्मवाच्य में असमर्थता सूचक वाक्यों में ‘के द्वारा’ के स्थान पर ‘से’ का प्रयोग किया जाता है। ऐसा केवल नकारात्मक वाक्यों में किया जाता है; जैसे –

मुझसे अंग्रेज़ी नहीं बोली जाती। 
मज़दूर से यह भारी पत्थर नहीं उठाया गया।


- कर्मवाच्य का प्रयोग निम्नलिखित स्थानों पर भी किया जाता है –

(i) कार्यालयी या कानूनी प्रयोग में –

सीट बेल्ट न लगाने  वालों को दंडित किया जाएगा।
चालान घर भिजवा दिया जाएगा।

(ii) अशक्तता दर्शाने के लिए; जैसे –

अब दवा भी नहीं पी जाती।
अब तो रोटी भी नहीं चबाई जाती।

(iii) जब सरकार या सभा स्वयं कर्ता हो; जैसे –

प्रत्येक घायल को सत्तर  हजार रुपये दिए जाएँगे।
चाँवल  के निर्यात का फ़ैसला कर लिया गया है।

(iv) जब कर्ता ज्ञात न हो; जैसे –

पर्यावरण की सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पत्र भेज दिया गया है।

(v) अधिकार या घमंड का भाव दर्शाने के लिए; जैसे

ऐसा खाना हमसे नहीं खाया जाता।
माली  को बुलाया जाए।


3. भाववाच्य – 

इस वाच्य में कर्ता अथवा कर्म की नहीं बल्कि भाव अर्थात् क्रिया के अर्थ की प्रधानता होती है; 

जब वाक्य की क्रिया के लिंग, वचन और पुरुष कर्ता अथवा कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार न होकर एकवचन, पुंलिंग तथा अन्य पुरुष हो, तो भाववाच्य कहलाता है।

क्रिया के जिस रूप में न तो कर्ता की प्रधानता हो, न कर्म की, बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान हो, वहाँ भाववाच्य होता है। इसमें मुख्यतः अकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है और साथ ही प्रायः निषेधार्थक वाक्य ही भाववाच्य में प्रयुक्त होते हैं। इसमें क्रिया सदैव पुल्लिंग, अन्य पुरुष के एक वचन की होती है।

उदाहरण -

मरीज से हिला  नहीं जाता।
पहलवान से दौड़ा  नहीं जाता।
रोहन से टहला भी नहीं जाता।
मुझसे चला नहीं जाता।
धूप में दौड़ा नहीं जाता।

उक्त वाक्यों में कर्ता या कर्म प्रधान न होकर भाव मुख्य हैं, अतः इनकी क्रियाएँ भाववाच्य का उदाहरण हैं।

  • हमसे वहाँ नहीं ठहरा जाता।
  • उससे आगे क्यों नहीं पढ़ा जाता। 
  • मुझसे शोर में नहीं सोया जाता।


ध्यान रखने योग्य तथ्य :

  • भाववाच्य का प्रयोग विवशता, असमर्थता (प्रायः नकारात्मक) व्यक्त करने के लिए होता है।
  • भाववाच्य में प्रायः अकर्मक क्रिया होती है।
  • भाववाच्य में क्रिया सदैव अन्य पुरुष, पुल्लिंग और एकवचन में होती है।



जैसे –

  • चलो, अब सोया जाए।
  • ऐसी धूप में कैसे चला जाएगा।
  • मरीज  से रोया भी नहीं जाता।
  • इस मोटे व्यक्ति से उठा नहीं जाता।
  • चलो टहलने  चला जाए।


भाववाच्य को केवल कर्तृवाच्य में बदला जा सकता है।



वाच्य-परिवर्तन


वाच्य परिवर्तन के अंतर्गत तीनों प्रकार के वाच्यों को परस्पर परिवर्तित किया जाता है

1. कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना:


 कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाने के लिए –

कर्तृवाच्य के कर्ता के साथ यदि कोई विभक्ति लगी हो, तो उसे हटाकर ‘के’ अथवा ‘के द्वारा’ परसर्ग का प्रयोग किया जाता है।

कर्म के साथ कोई परसर्ग हो तो उसे हटा दिया जाता है।

कर्तृवाच्य की मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल में परिवर्तित किया जाता है। परिवर्तित क्रिया के साथ ‘जाना’ क्रिया का काल, पुरुष, वचन और लिंग के अनुसार जो रूप हो, उसे जोड़कर साधारण क्रिया को संयुक्त क्रिया में बदला जाता है।

क्रिया का प्रयोग कर्म के लिंग पुरुष और वचन के अनुसार करके ‘जा’ धातु को उचित रूप जोड़ देते हैं; जैसे –

कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तित कुछ उदाहरण



1.कर्तृवाच्य- चित्रकार चित्र बनाता है।
कर्मवाच्य- चित्रकार द्वारा चित्र बनाया जाता है।


2.कर्तृवाच्य- राधा नृत्य करती है।
कर्मवाच्य- राधा द्वारा नृत्य किया जाता है।



3.कर्तृवाच्य-पुलिस ने अपराधी को पकड़ा।
कर्मवाच्य-पुलिस द्वारा अपराधी को पकड़ा गया।



4.कर्तृवाच्य-यह दुकान पिता जी ने बनवाई थी।
कर्मवाच्य-यह दुकान पिता जी के द्वारा बनवाई गई थी।



5.कर्तृवाच्य- निशा ने अच्छी कविता लिखी है।
कर्मवाच्य- निशा द्वारा अच्छी कविता लिखी गई।


2. कर्तृवाच्य से भाववाच्य में बदलना:


भाववाच्य में मुख्य रूप से निषेधात्मक वाक्य आते हैं। भाववाच्य बनाते समय ने परसर्ग हटाकर से जोड़ दिया जाता है तथा क्रिया में आवश्यक बदलाव कर दिया जाता है.

कर्तृवाच्य से भाववाच्य में वाच्य परिवर्तन
कर्तृवाच्य से भाववाच्य में वाच्य परिवर्तन के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए-

  • कर्ता के साथ ‘से’ विभक्ति चिह्न लगा दिया जाता है।
  • क्रिया को सामान्य भूत काल में लाकर उसक साथ काल के अनुसार ‘जाना’ क्रिया रूप जोड़ा जाता है।
  • क्रिया को एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरुष में परिवर्तित कर दिया जाता है।
  • आवश्यकतानुसार निबंध सूचक ‘नहीं‘ का प्रयोग होता है।



कर्तृवाच्य से भाववाच्य में परिवर्तित कुछ उदाहरण



1.कर्तृवाच्य-राधा नहीं हंसती।
भाववाच्य-राधा से हँसा नहीं जाता।


2.कर्तृवाच्य-मैं पढ़ नहीं सकती।
भाववाच्य-मुझसे पढ़ा नहीं जाता।


3.कर्तृवाच्य-अब घूमें।
भाववाच्य-अब घूमा जाए।


4.कर्तृवाच्य-मजदूरों ने ईंट नहीं उठाई।
भाववाच्य-मजदूरों से ईंट उठाई नहीं जाती।


5.कर्तृवाच्य-बूढ़ी माँ चल नहीं सकती।
भाववाच्य-बूढ़ी माँ से चला नहीं जाता।



3. कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य में बदलना –



1. कर्मवाच्य: लड़कियों द्वारा बाजार जाया जा रहा है।
    कर्तृवाच्य: लड़कियाँ  बाजार जा रही हैं ।


2. कर्मवाच्य:मेरे द्वारा रामायण पढ़ी जा रही है।
    कर्तृवाच्य: मैं रामायण पढ़ रहा हूँ।


