- शुभचिंतक -भला चाहने वाला ,हितैषी
- प्रतिकूलता-अनुकूल परिस्थितियां न होना, विपरीत परिस्थिति होना ,
- शीत किरणें - ठंडक पहुंचाने वाली किरणें ,
- धुंधली छाया- हल्की सी छाया,स्पष्ट दिखाई न देना ,
- आषाढ़- गर्मी का महीना (कुछ बारिश होती है )
- स्नेह सने- प्रेम से परिपूर्ण
- हांडी -एक प्रकार का बर्तन
- सरसाम- सिर पर चढ़ने वाला बुखार
- विशूचिका- छूत की बीमारी, संक्रमण रोग
- कुनैन मिक्सचर- एक प्रकार की दवाई
- कार-परोजन -काम का उद्देश्य,
- अनुपस्थिति-उपस्थित न होना,
- विह्वल - घबराया हुआ (भरा हुआ )
- अभिनय- नाटक(नाटक की कला )
- पुत्रोत्पत्ति- पुत्र का पैदा होना
- अभयदान- निर्भीकता प्रदान करना
- श्राद्ध -पूर्वजों के लिए किया जाने वाला भोज कृत्य,
- पछुआ या पछुवा - पश्चिमी हवाएं
- स्नेह पूर्ण- प्रेम से भरी हुई
Dadi Maa Class 7 Summary
Dadi Maa summary
दादी के स्वर्गवास का पत्र पढ़कर लेखक हैरान रह गया और दादी मां के जीवन से जुड़ी घटनाएँ चलचित्र की भांति उसकी आँखों के सामने से गुजरने लगीं .
गाँव का दृश्य- अचानक ही लेखक की आंखों के सामने गांव का दृश्य साकार होता है .आश्विन मास के दिन का समय और गांव के चारों ओर पानी ही पानी का हिलोरें लेना , दूर के नाले से बहकर अनेक प्रकार की सड़ी-गली घास और नाना प्रकार की घास के बीजों का बहकर आना ,पानी का बदबू मारना, गांव के जलाशयों (सरोवर) में लड़कों का धमाके(छपाक ) से कूदना और भी बहुत कुछ याद आने लगा .
गांव में गंध भरे जलाशयों में नहाने की इच्छा सभी में विद्यमान रहती थी लेकिन लेखक को बचपन की वह घटना भी नहीं भूलती कि एक बार उसे ज्वर था तो वह इस जलाशय में नहाने का आनंद न ले सका तो उसे कितना दुख हुआ था.
दादी माँ का व्यक्तित्व- दुबला- पतला शरीर, बिना किनारी किसफेद धोती पहने, सन( जूट ) की तरह सफेद बाल और उनसे ताजे पानी की बूंदों के टपकने का दृश्य लेखक की आंखों के सामने छा गया.
दादी माँ का स्वभाव- स्नेह सिक्त भाव- जब लेखक बचपन में एक बार बीमार हो जाता है तो बार-बार उसके माथे, पेट और पाँव को छूना व ज्वर मालूम करना ,दिन रात उसकी चारपाई के पास बैठना , चबूतरों की मिट्टी लाकर माथे पर लगाना व मुँह में डालना , पीपल की छाल से पानी छौंकना, वैद्य की दवाइयाँ देना, लेखक ही नहीं गांव का कोई भी सदस्य बीमार हो जाए तो पूरी दवाइयां व इलाज बताना उनके दूसरों के प्रति स्नेह को ही दर्शाता है.
बोलने में कठोरता- दादी माँ का धन्नो पर बिगड़ना व उसे डाँटना कि उसका ऋण तुरंत सूद समेत चुकाए .क्रोध करते वक्त दादी मां ने उसके आंसुओं की परवाह नहीं की आदेश पूर्वक उससे पैसे मांग रही थी इससे स्पष्ट होता है कि उनकी वाणी में कठोरता थी. वे उसूलों की पक्की थीं .
