Aksharon ka Mahatva Class 6 | अक्षरों का महत्त्व |

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पाठ -5

अक्षरों का महत्त्व 


vasant book class 6 Chapter 5 Aksharon ka Mahatva | अक्षरों का महत्त्व | PDF | Question Answer |NCERT Solution


chapter 5 hindi class 6

ध्वनि प्रस्तुति 





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Q&A



प्रश्न 1: पाठ में ऐसा क्यों कहा गया है कि अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरूआत हुई?

उत्तर: पाठ में ऐसा इसलिए कहा गया है; क्योंकि अक्षरों की खोज से पहले मानव सभ्यता का कोई लिखित इतिहास नहीं मिलता परन्तु अक्षरों की खोज के पश्चात् मानव ने इतिहास को लिखना आरम्भ किया और मानव द्वारा अर्जित इन्हीं अक्षरों के ज्ञान ने मानव को प्रगति पथ पर बढ़ाने व उसे सभ्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन सब कारणों से अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरूआत हुई; यह कहा गया है।

प्रश्न 2:  अक्षरों की खोज का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ? पाठ पढ़कर उत्तर लिखो।

उत्तर: अक्षरों की खोज करीब छह हज़ार साल पहले की मानी जाती है। इससे पहले मानव के पास अपने विचारों व भावों को व्यक्त करने का कोई साधन नहीं था; उन्होंने जानवरों, पक्षियों और मानवों के चित्रों द्वारा अपनी अभिव्यक्ति को प्रकट किया। धीरे-धीरे इन चित्र संकेंतों का स्थान भाव संकेतों ने ले लिया। इससे उन्होंने औरअच्छी तरह अपने विचारों व भावों को मानव, सूर्य-चन्द्रमा व देवी देवताओं के रूप में दर्शान आरम्भ किया और धीरे-धीरे अक्षर अस्तित्व में आए।

प्रश्न 3: अक्षरों के ज्ञान से पूर्व मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुँचाने के लिए किन- किन माध्यमों का सहारा लेता था ?

उत्तर: पहले मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज़ के इलाकों  तक पहुँचाने के लिए पशु-पक्षियों, आदमियों, सूर्य तथा चंद्र आदि के चित्रों का सहारा लेता था .शुरुआत के सीधी व आड़ी-तिरछी लकीरों के चित्र धीरे-धीरे संकेतों में बदल गए .बाद में यही संकेत भाव संकेत बने और फिर अक्षरों का निर्माण हुआ .

प्रश्न 4:  ‘भाषा का विकास पहले हुआ, अक्षर और लिपि का बाद में। बोली गई भाषा को अक्षरों की मदद से लिखा जा सकता है। कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अक्षर नहीं पहचानते, पर भाषा अच्छी तरह जानते हैं।’

ऊपर की पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए भाषा और अक्षर के संबंधों के बारे में एक अनुच्छेद लिखो।

उत्तर: अपने शब्दों में लिखो.



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 निबंध से आगे 



प्रश्न 1. अक्षरों के महत्त्व की तरह ध्वनि के महत्त्व के बारे में जितना जानते हो, लिखो।

उत्तर : अक्षरों और भाषा का गहरा संबंध है . भाषा को अक्षरों की  सहायता से ही लिखा जाता है.  जिस प्रकार भाषा के  लिखित रूप को अक्षरों से व्यक्त किया जाता है  उसी प्रकार भाषा  के मौखिक रूप का ध्वनि से संबंध है. मौखिक भाषा का आदान-प्रदान ध्वनि द्वारा ही संभव है . आपस में बोलकर भाव और विचारों को व्यक्त किया जाता है .इस अभिव्यक्ति में ध्वनि  के माध्यम से संकेतों को बताया जाता है . मुख  से निकलने वाली सार्थक ध्वनियाँ  भाषा का रूप ग्रहण करती हैं .कानों से सुनने के बाद ध्वनि  का अस्तित्व समाप्त हो जाता है. बोलने के तरीके के आधार पर ध्वनि (आवाज ) को आकर्षक बनाया जा सकता है. अतः कहा जा सकता है कि लिखित रूप में  अक्षरों का महत्व होता है. लिखी हुई  बातें लंबे समय तक संचित की जा सकती हैं . इन्हीं लिखी हुई बातों को ध्वनि के माध्यम से व्यक्त किया जाता है .