3. कर्मवाच्य:ममता से रामायण पढ़ी गई।
    कर्तृवाच्य:ममता ने रामायण पढ़ी।


4. कर्मवाच्य:लता से गाना गाया जाएगा।
    कर्तृवाच्य: लता गाना गाएगी।


5. कर्मवाच्य:धर्मवीर से वेद पढ़ा जाएगा।
    कर्तृवाच्य:धर्मवीर वेद पढ़ेगा।


6. कर्मवाच्य:तुमसे फूल तोड़े जाएंगे।
    कर्तृवाच्य:तुम फूल तोड़ोगे।


7. कर्मवाच्य:नौकर द्वारा चाय लाई जाएगी।
    कर्तृवाच्य:नौकर चाय लाएगा।



4. भाववाच्य से कर्तृवाच्य में परिवर्तन –



1. भाववाच्य:राम से तेज दौड़ा जाता है।
    कर्तृवाच्य: राम तेज दौड़ता है।

2. भाववाच्य:मुझसे सर्दियों में नहीं नहाया जाता।
    कर्तृवाच्य: मैं सर्दियों में नहीं नहाता।

3. भाववाच्य: आशा से नहीं हँसा जाता।
    कर्तृवाच्य: आशा नहीं हँसती।

4. भाववाच्य:बच्चे से खूब सोया गया।
    कर्तृवाच्य:  बच्चा खूब सोया।


5. भाववाच्य:रमा से पढ़ा नहीं जाता।
    कर्तृवाच्य:  रमा नहीं पढ़ती।

6. भाववाच्य:मुझसे हँसा जाता है।
    कर्तृवाच्य:  मैं हँसता हूँ।

7. भाववाच्य:मोर से ऊँचा नहीं उड़ा जाता ।
    कर्तृवाच्य:  मोर ऊँचा नहीं उड़ता।



प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों के वाच्य का नाम लिखिए.


1-वह खाना खाकर सो  गया। 

2-राकेश से चला नहीं जाता।

3-आज निश्चिन्त  होकर खेला  जाएगा। 

4-ड्राईवर ऑटो  चलाता जा रहा था।

5-उससे समाचार-पत्र  नहीं पढ़ा जाता।

6-सुभद्रा  से यह सामान नहीं उठाया जाता।

7-छात्राएँ रात-रात भर लिखाई  करती रहीं ।

8-वह कृष्णलीला  देख रहा है।

9-सोनिया  रात भर सो न सकी।

10-अश्विन  से एक भी गेंद नहीं फेंकी गई।



उत्तरः

1-कर्तृवाच्य

2-भाववाच्य

3-भाववाच्य

4-कर्तृवाच्य

5-भाववाच्य 

6-कर्मवाच्य

7-कर्तृवाच्य

8-कर्तृवाच्य

9-भाववाच्य

10-कर्मवाच्य



प्रश्न 2. निम्नलिखित वाक्यों को कर्तृवाच्य में बदलिए-

1-दीप्ति द्वारा नहीं लिखा जाता।

2-शोभना से पढ़ा नहीं जाता। 

3-श्रद्धालु काशीवासियों द्वारा इस सभा का आयोजन किया जाता है।

4-समर्थकों द्वारा पुष्प वर्षा की गई। 

5-आपके द्वारा उनके विषय में क्या सोचा जाता है। 

6-उनके द्वारा कैप्टन की देशभक्ति का सम्मान किया गया।

7-चलिए, अब सोया जाए। 

8-परीक्षा के बारे में अध्यापक द्वारा क्या कहा गया? 