परदुखकातरता - दादी दूसरों के दुःख को समझतीं थीं . परोपकार की भावना उनके मन में कूट-कूट कर भरी थी .उनका मन किसी के दुख को देखकर मोम की तरह पिघल जाता था. लेखक को एक दिन रामू की चाची धन्नो मिल गई जो दादी को कोसने के बदले उसके लिए मंगलकामनाएँ कर रही थी लेखक को इस पर आश्चर्य हुआ. इसके पीछे यह कारण था कि दादी धन्नो के घर उसके लड़के के विवाह के लिए शुभकामना देने गई थी धन्नो के अनुसार दादी ने न केवल उसका सारा ऋण माफ किया बल्कि लड़के की शादी हेतु ₹10 का शगुन भी दे आई थी. इससे स्पष्ट होता है कि दादी परोपकारी होने के साथ ऊपर से कठोर लेकिन भीतर से अत्यंत कोमल स्वाभाव की थीं .
हँसमुख व सरल स्वभाव- किशन भैया की शादी के समय जब केवल औरतें ही गाना और अभिनय में व्यस्त थीं तो लेखक बीमारी के कारण और भाई विलंब के कारण बारात में नहीं जा सके तो दादी ने दोनों को चुपके से चादर उढ़ा कर सुला दिया परंतु भेद खुलने पर दादी ने उनकी रक्षा की व औरतों को डांट दिया. इस प्रकार दादी हँसमुख स्वभाव के कारण सबकी आदरणीय थी.
बड़ों का दायित्व और जिम्मेदारी निभाना और भविष्य की चिंता- पति की मृत्यु के बाद एक दिन जबदादी ने पुत्र और पोते को घर की गरीबी पर चिंता में परेशां देखा तो तुरंत अपनी संदूक से सोने का कंगन निकालकर ले आईं . वह कंगन उसके पति की अंतिम निशानी थी .उसने कहा यह इस मजबूरी में काम आ सकता है उस समय लेखक को दादी एक देवी (अवतार)के समान प्रतीत होती है.
प्रभावशाली- वैसे तो यह माना जाता था कि दादी माँ कोई काम नहीं करतीं लेकिन घर का और बाहर का सभी कार्य दादी माँ के बिना अधूरा रहता था. छोटे-बड़े सब कामों में दादी की उपस्थिति व सलाह जरुरी थी.
धार्मिक प्रवृत्ति- भीगी साड़ी में भी दीया जला कर पूजा अर्चना दर्शाता है कि वे धार्मिक प्रवृत्ति की थी.
लेखक यादों में डूबकर वर्तमान में लौटे , दादी मां की मृत्यु का पत्र पढ़ते ही लेखक के सामने दादी का चित्र झूल उठा और उनकी याद में एकदम उदास हो गए .
DADI MAA
भाषा की बात
Dadi Maa Class 7 Bhasha ki baat
नीचे दी गई पंक्तियों पर ध्यान दीजिए
- जरा-सी कठिनाई पड़ते
- अनमना-सा हो जाता है
- सन-से सफेद
प्रश्न- समानता का बोध कराने के लिए सा, सी, से का प्रयोग किया जाता है ऐसे पाँच और शब्द लिखिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए .
- बर्फ-सा ठंडा शरीर
- बुखार उतरते ही उसका शरीर बर्फ-सा ठंडा हो गया.
- मिश्री-सी मीठी
- बच्चों की मिश्री-सी मीठी बातें कानों को बहुत आनंद देती हैं.
- हल्दी-सा पीला
- घर की परेशानियां झेल-झेल कर मोहन इतना कमजोर हो गया कि उसका रंग हल्दी-सा पीला रहने लगा.
- भँवरे-से
- सीता के बाल भंवरे-से काले हैं.
- सागर-सा गहरा
- कबीर का ज्ञान सागर-सा गहरा था.