प्रश्न 2. मौखिक भाषा का जीवन में क्या महत्त्व होता है? इस पर शिक्षक के साथ कक्षा में बातचीत करो।


उत्तर: मौखिक भाषा का जीवन में बहुत महत्व है. सच्चाई तो यह है कि लिखित भाषा के बिना जीवन बिताया जा सकता है किंतु मौखिक भाषा के बिना जीवन में काम चला पाना संभव नहीं है . व्यावहारिक जीवन में मौखिक (बोलने वाली ) भाषा को ही व्यवहारिक भाषा माना जाता है . लिखित भाषा का प्रयोग प्रायः पत्र व्यवहार और औपचारिक कार्य में होता है पर मौखिक भाषा का प्रयोग प्रत्येक कदम पर करना पड़ता है .

बच्चे जन्म के बाद सुन-सुनकर मौखिक भाषा अपने आप सीख लेते हैं लेकिन लिखित रूप सीखने के लिए उन्हें प्रयास करना पड़ता है. यदि किसी व्यक्ति को लिखना नहीं आता है तो उसे अनपढ़ कहा जा सकता है लेकिन यदि उसे बोलन नहीं आता है तो उसे गूँगा ही समझा जाएगा.


प्रश्न 3. हर वैज्ञानिक खोज के साथ किसी-न-किसी वैज्ञानिक का नाम जुड़ा होता है, लेकिन अक्षरों के साथ ऐसा नहीं है, क्यों? पता करो और शिक्षक को बताओ।

उत्तर : अक्षरों की खोज किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं हुई  है। अक्षरों की खोज हजारों साल पहले कई लोगों के सम्मिलित प्रयास के माध्यम से हुई  है इसलिए इस खोज में  किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं लिया जा सकता . लकीरों और फिर संकेतों के बाद अक्षरों का निर्माण एक लम्बी विकास प्रक्रिया रही है . यह प्रक्रिया स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ती गई और परिपक्व रूप में भाषा का निर्माण हुआ . विकास की यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहती है .

प्रश्न 4. एक भाषा को कई लिपियों में लिखा जा सकता है। उसी तरह कई भाषाओं को एक ही लिपि में लिखा जा सकता है। नीचे एक ही बात को अलग-अलग भाषाओं में लिखा गया है। इन्हें ध्यान से देखो और इनमें दिए गए वर्णों  की मदद से कोई नया शब्द बनाने की कोशिश करो-


क्या शानदार दिन है! ( हिन्दी )

ਕਿੰਨਾ ਵਧੀਆ ਦਿਨ!   (पंजाबी )
Kinā vadhī'ā dina!

କେତେ ଭଲ ଦିନ       (ओडिया)

ఎంత గొప్ప దినం! (तेलुगू  )
Enta goppa dinaṁ!

என்ன ஒரு சிறந்த நாள்! (तमिल )
Eṉṉa oru ciṟanta nāḷ!

অনেক সুন্দর একটা দিন! (बाँग्ला )
Anēka sundara ēkaṭā dina!




अनुमान और कल्पना  


प्रश्न 1. पुराने ज़माने में लोग यह क्यों सोचते थे कि अक्षर और भाषा की खोज ईश्वर ने की थी? अनुमान लगाओ और बताओ?

उत्तर : पुराने समय में प्रकृति  को अधिक महत्त्व दिया जाता था . जिस बात की जानकारी नहीं होती थी उसे सिमित ज्ञान के कारण ईश्वर से जोड़ दिया जाता था, उनका ईश्वर के प्रति अधिक विश्वास था. पुराने जमाने के लोग यही सोचते थे कि जिस तरह इस दुनिया की खोज ईश्वर ने की है उसी प्रकार अक्षर और भाषा की खोज भी ईश्वर ने की होगी.