9-चलो, आज मिलकर कहीं घूमा जाए। 

10-महादेवी वर्मा द्वारा ‘यामा’ लिखी गई।

11-माँ से रात भर बैठा नहीं जाएगा। 

12-प्रेमचंद द्वारा गोदान लिखा गया। 

13-इन मच्छरों में रातभर कैसे सोया जाएगा। 

14-मुझसे सहा नहीं जाता।

15-कथावाचक द्वारा गीता का रहस्य समझाया गया।



उत्तरः


1-दीप्ति नहीं लिखती है।

2-शोभना नहीं पढ़ती है।

3-श्रद्धालु काशीवासी इस सभा का आयोजन करते हैं।

4-समर्थकों ने पुष्पवर्षा की।

5-आप उनके विषय में क्या सोचते हैं।

6-उन्होंने कैप्टन की देशभक्ति का सम्मान किया।

7-चलो,अब सोते हैं।

8-परीक्षा के बारे में अध्यापक ने क्या कहा?

9-चलो आज मिलकर कहीं घूमते हैं।

10-महादेवी ने ‘यामा’ लिखी।

11-माँ रात भर बैठ नहीं सकेगी।

12-प्रेमचंद ने गोदान लिखा।

13-इन मच्छरों में रात भर कैसे सोएँगे।

14-मैं सह नहीं सकता।

15-कथावाचक ने गीता का रहस्य समझाया।




प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए-


1-उन्होंने दोनों भाइयों को पढ़ाया। 

2-रामपाल ने बड़े दुखी मन से अपना अपराध स्वीकार किया।

3-उसने भगत को दुनियादारी से निवृत्त कर दिया। 

4-आओ, कुछ बातें करें। 

5-हमने उसको अच्छे संस्कार देने का प्रयास किया। 

6-मंत्री जी ने राहत सामग्री बँटवाई। 

7-अनेक श्रोताओं ने कविता की प्रशंसा की। 

8-बहन ने भाई को प्रेमपूर्वक राखी बाँधी। 

9-सभी दर्शकों ने नाटक की प्रशंसा की। 

10-उसने भोजन कर लिया।

11-सरकार ने शिक्षा का बजट दूना कर दिया है।

12-मंत्री जी ने मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन किया।

13-दाल के दाम ने लोगों को रुला दिया है।

14-उसने नया व्यवसाय शुरू कर दिया है।

15-वह कालीन बुनता है।



उत्तरः


1-उनके द्वारा दोनों भाईयों को पढ़ाया गया।

2-रामपाल द्वारा अत्यंत दुखी मन से अपना अपराध स्वीकार किया गया।

3-उसके द्वारा भगत को दुनियादारी से मुक्त कर दिया गया।

4-आइए, कुछ बातें की जाएँ।

5-हमारे द्वारा उसको अच्छे संस्कार देने का प्रयास किया गया।

6-मंत्री जी द्वारा राहत सामग्री बँटवाई गई।

7-अनेक श्रोताओं द्वारा कविता की प्रशंसा की गई।

8-बहन द्वारा भाई को प्रेमपूर्वक राखी बाँधी गई।

9-सभी दर्शकों द्वारा नाटक की प्रशंसा की गई।

10-उसके द्वारा भोजन कर लिया गया।

11-सरकार द्वारा शिक्षा का बजट दूना बढ़ा दिया गया है।

12-मंत्री जी द्वारा मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन किया गया।

13-दाल के दाम द्वारा लोगों को रुला दिया गया है।

14-उसके द्वारा नया व्यवसाय शुरू कर दिया गया है।

15-उसके द्वारा कालीन बुना जाता है।




प्रश्न 4. निम्नलिखित वाक्यों को भाववच्य में बदलिए-


  1. घायल होने के कारण वह उड़ नहीं पाया।
  2. मोहिनी क्षणभर के लिए भी शांत नहीं बैठती है। 
  3. चलो, अब चलते हैं।
  4. माँ रो भी नहीं सकती।
  5. हम इतनी गरमी में नहीं रह सकते। 
  6. वह खड़ा नहीं हो सकता।
  7. वह अब भी बैठ नहीं सकता। 
  8. पेड़ कट गए हैं।
  9. मैं पढ़ नहीं सकता।