- नीला–सा – आसमान नीला–सा हो गया है।
- सुन्दर–सा – इस बच्चें का चेहरा कितना सुन्दर–सा है
- गोल–सा – आज चंद्रमा बिल्कुल गोल–सा है।
- लम्बा–सा – यह लंबा–सा आदमी इधर ही आ रहा है।
- छोटी–सी – वहाँ छोटी−सी लड़की खेल रही थी।
- सरिस – पीपर पात सरिस मन डोला।
- ज्यों – बोली ऐसी उसकी ज्यों कोयल की कूंक।
- जैसा – यह कपड़ा दूध जैसा सफ़ेद है।
प्रश्न- कहानी में छू-छू कर ज्वर का अनुमान करतीं ,
पूछ-पूछ कर घरवालों को परेशान कर देतीं ,जैसे वाक्य आए हैं .
किसी क्रिया को जोर देकर कहने के लिए एक से अधिक बार एक ही शब्द का प्रयोग होता है ,
जैसे - वहाँ जा-जा कर थक गया ,
उन्हें खोज-खोज कर देख लिया .
इस प्रकार के पाँच वाक्य बनाइए
- खेत के किनारे दूर-दूर तक कोई न था.
- माँ न जाने क्यों जोर-जोर से चिल्ला रही थी.
- जीवन में कदम-कदम पर परीक्षा देनी पड़ती है.
- मेरे बार-बार मना करने पर भी वह घर छोड़कर चला गया.
- चोरों ने घर के मालिक को मार-मार कर अधमरा कर दिया.
- बोल – बोलकर देख लिया।
- देख – देखकर थक गया।
- मार – मारकर थक गया।
- मना – कर-कर के हार गई।
- सुन – सुन कर थक गया।
प्रश्न- बोलचाल में प्रयोग होने वाले शब्द और वाक्यांश ‘दादी माँ’ कहानी में हैं। इन शब्दों और वाक्यांशो से पता चलता है कि यह कहानी किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित है। ऐसे शब्दों और वाक्यांशो में क्षेत्रीय बोलचाल की खूबियाँ होती हैं। उदाहरण के लिए-निकसार, बरह्मा, उरिन, चिउड़ा, छौंका इत्यादि शब्दों को देखा जा सकता है। इन शब्दों का उच्चारण अन्य क्षेत्रीय बोलयों में अलग ढंग से होता है, जैसे-चिउड़ा को चिड़वा, चूड़त्र, पोहा और इसी तरह छौंका को छौंक, तड़का भी कहा जाता है। निकसार, उरिन और बरह्मा शब्द क्रमश: निकास, उऋण और ब्रह्मा शब्द का क्षेत्रीय रूप हैं। इस प्रकार के दस शब्दों को बोलचाल में उपयोग होनेवाली भाषा/बोली से एकत्र कीजिए और कक्षा में लिखकर दिखाइए।
बोलचाल में उपयोग होने वाली भाषा/बोली से एकत्र दस शब्द
- कार-परोजन
- किरपा
- किरपान
- हिरदय
- लच्छन
- रमायन
- कृशन
- लक्षमन
- लच्छमी
- रिसतेदार
बोलचाल की भाषा में प्रचलित शब्द / हिंदी रूपांतरण
- छोरी /लड़की
- आप / घमंड
- बाँदा/व्यक्ति
- घना/अधिक
- हुड़क/चाहत
- बटेऊ / दामाद
- घासलेट/मिट्टी का तेल
- भनक/शक
- काहे /किसलिए
DADI MAA
कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
Dadi Maa Class 7 Question Answer
Dadi Maa Class 7 Prashnottar
प्रश्न- दादी की याद आते ही लेखक के सामने क्या तस्वीर बन जाती थी?
उत्तर- दादी की याद आते ही शरद ऋतु की शीत किरणों की भांति ,आंखों को अच्छा लगने वाली एक धुंधली सी तस्वीर बन जाती थी जो अपनेपन से भरी होती थी.
प्रश्न -महामारी और विशूचिका बीमारी से आप क्या समझते?
और- महामारी ऐसी बीमारी है जो फैल जाए तो अनगिनत लोगों को मौत के मुंह में धकेल देती है अर्थात बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी में मारे जाते हैं .
जैसे - वर्तमान में कोरोना महामारी का रूप ले चुका है ?
विशूचिका अर्थात छूत की बीमारी होती है ऐसी बीमारी जो एक दूसरे से एक को हो जाती है.