प्रश्न 2. अक्षरों के महत्त्व के साथ ही मनुष्य के जीवन में गीत, नृत्य और खेलों का भी महत्व है। कक्षा में समूह में बातचीत करके इनके महत्त्व के बारे में जानकारी इकट्ठी करो और कक्षा में प्रस्तुत करो।

उत्तर : अक्षरों की महत्ता के साथ-साथ गीत, नृत्य और खेलों का भी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। जिस प्रकार गीत और नृत्य हमारे संस्कृति का विकास करते है उसी प्रकार खेल से हमारा शारीरिक विकास होता है। गीत,नृत्य और खेल ये सभी मनोरंजन के साधन भी हैं .


प्रश्न 3. क्या होता अगर…


(क) हमारे पास अक्षर न होते
(ख) भाषा न होती


उत्तर : (क) यदि हमें अक्षरों का ज्ञान नहीं होता तो-

हम हजारों साल पहले की दुनिया में भटकते रहते।
हमारा ज्ञान आगे की पीढ़ी तक नहीं पहुँचता।
हम अपने विचारों और भावों को लिखकर व्यक्त नहीं कर पाते।
हमें लिखित रूप में कुछ भी प्राप्त नहीं होता।


(ख) यदि भाषा नहीं होती तो-

लोग अपने विचारों को बोलकर व्यक्त नहीं कर पाते ।
हमारा सामाजिक दायरा बढ़ नहीं पता।


ncert hindi class 6 chapter 1 Grammar

भाषा की बात


प्रश्न 1:  अनादि काल में रेखांकित शब्द का अर्थ है -जिसकी कोई शुरुआत या आदि न हो। नीचे दिए गए शब्द भी मूल शब्द के शुरू में कुछ जोड़ने से बने हैं। इसे उपसर्ग कहते हैं। इन उपसर्गों को अलग करके लिखो और मूल शब्दों को लिखकर उनका अर्थ समझो—


  • असफल……….
  • अदृश्य………….
  • अनुचित………...
  • अनावश्यक……...
  • अपरिचित……….
  • अनिच्छा…………



(क) अब बताओ कि ये उपसर्ग जिन शब्दों के साथ जुड़ रहे हैं क्या उनमें कोई अंतर है?

उत्तर: (क) हाँ उनके अर्थो में अंतर आ जाता है। अ उपसर्ग लगा देने से प्राय: शब्दों के अर्थ विपरीत हो जाते हैं। जैसे-


असफल:सफल

अनुचित:उचित

अपरिचित:परिचित

अदृश्य:दृश्य

अनावश्यक:आवश्यक

अनिच्छा:इच्छा


(ख) उपर्युक्त शब्दों से वाक्य बनाओ और समझो कि ये संज्ञा हैं या विशेषण।


प्रश्न 2: वैसे तो संख्याएँ संज्ञा होती हैं पर कभी-कभी ये विशेषण का काम भी करती हैं, 
जैसे- नीचे लिखे वाक्य में

  • हमारी धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है।
  • कोई दस हजार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया।


इन वाक्यों में रेखांकित अंश ‘साल’ संज्ञा के बारे में विशेष जानकारी दे रहे हैं, इसलिए संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण का इस्तेमाल उन्हीं चीज़ों के लिए होता है जिन्हें गिना जा सकें ।
जैसे – चार संतरे, पाँच बच्चे, तीन शहर आदि। पर यदि किसी चीज़ को गिना नहीं जा सकता तो उसके साथ संख्या वाले शब्दों के अलावा माप-तौल आदि के शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता है—

तीन जग पानी

एक किलो चीनी 

यहा रेखांकित हिस्से परिमाणवाचक विशेषण हैं क्योंकि इनका संबंध माप-तौल से है। अब नीचे लिखे हुए को पढ़ो। खाली स्थानों में  दिए गए माप-तौल के उचित शब्द छाँटकर लिखो।


प्याला |कटोरी |एकड़ |मीटर
लीटर | किलो | ट्रक | चम्मच


तीन……………..खीर

दो………………ज़मीन

छह………………कपड़ा

एक………………रेत

दो………………कॉफ़ी

पाँच………………बाजरा

एक………………दूध

तीन………………तेल



उत्तर:

(1) तीन कटोरी खीर

(2) छह मीटर कपड़ा

(3) दो प्याला कॉफ़ी

(4) एक लीटर दूध

(5) दो एकड़ ज़मीन

(6) एक ट्रक रेत

(7) पाँच किलो बाजरा

(8) तीन चम्मच तेल




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जय हिन्द 
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