उत्तरः

  1. घायल होने के कारण उससे उड़ा नहीं गया।
  2. मोहिनी से क्षण भर भी शांत नहीं बैठा जाता है।
  3. चलिए अब चला जाए।
  4. माँ से रोया भी नहीं जाता।
  5. हमसे इतनी गरमी में भी नहीं रहा जाता।
  6. उससे खड़ा नहीं हुआ जा सकता।
  7. उससे अब भी बैठा नहीं जाता।
  8. पेड़ों को काट दिया गया है।
  9. मुझसे पढ़ा नहीं जा सकता।


प्रश्न 5. निम्नलिखित वाक्यों में वाच्य परिवर्तन कीजिए – 

  1. यह मकान दादाजी ने बनवाया है। (कर्म वाच्य)
  2. वह दौड़ नहीं सकता। (भाव वाच्य)
  3. अध्यापक द्वारा विद्यार्थी को पढ़ाया गया। (कर्तृ वाच्य)
  4. राष्ट्रपति ने इस भवन का उद्घाटन किया। (कर्म वाच्य)



उत्तरः

  1. यह मकान दादाजी के द्वारा बनवाया गया है।
  2. उससे दौड़ा नहीं जाता।
  3. अध्यापक ने विद्यार्थी को पढ़ाया।
  4. राष्ट्रपति  द्वारा इस भवन का उद्घाटन किया गया।



Work Sheet
अभ्यास के लिए प्रश्न 


प्रश्न 1  . निम्नलिखित वाक्यों के वाच्य भेद पहचानिए-

  1. मुझसे अंग्रेज़ी नहीं पढ़ी गई।
  2. सोहा  पत्र लिखती है।
  3. लता मंगेशकर मधुर गीत गाती है।
  4. बच्चे विद्यालय को साफ़-सुथरा रखेंगे।
  5. बोझ के कारण मज़दूर से चला नहीं जाता।

प्रश्न 2. निम्नलिखित वाक्यों के वाच्य भेद पहचानिए –

  1. मरीज से अब और नहीं सहा जाता।
  2. शेर शिकार की तलाश में घूम रहे हैं।
  3. उसने बच्चे को खिलौना दिया।
  4. अध्यापक द्वारा हिंदी भाषा सिखाई जाती है।
  5. मच्छरों ने रात की नींद बेकार  कर दी


प्रश्न 3. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए –

  1. भूमिहीन लोग बहुगुणा को याद करते हैं। (कर्मवाच्य)
  2. गरम रेत में कैसे चला जाएगा। (कर्तृवाच्य)
  3. बच्चे कैरम  खेलेंगे। (कर्मवाच्य)
  4. घायल व्यक्ति अस्पताल से कैसे भागेगा। (भाववाच्य)
  5. मैं किसी  समस्या का समाधान खोज रहा हूँ। (कर्मवाच्य)
  6. रानी अवंतिबाई  ने अंग्रेजों से युद्ध किया। (कर्मवाच्य)


प्रश्न 4. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए –

  1. प्रताप  द्वारा मुगलों  को नाकों  चने चबवाए गए। (कर्तृवाच्य)
  2. इतने शोर-शराबे  में मैं नहीं सो सकता हूँ। (भाववाच्य)
  3. किसने गमला तोड़ा है। (कर्मवाच्य)
  4. छोटा-सा बच्चा मस्जिद के पास भीख माँग रहा था। (कर्मवाच्य)
  5. राणा प्रताप द्वारा घास-दूब  की रोटियाँ खाईं गईं। (कर्तृवाच्य

प्रश्न 5. कर्मवाच्य किसे कहते हैं ? कर्मवाच्य में बदलते समय क्या-क्या बदलाव करना चाहिए?

प्रश्न 6. भाववाच्य से आप क्या समझते हैं ? भाववाच्य की क्रिया की विशेषताएँ लिखिए।


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