प्रश्न- दादी ने धन्नो से रुपयों की मांग सूद (ब्याज) समेत क्यों की ?
उत्तर- धन्नो ने दादी मां से ऋण लिया हुआ था .दादी कठोर बनकर धन्नो से पैसे माँग कर धन्नो को एहसास दिलाना चाहती थी कि उसके ऋण का ब्याज बढ़ता जा रहा है.
प्रश्न - रामी की चाची धन्नो को दादी ने उरिण क्यों किया ?
उत्तर- दादी ने अपने परोपकारी स्वभाव के कारण धन्नो को उरिण कर दिया .साथ ही उसकी बेटी की शादी में दस रूपए का नोट शगुन के तौर पर भी दिया.
प्रश्न- दादी माँ अक्सर उदास क्यों रहती थीं ?
उत्तर - पति की मृत्यु होने बाद दादी के मन को धक्का लगा. घर की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी इसलिए वे उदासी से घिरी रहती थीं .
प्रश्न- पिताजी व किशन भैया उदास क्यों बैठे थे?
उत्तर-पिताजी व किशन भैया उदास बैठे थे क्योंकि उधर का पैसा दिन-प्रतिदिन ब्याज लगकर बढ़ता जा रहा था . कोई उधर भी नहीं देता था और बहुत से लोगों का उधार पहले ही बचा हुआ था .
प्रश्न- दादी माँ ने अपने वंश की अंतिम निशानी सोने का कंगन अपने पुत्र को क्यों दिया?
उत्तर- उनका पुत्र व पोता दोनों ही आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे थे उनकी परेशानी दादी माँ से देखी न गई तो उन्होंने सोचा कि कंगन इस समय दुखों से छुटकारा दिला सकता है उसको बेचकर ही पैसे प्राप्त हो सकते हैं इसलिए दादी माँ ने कंगन अपने पुत्र को दिया.
प्रश्न- लेखक द्वारा ‘दादी माँ ‘ पाठ लिखने का उद्देश्य क्या है?
उत्तर- ‘दादी माँ ‘ पाठ के द्वारा लेखक यह बताना चाहता है कि जीवन की कुछ ऐसी यादें होती हैं जो कभी भी नहीं भूलती और कई यादें सीख के रूप में मनुष्य के साथ सदैव जुड़ी रहती हैं .पाठ में भी यही दर्शाया गया है कि जब लेखक को अपनी दादी की मृत्यु का सन्देश मिलता है तो वे अपने बचपन की यादों में खो जाते हैं और दादी के साथ जुड़ी सारी बातों को सोचने लगते हैं . उन यादों के सामने उन्हें इस बात का विश्वास ही नहीं होता कि दादी की मृत्यु हो गई है.
प्रश्न- दादी माँ के व्यक्तित्व की विशेषताएं लिखिए
उत्तर- दादी माँ के व्यक्तित्व की विशेषताएं हैं-
स्नेहमयी, मददगार, सलाहकार, सेवा भाव, दयालु, प्रभावशाली, सरल एवं सहज, वाणी से कठोर, परदुखकातर आदि दादी मां के व्यक्तित्व की विशेषताएं हैं .
प्रश्न- यह पाठ हमें क्या संदेश देता है?
उत्तर- पाठ ‘ दादी माँ ‘ हमें संदेश देता है कि बड़ों की सीख सदा महत्वपूर्ण होती है ,
जैसे- लेखक शिव प्रसाद को पग-पग पर दादी की दी गई सीख उपयोगी साबित होती है .गांव के बीमार लोगों की देखभाल करना,
दादी द्वारा धन्नो का ऋण माफ करना,
बेटे और पोते को मुश्किल में देख कर अपना कंगन निकाल कर देना, आदि कार्य सीख देते हैं कि मुश्किल समय में दूसरों का सहारा बनना चाहिए और इस जीवन में अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन करना चाहिए .जीवन मूल्य हमेशा जीवन से बढ़कर होते हैं परिवार व समाज की भलाई के लिए हमेशा कार्य करना चाहिए.
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